Effects of Fifth House Lord in 8th House in Hindi

Effects of Fifth House Lord in 8th House in HindiEffects of Fifth House Lord in Eighth House in Hindi | पंचम भाव के स्वामी का अष्टम भाव में फल किसी भी जन्मकुंडली में पंचम भाव संतान ( children) प्यार , बुद्धि, शिक्षा, लक्ष्मी, धन पिता का भाग्य, माता का धन, शेयर इत्यादि का कारक भाव है यह स्थान तथा इस स्थान का स्वामी जिस भी भाव में स्थित होगा उससे सम्बंधित फल प्रदान करेगा है। अष्टम भाव को रंध्र स्थान भी कहा जाता है यह भाव मृत्यु, ( death) रुकावट, ( Obstacle) हानि,  ( Loss) अन्वेषण,( Research) महिला की कुंडली में मांगल्य, ( Marital wish in women horoscope) तंत्र (Tantra)  आध्यात्म ( Spiritualism) इत्यादि का कारक भाव है। जब पंचम भाव का स्वामी अष्टम स्थान में स्थित होगा तो निश्चित ही पंचम भाव के कारकत्व को नष्ट करेगा या उस भाव से सम्बंधित फल मे अवरोध उत्पन्न करेगा ।

संतानेश ( Fifth Lord ) का स्वामी जब मृत्यु स्थान में जाएगा तो मृत्यु किसकी होगी संतान सुख की। यहाँ पर        “ संतान सुख की मृत्यु” ( death of comfort ) से मतलब है संतान सुख में कमी होना परन्तु इस बात का ध्यान देना भी जरुरी है कि पंचमेश किस राशि है अपने मित्र राशि में है या शत्रु में । यदि शत्रु राशि में है और अशुभ ग्रह की दृष्टि है तो पुत्र हानि की संभावना बढ़ जाती है।

हालांकि कई कुंडली में यह देखा गया है कि ऐसे जातक को एक पुत्र की प्राप्ति होती है। उसका पुत्र भी धार्मिक स्वभाव का होता है। जातक स्वयं भी पूजा-पाठ, तंत्र, मन्त्र ( Mantra)  इत्यादि में विश्वास आस्था रखता है । यदि आप किसी धार्मिक संस्था से जुड़कर कोई काम करते है तो आपके जीवन में अपार सुख की वृद्धि होगी तथा आपकी इच्छा की पूर्ति भी होगी।

ऐसा जातक का दिमाग बहुत ही शातिर होता है वह हमेशा कोई न कोई बात सोचते रहता है। व्यक्ति का सोच अन्य लोगो के सोच से भिन्न होता है यदि नकारात्मक सोच होगा तो जीवन में व्यवधान और परेशानी का सामना करना पड़ता है परन्तु ठीक इसके विपरीत यदि ऐसा जातक हमेशा सकारात्मक पक्ष के साथ आगे बढ़ता है तो उसकी इच्छा की पूर्ति होती है और जीवन में सुख का अनुभव करता है।

यदि आप शिक्षा के क्षेत्र में अनुसन्धान करते है तो अवश्य ही मिल का पत्थर साबित होगा आप कुछ ऐसा कर सकते है जिसे सब लोग याद रखेंगे। आप की शिक्षा में ब्रेक भी संभव है । कई बार तो जातक परीक्षा के दौरान रिस्टीकेट हो जाता है या रेस्टिकेट होते-होते बचता है। कई बार पारिवारिक जिम्मेदारी के कारण पढाई छोडना पड़ जाता है। वैसा जातक यदि सकारात्मक सोच लेकर कोई काम करता है तो जीवन यात्रा में सफलता कदम चूमती है। घर से दूर पढाई ( Study out of  home) कर सकते है या घर से दूर नौकरी दोनों सम्भव है।

वस्तुतः पंचम भाव शुभ भाव है और अष्टम भाव अशुभ भाव है शुभ भाव के स्वामी का अशुभ भाव जाने से निश्चित ही शुभत्व की कमी होगी। यदि अशुभ ग्रह शनि ( Saturn) राहु, केतु,  मंगल ( Mars ), से प्रभावित है तो संतान हानि होगी परन्तु पंचमेश अपने मित्र राशि में है तथा शुभ ग्रह गुरु ( Jupiter) शुक्र इत्यादि से दृष्ट वा युक्त है तो संतान सुख के साथ-साथ धन अर्जन करने वाला होगा।

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