Effects of Fifth House Lord in 7th House in Hindi
Effects of Fifth House Lord in 7th House in Hindi | पंचम भाव के स्वामी का सप्तम भाव में फल, किसी भी व्यक्ति के जन्मकुंडली में पंचम भाव से जातक की बुद्धि, संतान, पढाई, लक्ष्मी, कोई नया कार्य इत्यादि को देखा जाता है अतः इस भाव का स्वामी आपके जन्मकुंडली में जहां भी बैठा होगा वह ग्रह अपने कारकत्व के अतिरिक्त इस भाव के लिए निर्धारित कार्यो का फल जिस भाव में बैठा है उस भाव के लिए निर्धारित कारकत्व के अनुरूप प्रदान करेगा। सप्तम भाव शादी, यात्रा,साझेदारी पिता से लाभ, मारक इत्यादि का भाव है अतः जब पंचमेश इस स्थान पर होता है तो जातक लव मैरिज ( Will my love or relationship be successful) करने में विशवास रखता है।
यदि पंचमेश सप्तमेश तथा लग्नेश इन तीनो ग्रह का किसी न किसी प्रकार से दृष्टि या युति सम्बन्ध हो रहा है तथा साथ मे राहु ग्रह सम्मलित है तो निश्चित ही लव मैरिज शादी होगी कई बार तो लड़का लड़की, परिवार के डर से भागकर शादी कर लेते है।
सप्तम भाव ( Seventh House) यात्रा ( Travel) का भी भाव है अतः पंचमेश जब सप्तम भाव में होता है तो जातक पढाई के लिए दूर जाता है यह यात्रा अपने जन्म स्थल से दूर होता है अपने पारिवारिक स्टेटस के अनुसार आप पढाई के लिए विदेश ( foreign ) में भी जा सकते है। (He can go to foreign for studies )
सप्तम भाव साझेदारी का भाव है अतः आप साझेदारी में कोई कार्य कर सकते है खासकर तब जब किसी भी तरह से दशमेश के साथ सम्बन्ध बन रहा हो। ऐसे जातक की शिक्षा दीक्षा अच्छी होती है।
फलदीपिका में कहा है —
पत्नीविनाशं ध्रुवं।
लोमेश संहिता के अनुसार —-
सुतेशे कामगे मानी सर्वधर्मसमन्वितं : ।
तुंगयष्टितनुः स्वामी भक्तियुक्तश्च तेजसा ।।
प्राचीन ज्योतिष पुस्तक गर्ग संहिता के अनुसार —-
तनयपतौ सप्तमगे सूत्रसूता सुभगाथ दैवरता ।
गुरुभक्ता प्रियवचना सच्छीला तथ्सय जायते दयिता।।
अर्थात जब संतान भाव का स्वामी सप्तम भाव में स्थित है तो ऐसी स्थिति में पत्नी या संतान की हानि होती है । ऐसा जातक क्रोधी, पढ़ा लिखा , धार्मिक तथा भक्ति से युक्त होता है । ऐसा जातक अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका अदा करता है। ऐसा व्यक्ति प्रियवचन बोलने वाला धनवान होता है ।
यदि कलत्र भाव ( Wife House) में स्थित पंचमेश पर अशुभ ग्रह का प्रभाव होगा तो दाम्पत्य जीवन में परेशानी ( Problem in Marriage life ) का सामना करना पड़ सकता है तथा संतान सुख के लिए आपको अनेक पापड़ बेलने पर सकते है हालांकि यह सब आपके कुंडली में स्थित अन्य ग्रह के स्थिति पर निर्भर करेगा।