Vyatipata Yoga 2023 – व्यतिपात योग में किसकी उपासना से होगी धन की वर्षा
Vyatipata Yoga 2023 | व्यतिपात योग में किसकी उपासना से होगी धन की वर्षा . ज्योतिष शास्त्र में शुभ और अशुभ दोनों योग का विचार किया जाता है। यदि योग शुभ फल देने वाला है तो निश्चित ही शुभ फल देगा और यदि अशुभ फल देने वाला है तो अशुभ परिणाम देगा । व्यतिपात योग ऐसा योग है जिसमे जप, ध्यान करने से भक्त को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
व्यतिपात योग में किसकी उपासना से होगी धन की वर्षा
वाराह पुराण में व्यतिपात नामक योग का वर्णन मिलता है। इस योग में प्राणायम, जप, पाठ, मंत्रोच्चारण इत्यादि करने से जातक पर भगवान् की विशेष कृपा बनी रहती है। ऐसा करने से भगवान् सूर्यदेव प्रसन्न होते है। सूर्यनारायण प्रसन्न होकर धन-धान्य की वृद्धि करते है। ऐसे लोगों की समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
व्यतिपात योग किस कार्य के लिए शुभ है?
व्यतिपात योग ( Vyatipata Yoga ) केवल गुरु भक्ति तथा सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए किये गए जप, तप, पाठ तथा मानसिक स्मरण आदि के लिए ही शुभ है अन्य किसी भी शुभ कार्यो के लिए नहीं। इस समय सूर्यदेव के 108 नाम का जप करना चाहिए
Vyatipata Yoga Effects| व्यतिपात योग का प्रभाव क्षेत्र
व्यतिपात योग ( Vyatipata Yoga ) का प्रभाव सभी बारह राशियों पर किसी न किसी रूप में पड़ता है। इस योग के प्रभाव से बिजनेस, नौकरी या अन्य तरह के कार्यक्षेत्र में उथुल-पुथल मच जाती है। नौकरीपेशा वाले जातक के प्रमोशन इत्यादि में व्यवधान आती है। इस योग में बिजनेस ( बिजनेस (Which Business is suitable for you ) करने वालों की भी टेंशन बढ़ जाती है। इस कारण ग्राहक से संभलकर व्यापारिक समझौता करनी चाहिए नहीं तो बनता हुआ काम भी बिगड़ सकता है।
इस समय में कोई भी बड़े फैसले लेने से बचें। यदि ऐसा नहीं करते है तो निश्चित ही मनोनुकूल परिणाम नही मिलेगा। सामान्य कार्यो के लिए यह अशुभ योग है। इस योग में अकारण विवाद और धन हानि की स्थिति भी बन सकती है। आप अपने आप में महशुस करेंगे की आज का दिन बहुत ही थकान और तनाव वाला रहा है । व्यक्ति को लेन-देन या निवेश मेंं सावधानी रखनी चाहिए। नीतिगत फैसला भी इस समय नहीं लेना चाहिए।
वाराह पुराण में वर्णित व्यतिपात योग से सम्बन्धित कथा
वाराह पुराण के अनुसार व्यतिपात योग ( Vyatipata Yoga ) के पीछे का रहस्य सूर्यदेव ( जानें ! कैसे करें सूर्य उपासना ? ) की गुरुभक्ति से जुड़ा हुआ है। देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत दृष्टि थी । यह देखकर भगवान सूर्य देव दुखी और नाराज हुए। उन्होनें इस बात को लेकर चन्द्रदेव को बहुत समझाया की आप ऐसा न करे परन्तु चन्द्रदेव ने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया।
ऐसा देखकर सूर्यदेव अत्यंत दुखी हुए । उन्होंने यह सोचा की मैने चंद्रदेव को सही बात बताई फिर भी मेरी बात पर ध्यान नही दिया। सूर्यदेव को अपने गुरुदेव का स्मरण हुआ । उन्हें ऐसा लगा की चंद्रदेव को जिस गुरु तथा गुरु पत्नी के लिये मन में श्रद्धा, प्रेम तथा आदर होना चाहिये था। आज वह उनके धर्मपत्नी के प्रति गलत नजर रखे हुए है। ऐसा सोचकर सूर्यदेव की आँखों से आँसु बहने लगा ।यह समय ही व्यतिपात योग कहलाने लगा। इसी कारण इस योग में यदि गुरु के प्रति श्रद्धा विश्वास का जप किया जाय तो सूर्यदेव शीघ्र ही प्रसन्न होते है।
Vyatipata Yoga Date 2023 | व्यतिपात योग 2023
क्रम सं0 | महीना | दिनांक |
1 | जनवरी | 23/1/2023 |
2 | फरवरी | 17/2/2023 |
3 | मार्च | 15/3/2023 |
4 | अप्रैल | 9/4/2023 |
5 | मई | 5 & 30/5/23 |
6 | जून | 25/6/2023 |
7 | जुलाई | 20/7/2023 |
8 | अगस्त | 14/8/2023 |
9 | सितंबर | 8/9/2023 |
10 | अक्टूबर | 4 & 29/10/2023 |
11 | नवंबर | 24/11/2023 |
12 | दिसंबर | 19/12/2023 |