शनि का दशम भाव में फल | Saturn Effects in Tenth House
शनि का दशम भाव में फल | Saturn Effects in Tenth House. जन्मकुंडली में दशमभाव को कर्म भाव के नाम जाना जाता है। इसे केंद्र स्थान कहा जाता है। इस भाव से जातक के व्यवसाय मान-सम्मान तथा कर्म सेसंबंधित सभी विषयों का विचार किया जाता है। शनि यदि दशम भाव में स्थित हो तो उसकी दृष्टियां द्वादश , चतुर्थ तथा सप्तम भावों पर रहती हैं। यदि शनि दशम भाव में स्थित है तो उसकी दृष्टियों का प्रभाव जातक के व्यवसाय , बंधू-बांधव और वैवाहिक क्षेत्र पड़ता है। इस भाव में स्थित शनि अन्य ग्रहो की युति, दृष्टि व स्वामित्व के अनुसार शुभ-अशुभ फल भी प्रदान करता है।
ज्योतिष के ऋषि-आचार्यने यहाँ पर स्थित दशमस्थ शनि को शुभ और अशुभ दोनों फल देना वाला कहा है। किन्तु तार्किक रूप से यह कहा जा सकता है कि पापयुक्त या नीच का शनि जब इस भाव में बैठता है तो इस स्थान को पीड़ित करता है और इस भाव के शुभत्व को नष्ट करता है इसी कारण जातक को अपने कार्य से कभी संतुष्टि नही मिलती है।
दशम भाव में शनि के सम्बन्ध में आचार्य का मत—–
प्राचीन आचार्य पाराशर के मत में दशमस्थ शनि का फल —
दशमे धनलाभं सुखं जयंमाने च मीने।
यदि वार्कपुत्र: सन्यासयोगं प्रवदन्ति तस्य।।
अर्थात यदि शनि दशम भाव में हो तो जातक धनवान, सुखभोगने वाला, अपने कार्यो में विजय प्राप्त करने वाला होता है। यदि शनि इस स्थान में मीन राशि में हो तो “सन्यास योग” होता है।
दशमस्थ शनि और जातक का स्वभाव | Nature of Saturn in Tenth House
दशम भाव का शनि मिश्रितफल देता है। यदि शनि इस स्थान में उच्च का है या अपने घर (मकर और कुम्भ राशि) का है तो जातक स्वभावसे ही कर्मशील होता है वह दत्तचित्त होकर कोई कार्य करता है। वह शुभकर्म करने के साथ साथ कर्म को पूजा समझने वाला होता है।
ऐसा जातक सत्यासत्य विचार के मध्य सत्य को वरण करने वाला होता है। ऐसे व्यक्ति को प्राज्ञ कहा जाता है। ऐसा जातक विचारशील, दानी और दया भाव रखने वाला भी होता हैं। यदि शनि नीच का या शत्रु क्षेत्री होता है उपर्युक्त विषयो के विपरीत फल देता है।
शनि का दशम भाव में फल : सामान्य फल विचार
ऐसा व्यक्ति धनवान,नौकरों द्वारा सम्मानित, तथा पूजित, शत्रु पर विजय प्राप्त करने वाला, शत्रुहन्ता तथा प्रवासकाल में मान-सम्मान प्राप्त करने वाला होता है । जातक महत्वाकांक्षी तथा सरकारी पद ( IAS, IPS Yoga in Birth Chart ) भोगने वाला होता है।
दशम भावस्थ शनि माता-पिता के सुख में कमी करता है। वह पूरी तरह से अपने पैतृक संपत्ति का उपभोग नहीं कर पाता है बल्कि अपने परिश्रम से उपार्जित धन से भौतिक सुख और यश प्राप्त करता है ।ऐसा जातकअपने बाहुबल तथा परिश्रम पर विश्वास करता है । वह अपने बुंद्धि कौशल से संपत्ति तथामान-सम्मान प्राप्त करता है। यदि उच्च का शनि हो तो वह मंत्री, कोषाधिकारी, दंडाधिकारीसदृश महत्वपूर्ण राजकीय पद धारण करता है ।
कर्म भाव में शनि और व्यवसाय
ऐसा व्यक्ति प्रतिष्ठित और प्रभावी संस्थाओं के प्रमुख अधिकारी के रूप में काम करता है | ऐसे व्यक्ति विधि एवं न्यायालय के क्षेत्र में ख्याति, उच्च पद एवं धन प्राप्त करता है | जातक अपने पुरुषार्थ एवं सौभाग्य से लगातार विकास करते रहता है | दशमस्थ शनि वक्री हो तो जातक वकील, ( Criminal Lawyer Yoga in Birth Chart ) न्यायाधीश, गांव का मुखिया या मंत्री होता है। जातक जीवन भर धर्म के कामों में रुचि लेता है और लोग इनसे बहुत प्रेम करते हैं।
दशम भाव में अशुभ शनि का फल
यदि शनि अशुभ ग्रह यथा सूर्य, मंगल, राहु इत्यादि से युत हो तो अशुभ फल देने में सहायक होता है। नौकरी ( जानें ! क्या आपके कुंडली में नौकरी का योग है )या व्यवसाय में निरंतर अवरोध तथा असफलता प्राप्त होता है । उसे अपनी योग्यता के अनुरूप नौकरी नही मिलताहै, उच्चाधिकारी से विवाद एवं जनसेवा में अपयश मिलता है।
इस भाव में शनि होने पर व्यक्ति धनी, राज्यमंत्री ( Planetary combination for Politic and Minister in birth chart ) या उच्चपद पर आसीन होता है। अगर यहां किसी क्रूर ग्रहों का प्रभाव हो तो जातक गैरकानूनी कामों में संलप्ति हो सकता है। जिससे जातक की बदनामी भी हो सकती है।
शनि किस राशि में शुभ फल देता है।
शनि यदि दशम भाव में मकर, तुला, कुम्भ तथा मिथुन राशि में बैठा है और शुभ ग्रह से युत है तो शुभ फल प्रदान करता है | इसी भाव में शनि यदि मेष, वृश्चिक एवं मीन राशि में स्थित है तो अशुभ फल देने में समर्थ होता है।
शनि के द्वादश भाव में फल
शनि प्रथम भाव में फल | शनि दूसरे भाव में फल | शनि तृतीय भाव में फल |
शनि चतुर्थ भाव में फल | शनि पंचम भाव में फल | शनि षष्ठ भाव में फल |
शनि सप्तम भाव में फल | शनि अष्टम भाव में फल | शनि नवम भाव में फल |
शनि दशम भाव में फल | शनि एकादश भाव में फल | शनि बारहवें भाव में फल |
3 Comments
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Sani in 10th house and 4rth 7th 12th house is empty in kark lagan vrishchik rashi what will be result