Planets Significator | ग्रहों के कारकत्व से करे भविष्य कथन
Planets Significator | ग्रहों के कारकत्व से करे भविष्य कथन. ज्योतिष एक विज्ञान है या अंधविश्वास ज्योतिषी इसे विज्ञान की संज्ञा देते है तो वैज्ञानिक इसे अंधविश्वास मानते है इन्ही द्वंद्व के साथ ज्योतिष अपनी ज्योति से विश्वास और श्रद्धा रखने वाले जातक के जीवन में सारथि की भूमिका में वर्षो से कार्य कर रही है और आगे भी करती रहेगी । ज्योतिष में सभी ग्रहो के अपने अपने कारकतत्व निर्धारित किये गए है । इस लेख में हम सभी नौ ग्रहो के क्या-क्या कारकतत्व है का सविस्तार बताने का प्रयास करने जा रहा हूँ।
इस लेख के माध्यम से आप सभी ग्रहों के कारकतत्व को जान पाएंगे। यहाँ पर सामान्यतः उन्ही कारकत्व की प्रधानता दी गई जिसका प्रयोग ज्यादा होता है। ऐसे अनेक कारक है जिसको नहीं लिखा गया है इसका मुख्य कारन है उस कारकत्व का प्रयोग कम होना।
सूर्य | Sun
आइये जानते है ज्योतिष में सूर्य ग्रह के कारकत्व क्या-क्या है । सूर्य आत्मा, पिता, राजा, सरकार, प्रकाश, मान सम्मान, यश , प्रभाव अहम्, सहानुभूति स्वास्थ्य, दाएँ नेत्र, दिन, ऊर्जा, पराक्रम , राजनीति, चिकित्सा विज्ञान, गौरव, पित्त, कैल्शियम, दवा, तेज इत्यादि का कारक ग्रह है।
यदि कोई जातक अपने पिता के स्वास्थ्य या कार्य के सम्बन्ध में जानना चाहता है तो उसे जन्मकुंडली में सूर्य ग्रह किस भाव तथा किस राशि में बैठे है को देखकर यह बताया जा सकता है। जैसे – यदि आपकी कुंडली में सूर्य नीच होकर रंध्र भाव में बैठा है या सूर्य पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि है तो निश्चित ही जन्म के समय आपके पिता कोई न कोई परेशानी में होंगे। इसी प्रकार अन्य विषयो के सम्बन्ध में समझना चाहिए।
चन्द्रमा | Moon
आइये जानते है ज्योतिष में चंद्र ग्रह के कारकत्व क्या-क्या है चन्द्रमा का सम्बन्ध हमारी भावना से है । कहा भी गया है चंद्रमा मनसो जातः। ग्रहों में सबसे तेज चलने वाला ग्रह चन्द्रमा है और चन्द्रमा मन का कारक है क्योकि मन भी सबसे तेज चलता है । ज्योतिष में चन्द्रमा मन, माता , जल, परिवर्तन, सम्मान, शीतलता, सत्ता, धन, यात्रा, मदुरता, भावना, आकर्षण, कफ, दुकानदार, दूध, मक्खन, फल, जड़ी-बूटी, महिला, वक्षस्थल, सुंदरता, कैंसर, अस्थमा, स्नायु, रोग इत्यादि विषयो का कारक ग्रह है ।
मंगल | Mars
ज्योतिष शास्त्र ( Astrology ) में मंगल ( Mars) ग्रह के कारकत्व क्या-क्या निम्नलिखित है भूमि से उत्पन्न होने के कारण भूमि का कारक ग्रह है तथा इसी कारण मंगल ग्रह को भौम भी कहा जाता है। मंगल ग्रह भाई, शक्ति, पराक्रम, साहस, प्रतियोगता, उत्तेजना, षडयन्त्र, क्रोध, शत्रु, विपक्ष विवाद, शस्त्र, सेनाध्यक्ष, उत्तेजना, षडयन्त्र, युद्ध, दुर्घटना जलना, घाव, अचल सम्पत्ति छोटा भाई, चाचा के लड़के, मैकेनिकल तथा इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, चील, कबूतर, बिल्ली, मुर्गा, लाल, पत्थर, चोट, चेचक, अपेंडिक्स, हार्निया, पित्त इत्यादि का कारक ग्रह है।
बुध | Mercury
