Gulik | जन्मकुंडली के विभिन्न भावों में गुलिक वा मांदी का फल

Gulik | जन्मकुंडली के विभिन्न भावों में गुलिक वा मांदी का फलGulik | जन्मकुंडली के विभिन्न भावों में गुलिक वा मांदी का फल . ज्योतिष में राशि, ग्रह और भाव के आधार पर भविष्य कथन किया जाता हैं। भविष्य कथन में ग्रह जिस भाव तथा राशि में होता है उसके आधार पर ज्योतिषी जातक के भविष्य या भुत के सम्बन्ध में बताता है।  ब्रह्मांड में उपस्थित सभी ग्रहों के अपने-अपने उपग्रह होते हैं । यह उपग्रह दिखाई नहीं देते हैं । पराशर मुनि ने इसे “अप्रकाश ग्रह” कहा है। भारतीय ज्योतिष में सभी नौ ग्रहों में से सबसे अधिक महत्व शनि के उपग्रह गुलिक अथवा मांदी को दिया गया है । गुलिक का दूसरा नाम मांदी है । जन्म कुंडली में की जाने वाली गणनाओं में गुलिक वा मांदी विशेष महत्त्व रखता है इसका मुख्य कारण है कि यह उपग्रह अत्यधिक अशुभ फल देने में समर्थ है । आचार्य मंत्रेश्वर ने ‘फलदीपिका में, नव उपग्रहों को प्रणाम करते हुए कहा है –

नमामि मांदी यमकंटकाख्यमर्द्धप्रहारं भुवि कालसंज्ञम।

धूमव्यतीपात परिध्यभिख्यान उपग्रहानिन्द्र धनुश्च केतून।।

फलदीपिका में मांदि, अथवा गुलिक के विभिन्न भावों में स्थित फल की चर्चा की गई है। उन्होने लिखा है: —

“गुलिकस्य तु संयोगे दोषांसर्वत्र निर्दिशेत”

अर्थात् गुलिक के संयोग से सर्वत्र दोष ही होते हैं।  गुलिक केवल केवल छठे और ग्यारहवें भाव में शुभ फल देता है शेष सभी भाव में अशुभ फल ही देता है ऐसा कहा गया है।

गुलिक वा मांदी उपग्रह की अपनी राशि कुंभ को माना गया है। जन्म संशोधन के समय यह गुलिक जातक के किसी भी भाव में बैठ सकता है जिस भाव में गुलिक स्थित होगा उस भाव के फल में सामान्यतः कमी करता है । गुलिक की उच्च, नीच, मित्र या शत्रु राशि  क्या है के सम्बन्ध में  विशेष वर्णन नहीं मिलता है । आइये जानते है जन्मकुंडली के  विभिन्न भावों में गुलिक के होने से जातक को क्या फल मिलेगा ।

प्रथम भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik in 1st House

ऋषि मुनियों ने लग्न में गुलिक के फलों को शुभ नहीं माना है।  यदि किसी जातक की लग्न में  गुलिक स्थित है तब ऎसा व्यक्ति  गलत संगति के कारण सामजिक आदर्श के विपरीत ( चोरी करना , झूठ बोलना इत्यादि)  कार्य करता है । ऎसा व्यक्ति अतार्किक बातो को भी बोलने में संकोच नही करता । परंपरागत विचार जो हमारे वेद उपनिषद से आया है उसका अपमान करने में अपनी बुद्धिमानी समझता है । ऐसे जातक की बुद्धि अल्प होती है परन्तु ऐसा दिखावा करता है कि सबसे ज्यादा बुद्धिमान मैं ही हूं। संतान सुख में कमी होती है ।

दूसरे भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik In Second House

जिस जातक की जन्म कुंडली के दूसरे भाव में गुलिक होता है वैसा जातक धन होते हुए भी धन की कमी महशुस करता है। ऐसा जातक बहुत ही स्वार्थी तथा लड़ाकू किस्म का होता है। कभी कभी बिना किसी विशेष बात के लड़ाई करने लगता है । ऎसे व्यक्ति की वाणी कठोर होती है। वह बिना सोचे समझे बोल देता है।पारिवारिक सौहार्द को बनाने में इसकी कोई विशेष भूमिका नहीं होती है।

झुठ बोलने में में कोई परहेज नहीं करता झूठ बोलकर अपना काम निकालना बहुत आता है। ऐसे जातक परस्त्रीगमन में दिलचस्पी रखता है ।

