Jupiter in Second House Impact | कुंडली के दूसरे भाव में गुरु फल विचार
Jupiter in Second House Impact | कुंडली के दूसरे भाव में गुरु फल विचार | यदि जन्मलग्न से दूसरे भाव / स्थान में गुरु / बृहस्पति बैठे हैं तो वैसा व्यक्ति मधुरभाषी,सम्मानित, यशस्वी तथा सबलोगों का प्रिय होता हैं। आप अत्यन्त ही उत्साही और सामाजिक व्यक्ति हैं। आपके लिए अपना सम्मान ही सबसे बडा धन है आप इसके लिए किसी भी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं होते हैं। इस भाव का बृहस्पति सामान्यत: उत्तम फल प्रदान करता है।
प्रसिद्ध विद्वान ने कहा है —
धनस्थे काव्यानां सरसरचना चरुपतुता
अधिकारी दण्डानाम परवरवसुधापालसदने।
सदायासादर्थागम उतजनानां मुखरता
लभेन्नो लोकेभ्यः स्थितिमपि धनं वासवगुरौ।।
अर्थात जिस मनुष्य के जन्म समय में गुरु दूसरे / धन भाव ( Jupiter in Second House ) में हो उसे सरस सूंदर काव्य के निर्माण में कुशलता होता है। वह सरकारी नौकरी करने वाला अर्थात सरकार में उच्च पद प्राप्त करने वाला होता है। वह मंत्री पद भी प्राप्त करता है। वह दण्डाधिकारी ( Judge ) प्रशाशनिक अधिकारी होता है। सभा में अधिक बोलने वाला होता है। लोगो की दृष्टि में प्रतिष्ठित नहीं होता परन्तु धनवान होता है।
स्वभाव | Nature
दुसरा स्थान वाणी, मुख तथा धन का स्थान होता है यदि इस स्थान में गुरु के स्थित हैं तो आप सूंदर मुख्य वाले तथा मधुर बोलने वाले होंगे। यही नहीं आपकी वाणी में मधुरता के साथ साथ गाम्भीर्य भी होगा सभा में आप चाणक्य की भूमिका निभा सकते है। आप विनम्र है। सज्जनो की संगति आपको अत्यन्त ही प्रिय है।
आप साहसी और सदाचारी है। यथार्थ वक्ता के रूप में आपको प्रसिद्धि मिल सकती है अतः अपने जीवन के प्रथम काल से ही आपको अपने वक्तृत्व शक्ति के विकास पर ध्यान देना चाहिए क्योकि अभ्यासेन सिध्यन्ति कार्याणि।
पारिवारिक जीवन | Family life
आपका पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा आप अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ सहजता पूर्वक जुड़े रहेंगे। आप संतान सुख का भरपूर आनंद प्राप्त करेंगे। आप धन संग्रह और संचय में निपुण होंगे। हांलाकि अशुभ प्रभाव या अशुभ दशा की स्थिति में गुरु के विपरीत फल भी मिल सकता हैं।आप धनवान और सभी प्रकार के अधिकारों को प्राप्त करने वाले होंगे।
पिता का सुख कम मिलता है आपके धन का उपयोग आपके पिता नहीं कर पाएंगे। पैतृक सम्पति का अभाव होता है और यदि हुआ तो नष्ट होने हो जाते है। पैतृक सम्पती के कारण पिता और पुत्र के मध्य वैमनस्य हो जाता है। माता तथा पत्नी का सुख तथा सहयोग हमेशा मिलते रहता है।
व्यवसायिक स्थिति |Business
दूसरे भाव में गुरु होने से व्यक्ति अपना व्यवसाय अथवा नौकरी दोनों करने वाला होता है कभी कभी तो जातक दोनों काम एक साथ ही करने लगता है। व्यवसाय में ऐसा जातक ज्वैलरी का कार्य करे तो बहुत लाभ मिलता है। ऐसा जाताक सरकारी नौकरी प्राप्त करके अच्छा धनार्जन करता है। वकालत तथा जज कानूनी काम में सफलता प्राप्त करता है। इसके अतिरिक्त आप एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी IAS,IPS भी हो सकते है।
क्या करना चाहिए
- आपको यथावसर अवश्य ही दान-दक्षिणा देते रहना चाहिए ऐसा करने से आपकी समृद्धि बनी रहेगी।
- हमेशा सकारात्मक सोचे शुभ परिणाम मिलेगा।
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Mujhe apni or apni wife ki kundali ke bare me janna h kya h