शनि का अष्टम भाव में फल | Saturn Effects 8th House
शनि का अष्टम भाव में फल | Saturn Effects 8th House. जन्मकुंडली में अष्टम भाव को शुभ नहीं माना गया है। यह त्रिक भाव भी है। इस भाव से व्यक्ति की आयु व मृत्यु के स्वरुप का विचार किया जाता है। शनि इस भाव का तथा मृत्यु का कारक ग्रह भी है। शनि यदि अष्टम भाव में स्थित हो तो उसकी दृष्टियां दशम, द्वितीय तथा पंचम भावों पर रहती हैं। इस कारण व्यवसाय और उसके कार्य क्षेत्र ( Business Astrology by Date of Birth ) , धन, (जानें ! क्या आपकी कुंडली में धन योग है ) शिक्षा, संतान तथा मृत्यु आदि के फल पर शनि का प्रभाव पड़ता है। इस स्थान पर शनि अन्य ग्रहो की युति, दृष्टि व स्वामित्व के अनुसार शुभ-अशुभ फल देता है।
ज्योतिष के ऋषि-आचार्य ने अष्टमस्थ शनि को शुभ नहीं माना है। किन्तु तार्किक रूप से यह कहा जा सकता है कि पापयुक्त शनि जब अशुभ अष्टम वा मृत्यु भाव में स्थित होकर उसे पीड़ित करे तो अष्टम भाव के अशुभत्व का नाश होगा अर्थात जातक दीर्घायु होगा। इस स्थान में शनि को आयुष्य कारक भी माना गया है।
अष्टमस्थ शनि के सम्बन्ध में आचार्य का मत
प्राचीन आचार्य मंत्रेश्वर के मत में अष्टमस्थ शनि का फल —
शनिश्चरे मृतिस्थिते मलीमसोsशंसोsवसु:
करालधी: बुभुक्षितः सुहृदजनावमानितः।।
अर्थात यदि अष्टम भाव में शनि देव बैठे है तो व्यक्ति मलिन बवासीर के रोग से पीड़ित धनहीन क्रुर्बुद्धिवाला और भूखा होता है। इसके मित्र इसकी अवहेलना करते हैं।
अन्य विद्वान् ने कहा है —-
क्रोधातुरोsष्टमे मंदे दरिद्रोवहुरोगवान।
मिथ्याविवादकर्ता स्यात वातरोगी भवेन्नरः।।
अर्थात यदि अष्टम भाव में शनि स्थित हैं तो जातक बहुत क्रोधी, दरिद्र, रोगी, व्यर्थ और बेकार में लड़ाई-झगड़ा करने वाला तथा वात रोगी होता है।
अष्टमस्थ शनि और जातक का स्वभाव | Saturn in 8th House & Nature
इस भाव में स्थित शुभ शनि आपको शूरवीर, विद्वान, वाक्पटुता भी देता हैं। आप निर्भय चतुर और उदार प्रकृति के होंगे। आपका झुकाव गुढ़विद्या के प्रति भी हो सकता है। आप हमेशा दूसरों के दोष निकालने में अपना समय नष्ट करते है कई बार इस कारण से आपको बदनामी भी मिलती है। आप हृदय से संकुचित विचार वाले होते है। अकारण लोगो से पन्गा लेने में आपको मजा आता है। जातक संतोषी नहीं होता है उसके मन में लोभ का संचार हमेशा बना रहता है।
यहां स्थित शनि आपको आलसी बना सकता है लेकिन आप स्वभाव से चालाक होंगे। आप मानसिक रूप से कुछ हद तक असंतुष्ट रह सकते हैं ( Mentally Depressed )। आपमें क्रोध की अधिकता और उत्साहहीनता देखने को मिलेगी। आप दूसरे के दोषों को बडी बारीकी से परख सकते हैं। आपको अपने जन्म स्थान से दूर रहना पड सकता है। आपको अपने स्वभाव को पवित्र बनाते हुए अच्छे लोगों की संगति करने की सलाह दी जाती है।
सामान्य फल विचार | General Effects
यदि शनि अशुभ है तो चोरी के आरोप में पकड़ा जाने का भय बना रहता है या इस व्यक्ति पर झूठा मुकदमा भी चलता है। अष्टम भाव का शनि व्यक्ति को किसी न किसी व्यसन का का गुलाम बनाता है। ऐसे जातक को अपने मृत्यु का पूर्वाभास भी हो जाता है। तुला, मकर और कुम्भ राशि का शनि अष्टम भाव में वैवाहिक संबंध से धन लाभ कराता है।
