Ashtakvarga Jupiter | बृहस्पति वा गुरु ग्रह के अष्टकवर्ग का फल
बृहस्पति (Jupiter) के अष्टकवर्ग के माध्यम से संतान के विषय में समुचित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। बृहस्पति बिन्दूविहीन जिस कक्षा से गुजरता है तब जातक को दुःख एवं धन, स्वास्थ्य तथा मान-सम्मान की हानि पहुँचाता है।
Ashtakvarga | बृहस्पति / गुरु के अधिकतम और न्यूनतम बिंदु फल
8 बिंदु के फल | 8 Bindu Effects
यदि बृहस्पति (Jupiter) अपने अष्टकवर्ग में किसी भी राशि में 8 बिंदु दिया है तो वह जातक के लिए सबसे अच्छा माना गया है। बृहस्पति जब उस राशि से गोचर करेगा तो जातक को अपार धन सम्पत्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि राजनीति से ताल्लुक रखते हैं तो मंत्री पद मिल सकता है। गुरु का यह गोचर आपको राजकीय सम्मान दिलाएगा । यदि आप नौकरी कर रहें हैं तो प्रोन्नति मिलेगी । कार्यस्थल पर उच्चाधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। गोचर के दौरान जातक को राजा के समान शक्ति और प्रसिद्धि मिलेगी।
7 बिंदु के फल | 7 Bindu Effects
जिस राशि में बृहस्पति (Jupiter) ने 7 बिंदु दिये हैं और उस राशि से से भ्रमण कर रहा है तो जातक को सौभाग्य और संतान सुख की प्राप्ति होगी। इस गोचर के दौरान संतान के लिए किया गया प्रयास निरर्थक नहीं जाएगा है। बृहस्पति धन का भी कारक है अतः धन की भी प्राप्ति होगी। आपका या आपके बच्चों का एडमिशन किसी प्रतिष्ठित संस्थान में हो सकता है। इस समय सामाजिक प्रतिष्ठा भी मिलेगी।
6 बिंदु के फल | 6 Bindu Effects
बृहस्पति अपने अष्टकवर्ग (Ashtakvarga )में जिस राशि में 6 बिंदु दिया है और उस राशि से गोचर के दौरान जातक नए वस्त्र का का उपयोग करेंगे। नए वाहन खरीदने का योग बनेगा। वह उत्तम भोजन तथा वस्त्र का उपभोग करेगा। धार्मिक यात्रा हो सकती है। इस समय आप चिन्ता मुक्त होंगे। सर्वत्र खुशियाली ही खुशियाली होगी।
5 बिंदु के फल | 5 Bindu Effects
जिस भाव में बृहस्पति (Jupiter) 5 बिंदु दिया है और उसी भाव वा राशि से गोचर कर रहा है तो जातक को नए लोगों के साथ मुलाकात होगी। आपके कुछ नया करने के लिए योजना बनाएंगे। शेयर के काम में सफलता मिलेगी। रुके हुए कार्य में सफलता मिलेगी। यदि कोई शत्रु है तो उसपर विजय की प्राप्ति होगी।
4 बिंदु के फल | 4 Bindu Effects
बृहस्पति अपने अष्टकवर्ग में जिस राशि में 4 बिंदु दिया है और बृहस्पति (Jupiter) उस राशि से गोचर कर रहा है तो उस समय जातक के अंदर किसी भी कार्य के प्रति उत्साह में कमी आएगी। कभी सुख तो दुःख का अनुभव मिलते रहेगा। व्यक्ति को आत्मसंतुष्टि नहीं होगी। यदि गुरु का सम्बन्ध धन से बन रहा हो तो धन का नुकसान हो सकता है। विद्वान् तथा प्रतिष्ठित लोगों से मुलाक़ात में कमी आएगी।
3 बिंदु के फल | 3 Bindu Effects
यदि बृहस्पति (Jupiter) अष्टकवर्ग में किसी राशि में तीन बिंदु दिया है और बृहस्पति गोचर में है तो यह अशुभ परिणाम के लिए तैयार रहें। वाणी दोष के कारण मानसिक कष्ट होगा। व्यापारिक गतिविधियों तथा लाभ में कमी आएगी । दोस्तों से मनमुटाव हो सकता है। इस समय आप जो भी कार्य करेंगे उसमें सफलता मिलने के कम चांस होंगे अतः अचानक नए कार्य के लिए कोई निर्णय न लें।
2 बिंदु के फल | 2 Bindu Effects
यदि बृहस्पति अपने अष्टकवर्ग में 2 बिंदु प्रदान किया है और गोचर में उसी राशि से गुजर रहा है तो संतानहानि की प्रबल संभावना होती है। यदि सरकारी नौकरी कर रहें हैं तो सरकार की ओर से खतरा हो सकता है। यदि मंत्री पद पर कार्यरत है तो मंत्री पद जा सकता है।
1 बिंदु के फल | 1 Bindu Effects
यदि बृहस्पति किसी राशि में एक बिंदु दिया है तो ऐसा जातक गुरु के गोचर के समय शत्रुओं के षड्यंत्र में चंगुल में आ सकते हैं अतः सतर्क रहें। आर्थिक हानि होगी। पैतृक संपत्ति को लेकर झगड़ा हो सकता है। स्वास्थ्य हानि हो सकती है। उसकी आध्यात्मिक चेतना में कमी आएगी।
0 बिंदु के फल | 0 Bindu Effects
यदि बृहस्पति किसी राशि में जीरो बिंदु दिया है और गोचर तथा दशा, अंतर्दशा भी अशुभ चल रही है तो उस समय जातक की संतान को मृत्यु तुल्य कष्ट होगा जिससे जातक मानसिक रूप से परेशान होगा। धन हानि की प्रबल संभावना होती है। निर्णय लेने की क्षमता में ह्रास होगा। नकारात्मक सोच के कारण आप डिप्रेशन ( Depression) में जा सकते हैं।
Ashtakvarga | गुरु गोचर में अपने शुभ बिंदु राशि में है तब निम्न शुभ कार्य करें।
- स्वयं या बच्चों के शिक्षा संस्थान में प्रवेश में सफलता दिलाएगा।
- कोई नया व्यवसाय प्रारम्भ करने के लिए शुभ समय होगा।
- संतान उत्पत्ति हेतु प्रयास करना शुभ होगा।
- वैवाहिक कार्यक्रम के लिए उत्तम समय होगा।
- किसी भी तरह की मीटिंग के लिए शुभ होगा।
इसके विपरीत यदि किसी भी राशि में 3 बिंदु या उससे कम है और बृहस्पति /गुरु उस राशि में गोचर कर रहा है तो उपर्युक्त शुभ कार्य करना हीं नहीं चाहि ।
सूर्य चन्द्रादि ग्रहों के अष्टकवर्ग का फल
सूर्य | चन्द्र | मंगल | बुध | बृहस्पति | शुक्र | शनि |