ऐसे जातक को आँख तथा मुख से सम्बंधित कोई बीमारी हो सकती है। यह अपने किए वादों पर कभी कायम नहीं रहता। यौन सुख में लिप्त रहता है। ऐसे जातक का धन हरण होता है। धन चोरी के मामले में नौकर का हाथ हो सकता है। ऐसा जातक पान बीड़ी गुटका इत्यादि का सेवन करता है।

तृतीय भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik in 3rd House

यदि आपके जन्म लग्न से तृतीय भाव में गुलिक वा मांदि है तो आपके लिए कुछ शुभ फल देने वाला होगा ।आप आत्मविश्वासी होंगे । आपको  अपने  अधिकारियो  का  सहयोग  मिलेगा । आपके  अंदर सात्विक गुणों का   संचार   होगा । आप भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहेंगे। ऐसा व्यक्ति अपने मेहनत के बल पर सब कुछ करना चाहता है। निडरता आपकी पहचान हो सकती है।

इस व्यक्ति अत्यधिक आकर्षक और मनमोहक होगा। आप में नेतृत्व करने की क्षमता होगी इसलिए राजनीति से जुड़कर समाज की सेवा कर सकते है। आप अपने अधिकारी के विश्वासपात्र होंगे । कभी कभी आप बेहद लापरवाह हो जाते है। आप आने आत्म विश्वास के बल पर रुके हुए कार्यो को करने में सक्षम हो जाते है।

चतुर्थ भाव में गुलिक वा मांदि का फल – Result of Gulik in 4th House

चतुर्थ भाव में गुलिक का फल अच्छा नहीं नहीं बताया गया है । इस स्थान पर गुलिक व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी देता है । खासकर चेस्ट से सम्बंधित बिमारी। कफ की शिकायत हो सकती है । बंधू बांधव के साथ नाराजगी भी देता है । आप के अंदर त्याग की भावना प्रबल होती है यह सकारात्मक पक्ष है परंतु कई बार ऐसे फैसले लेने के कारण आपको परेशानी भी उठानी पड़ती है ।

ऐसा जातक के ऊपर यह कहावत चरितार्थ होती है मुख में राम बगल में छूरी अर्थात आप दिखते कुछ है और है कुछ और आजके अंदर ही अंदर कोई न कोई खिचड़ी पकाती रहती है।

ऐसे व्यक्ति को अपना मकान लेने में बहुत व्यवधान आता है कई बार तो अपना घर होते हुए भी उसमे रह नहीं पाता है । धन कमाने के लिए आप कोई भो तरीका अपनाने में संकोच नहीं करते है।

पंचम भाव में गुलिक का फल – Result of Gulik in 5th House

जन्म कुंडली के पांचवे भाव में गुलिक वा मांदी के होने से व्यक्ति की बुद्धि नकारात्मक पक्ष की ओर होती है इसी कारण ऐसे जातक को परिवार तथा समाज में बहुत स्नेह की दृष्टि से नहीं देखा जाता है । पंचम भाव संतान भाव है अतः गुलिक के यहाँ होने से संतान सुख में कमी होने की प्रबल सम्भावना होती है ।

पंचम भाव बुद्धि तथा विवेक का स्थान है गुलिक के इस स्थान में होने से जातक कई बार अपना विवेक खो देता है और कोई न क्यों गलत फैसला ले लेता है जिसका फल वह आजीवन भोगता रहता है। इनका स्वभाव चंचल होता है। ये अशिष्ट, असभ्य तथा अनैतिकता का आचरण करने में भी गर्व समझते है । अक्सर आप दूसरोपर आरोप प्रत्यारोप करते रहते है ।

पढाई के दौरान आप परेशानी का अनुभव करेंगे । स्वास्थ्य तथा गलत फैसला के कारण शिक्षा में रुकावट आएगी। ऐसा जातक स्वार्थी किस्म का इंसान होता है । धन होने के बावजूद धन की कमी महशुस करेगा। यह दूसरों से द्वेष की भावना रखने वाला होता है ।

पंचम भाव प्रेम का भी भाव है अतः ऐसा व्यक्ति प्रेम करता है और धोखा खाता है और पुनः प्रेम जाल में फसता है यह सिलसिला इनके जीवन यात्रा में चलती रहती है इसके कारण दाम्पत्य जीवन में परेशानी भी आती है ।