बुध ( Mars) बुद्धि का कारक ग्रह है यदि किसी जातक का बुध उच्च का या केंद्र त्रिकोण में बैठा है तो जातक बहुत ही बुद्धिमान होता है। बुध कारक ग्रह है – वाणी, बुद्धिमता, शिक्षा, गणित, तर्क, अभिव्यक्ति, ज्योतिषी, लेखाकार, व्यापार, कमीशन एजेंट, प्रकाशन, नाटक, नृत्य, मित्र, मामा, बाग़, प्रज्ञा, मिथुन, तुला, तथा कुम्भ में तरुण अवस्था,पेट मुँह चर्म इत्यादि।
बृहस्पति | Jupiter
गुरु ग्रह ( Jupiter ) ज्ञान धन तथा संतान का कारक ग्रह है यदि कुंडली में संतान सुख देखना है तो सबसे पहले गुरु ग्रह की स्थिति को देखा जाता है। गुरु ग्रह विवेक, ज्ञान, ज्योतिषी, पुरोहित, परामर्शी, सत्य, विदेश में घर, भविष्य, सहायता, तीर्थयात्रा,नदी, मीठा खाद्य पदार्थ,विश्वविद्यालय, पान,शाप, मंत्र, दाहिना कान, नाक, स्मृति, पदवी, बडा़ भाई, पवित्र स्थान, धामिर्क ग्रन्थ का पठन, पाठन, गुरु, अध्यापक, धन बैंक,शरीर की मांसलता, धार्मिक कार्य ईश्वर के प्रति निष्ठा, दार्शिकता, दान, परोपकार, फलदार वृक्ष, पुत्र, पति, पुरस्कार, जांघ, लिवर, हार्निया इत्यादि का कारक ग्रह है।
शुक्र | Venus
जन्मकुंडली ( Horoscope) में शुक्र ग्रह शुभ ग्रह है यह ग्रह पति/पत्नी, विवाह ( Marriage) , सौंदर्य, प्रेम सम्बन्ध, रतिक्रिया,शयन कक्ष, सौंदर्य, संगीत, काव्य, इत्र, सुगन्ध, आखों की रोशनी,सफेद अथवा क्रीम रंग, वाहन, घर की सजावट, ऐश्वर्य, सहयोग, फूल, फूलदार वृक्ष, पौधे ,आभूषण, जलीय स्थान, सिल्कन कपड़ा, सुख सामग्री, तंत्र-मंत्र, जुआ, रेस, मधु, सिनेमा, गाय-भैस, चित्रकार, रसायन, नमक, स्त्री रोग, गुप्त रोग, कपड़ा, इत्र कारखाना, दही, आँख, आम वृक्ष इत्यादि का कारक ग्रह है।
शनि | Saturn
शनि ग्रह ( Saturn) कर्म आयु, दुख, रोग, मृत्यु, संकट अनादर, गरीबी, आजीविका ( Job) , कर्मचारी, सेवक नौकरियां, वृद्ध, लोहा, तेल, खनिज पदार्थ, मन्ति, पंगुता, अनैतिक तथा अधार्मिक कार्य, विदेशी भाषा, विज्ञान तथा तकनीकी शिक्षा मेहनत वाले कार्य, कृषीगत व्यवसाय, जेल, हास्पीटल में पड़े रहना, अगंभगं, लाभ, लालच बिस्तर पर पड़े रहना, चार दिवारी में बन्द रहना,वायु, जोड़ों के दर्द, कठोरवाणी, कब्रिस्तान, उदासीन, अध्यात्म, ठग, वृद्धावस्था, पक्षाघात, ह्रदय दर्द, ट्यूमर, ब्रॉन्कायटिस आदि।
राहु | Rahu
राहु ग्रह दादा का कारक ग्रह है। राहु, चोरी, विदेशी लोग, विष, धामिर्क यात्राए, कठोर वाणी, जुआ, भ्रामक तर्क, गतिशीलता, यात्राए, विजातीय लोग,चोरी, दुष्टता, विधवा, त्वचा की बिमारिया, होठ दर्द. कार्य में रूकावट, दांत, तुतलाना, देरी, आत्महत्या, पागलपन ( Depression) , कुष्ट, रक्त चाप, स्पलीन इत्यादि का कारक ग्रह है।
केतु | Ketu
केतु नाना तथा मोक्ष का कारक ग्रह है यह ग्रह कारक है मंदिर, कुष्ट, गुप्त रोग, गुप्त ज्ञान, चिकित्सक, पेट दर्द, जादू, काला, चना, कुत्ता, सींग वाले पशु, दर्द, ज्वर,खुजली, घाव,तांत्रिक, तन्त्र, जादू-टोना, शत्रुओं को नुकसान पहुंचाना, बहुरंगी पक्षी तथा मोक्ष का कारक ग्रह है।
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