यदि शनि अशुभ है तो चोरी के आरोप में पकड़ा जाने का भय बना रहता है या इस व्यक्ति पर झूठा मुकदमा भी चलता है। अष्टम भाव का शनि व्यक्ति को किसी न किसी व्यसन का का गुलाम बनाता है। उत्तराधिकार में जमीन की प्राप्ति होती है।
पारिवारिक जीवन पर शनि का प्रभाव | Saturn and Family Life
अष्टम भाव में शनि हो तो व्यक्ति बंधु तथा परिवार से बैरभाव रखता है। ऐसे व्यक्ति को परिवार के सदस्यों से विशेष रूप से प्यार नहीं मिलता। ऐसा व्यक्ति निम्न स्त्री के साथ सम्बन्ध बना सकता है जिस कारण परिवार के सदस्यों को भी अपमानित होना पड़ता है। कहा जाता है की जातक को विवाह के बाद आर्थिक संकट आते हैं। आपके पुत्रों की संख्या कम होगी।
स्वास्थ्य पर शनि का प्रभाव | Saturn Effects on Health
यदि शनि जन्मकुंडली में अष्टम भाव में स्थित हो तो ऐसे में जातक को पाचन तन्त्र और पेट से जुडी समस्याएं परेशान करती है। इसके अतिरिक्त व्यक्ति को जोड़ो का दर्द, दाँतों तथा नाखूनों से जुडी समस्याएं भी आती है। मृत्यु दीर्घकालिक रोग से होने की संभावना रहती है। यदि शनि इस स्थान पर अशुभ ग्रहों से पीड़ित है तो अचानक मृत्यु देता है।ऐसे जातक को अपने मृत्यु का पूर्वाभास भी हो जाता है।
व्यवसाय और शनि | Saturn and Career
ऐसा जातक सामान्यतः नौकरी ( जानें ! कब मिलेगी नौकरी ?) करता है। अष्टम भाव में शनि जातक की आजीविका या कैरियर में ब्यवधान उत्पन्न करता है। व्यक्ति अपने कैरियर को लेकर हमेशा परेशान रहता है। कैरियर में स्थिरता नहीं आ पाती और यदि आती भी है तो विलम्ब से। राजनैतिक क्षेत्र ( Know ! Politician Yog in Horoscope) में शनि सकारात्मक परिणाम नही दे पाता है इसका मुख्य कारण है की जातक को जनता का अच्छा सहयोग और जनसमर्थन नहीं मिल पाता इस कारण से सीधे चुनावी राजनीति में सफल नहीं हो पाता या बहुत संघर्ष का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति एक सामान्य जीवन व्यतीत करता है। व्यक्ति घर से दूर रहकर आजीविका प्राप्त करता है तो कष्ट का अनुभव करता है।
Upay | उपाय
-
- जातक अपने आप को मांस मदिरा से दूर रखे तो शनि शुभ फल देगा।
-
- गले में चाँदी की चेन धारण करना चाहिए।
-
- काला कुत्ता को नियमित रोटी खिलाये।
- शनिवार के दिन आठ किलो उड़द बहती नदी में प्रवाहित करें।
उपर्युक्त फल एक सामान्य फल है किसी भी कुंडली में किसी भी ग्रह का फल कुंडली में स्थित अन्य ग्रह के दृष्टि साहचर्य के आधार पर देखनी चाहिए अतः अपने बुद्धि विवेक तथा अनुभव के आधार पर ही फलित करे। जो जातक ज्योतिष नहीं जानते है वह कृपया इस फल को ब्रह्म सत्य न मानें क्योकि फलित सम्पूर्णता के आधार पर किया जाता है।
प्रथम भाव में शनि का फल | दूसरे भाव में शनि का फल | तृतीय भाव में शनि का फल | चतुर्थ भाव में शनि का फल |
पंचम भाव में शनि का फल | षष्ठ भाव में शनि का फल | सप्तम भाव में शनि का फल | अष्टम भाव में शनि का फल |
नवम भाव में शनि का फल | दशम भाव में शनि का फल | एकादश भाव में शनि का फल | द्वादश भाव में शनि का फल |