छठे भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik in 6th House

षष्ठ भाव में गुलिक का फल शुभ बताया गया है। जिन जातको की जन्म कुंडली के छठे भाव में गुलिक है, उन्हें अजातशत्रु कहा गया है अर्थात उनके शत्रु तो होते है किंतु शत्रुओ पर विजय प्राप्त करते है। ऐसे जातक बहुत ही एनर्जेटिक होते है और यही कारण है कि किसी भी काम करने से पीछे नहीं हटते है। इनका मस्तिष्क स्थिर बुद्धिवाला होता है। ये परोपकारी है।

शारीरिक रुप से बलिष्ठ होते है और स्वस्थ होते है । अपने जीवनसाथी से बहुत प्रेम करते है। षष्ठ गुलिक वा मांदी वाला व्यक्ति प्रतिभावान होता है। बुद्धिमत्ता पूर्वक काम करता है। ऎसा व्यक्ति वकीलो, न्यायाधीश व न्याय प्रणाली में कार्य करता है या उनके नजदीक रहता है। ऐसा जातक राजनेता बन सकता है ( Politics yoga in astrology)

जन्म कुंडली के छठे भाव में गुलिक की स्थिति से व्यक्ति मुकदमेबाजी में जीत हासिल करता है। ऎसा जातक तंत्र विद्या से बहुत ही प्रभावित होता है । कई बार इस विद्या के बल पर समाज में अपना नाम कमाता है । काले जादू व प्रेत विद्या की में भी रुचि रखता है इसी विद्या के आधार पर यह अपनी आजीविका भी चलाते हैं और संसार में जरुरतमंद लोगों की मदद भी करते है। ये जिस स्थान पर कार्य करते है उन्हें वहां मान सम्मान मिलता है । अधिकारियों का सहयोग मिलता है । पुत्र तथा पत्नी से इनका सम्बन्ध अच्छा रहता है ।

सप्तम भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik In 7th House

सप्तम भाव जो की पत्नी वा पति और साझेदारी का भाव है । जब इस भाव में गुलिक अथवा मांदि स्थित होती है तब व्यक्ति अपने जीवनसाथी के वचन का पालन करने की भरपुर कोशिश करता है । इसका मुख्य कारण है कि इनका अवैध संबंध होता है इसी कारण अपने पति वा पत्नी को खुश करने के लिये इनकी बातो को मानते है । कई बार इनका सम्बन्ध विच्छेद भी हो जाता है । यह अपने जीवनसाथी के धन से जीवनयापन करते हैं। गुलिक के सप्तम वा कलत्र भाव में स्थित होने से व्यक्ति का जीवन नीरस सा हो जाता है । ऐसे जातक के व्यक्ति का विवाह देरी से संपन्न होता है और कुछ व्यक्ति ऎसे भी होते हैं जिनके दो विवाह ( Two marriage) भी होते हैं ।

ऎसे जातक का जीवनसाथी सामान्यत: नौकरी करने वाला होता है और वह एक अच्छे साधन संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता है । इनके बंधू बांधव की संख्या कम होती हैं और इसी कारण ये अच्छी मित्रता से चूक जाते हैं । यह अधिक पापाचरण के कारण शरीर से दुर्बल अथवा क्षीण होते है।

अष्टम भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik in 8th House

अष्टम भाव में गुलिक का फल बहुत अच्छा नही बताया गया । ऐसा जातक हमेशा परेशान दिखाई देता है । इनके पास बहुत अधिक मात्रा में धन नहीं होता है बल्कि पत्नी अथवा पति के धन को नष्ट करने में कोई कसर भी नही छोड़ते है। आठवें भाव में गुलिक के होने से यह दूसरे भाव को देखती है जिसके कारण जातक को नेत्र दोष उत्पन्न होता है । जातक का चेहरा भी चमक रहित हो जाता है । चहरे पर झाइयां भी आ जाती है तथा स्किन जल्दी ही सिकुड जाती है । अष्टम भाव जातक जातक के शरीर का गुप्त स्थान होता है इस कारण जातक बवासीर तथा पेट संबंधी बिमारी से परेशान रहता है । इनका स्वभाव बहुत ही उद्यत होता है । गुस्सा तो इनके नाक पर ही होता है । इनके अंदर सद्गुणों का अभाव होता है । इनकी सोच सकारात्मक कम नकारात्मक ज्यादा होती है।

नवम भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik in 9th House

जिनके जन्म कुंडली के नवें भाव में गुलिक स्थित होती है वह जीवन में बहुत सी कठिनाईयों का सामना करता हैं जिसका मुख्य कारण होता है अपने गुरुओं तथा बड़ो का आदर व सम्मान नहीं करना । चूंकि नवम स्थान गुरु का स्थान है यही कारण है गुरु के प्रति इनका सोच नकारात्मक होता है । धर्म में भी इनकी कोई विशेष आस्था नहीं होती है अगर होगी भी तो केवल दिखावा के लिए।

नवम भाव पिता तथा भाग्य स्थान है इस कारण ये भाग्यशाली नहीं होते है । पिताजी के साथ इनके रिश्ता भी बहुत अच्छा नहीं होता है । इनकी नजर पिता के धन के ऊपर लगा रहता है । इस कारण पिता के पूर्ण स्नेह से लाभान्वित नहीं हो पाते। कभी कभी ये लोक विरुद्ध भी कार्य करते है । बुरे कामों को करने की ओर इनकी प्रवृति रहती है। इनमें दया भाव का अभाव होता है । इनकी बुद्धि भी नकारात्मक होती है ।बात बात में अपनी बड़ाई करते रहते है ।

दशम भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik in 10th House

दशम भाव में गुलिक का फल शुभाशुभ बताया गया है । ऐसा व्यक्ति अपने कार्यो के प्रति श्रद्धा और विशवास नहीं रखने वाला होता है । ईश्वर के प्रति आस्था कम दिखावा ज्यादा करता है। ऐसा व्यक्ति हमेशा प्रसन्नचित रहने की कोशिश करता है परन्तु रहता नहीं है। ऎसा जातक योग प्रिय होता है जब भी समय मिलेगा अपने को योग और साधना से जोड़कर जीवन का आनंद प्राप्त करना चाहता है।

यदि हम कहे की आप धार्मिक है तो कुछ अटपटा सा लगता है धर्म में आस्था है परन्तु किन्तु के साथ। क्योकि धर्म को आप अपने फायदे का साधन के रूप में इस्तेमाल करते है।

फलदीपिका के अनुसार यदि दशम में गुलिक हो तो जातक शुभ कर्मो का त्याग करता है। ऐसा व्यक्ति दान न देने में विशवास रखता है।

एकादश भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik in 11th House

जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली के एकादश भाव में गुलिक स्थित होती है वह सुखी अति तेजस्वी और कांतिवान होता है। इनका दाम्पत्य जीवन भी सुखमय होता है तथा संतान सुख का आंनद भी लेते है। ऐसा व्यक्ति प्रतिभावान, पराक्रमी, नेतृत्व शक्ति से युक्त, मेधावी व कुशाग्र बुद्धि वाला होता है।

एकादश भाव से बड़े बहन-भाईयों का विचार किया जाता है, इसलिए जब एकादश भाव में गुलिक स्थित होता है तब ऎसे व्यक्ति के अपने बड़े बहन-भाईयों से संबंधों में खटास का भाव होता है अर्थात अच्छा सम्बन्ध नहीं होता है तथा जो सम्बन्ध होता है वह केवल समाज को दिखाने के लिए होता है अंदर से एक दूसरे से नफरत ही करते है।

ऎसा व्यक्ति अत्यधिक महत्वाकांक्षी होता है। दुसरो को हमेशा मदद करता है। यह जहा भी रहता है वहा अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश करता है और उसमे सफल भी होता है। इनके बंधू बांधव भी प्रतिष्ठित होते है। ऐसे जातक का कोई न कोई अवैध सम्बन्ध होता है यह सम्बन्ध अपने से ऊपर स्तर के जातक के साथ होता है।

बारहवे भाव में गुलिक का फल | Result of Gulik in 12th House

जिस जातक की जन्म कुंडली के बारहवे भाव में गुलिक होता है वह पापाचरण में लिप्त रहता है। ऐसा जातक अकर्मण्य, आलसी तथा निष्क्रिय होता हैं।  इस भाव में स्थित गुलिक के कारण व्यक्ति सामान्यत: आर्थिक रूप से परेशान रहता है। व्यवसाय में भी आशानुकूल लाभ नहीं प्राप्त करता है।

ऎसे जातक का जीवनसाथी हमेशा बीमार ही रहता है, इसलिए इसके भीतर कमजोरी, उत्तेजना व चिड़चिड़ापन ज्यादा रहता है। ऎसे जातक  निम्न स्तर के लोगों के साथ यौन  संबंध स्थापित करते हैं। जिसके कारण इनका पारिवारिक जीवन में बिखराव आ जाता है।  अपने पत्नी वा पति के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने में अनिच्छा परगट करते है परिणाम स्वरूप इनका विवाह विच्छेद / तलाक / divorce भी हो जाता है।

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