Venus Chakra in Astrology | शुक्र ग्रह के चक्र से जानें भविष्यफल

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वैदिक ज्योतिष में भविष्यफल जाननें के लिए अनेक पद्धतियों का प्रचलन रहा है, इसी कड़ी में ग्रह विशेष का चक्र बनाकर फल कथन करने की परम्परा रही है आज इस लेख के माध्यम से हम बताने का प्रयास करेंगे कि किस प्रकार से शुक्र ग्रह के चक्र से भविष्य फल जाना जाता है ।

कैसे करें शुक्र चक्र का निर्माण |

जन्म कुण्डली में शुक्र ग्रह जिस नक्षत्र में स्थित होता है, उस नक्षत्र को मानवाकृति के चक्र में सबसे ऊपर सिर पर स्थापित करें। पुनः क्रमशः अन्य नक्षत्र इस शुक्र चक्र में स्थापित करें । इसके बाद यह देखें कि जिस नक्षत्र में आपका जन्म हुआ है वह नक्षत्र शुक्र चक्र (Venus Chakra) में मानव शरीर के किस अंग पर आता है, उस अंग विशेष के आधार पर जातक के भविष्यफल बताना चाहिए। इस चक्र में मानव अंग को छः भाग में बाँटा जाता है और सभी भाग में अलग अलग संख्या में नक्षत्र की स्थापना की जाती है। यथा —-

प्रथम भाग – यह स्थान मानव का सिर होता है। इस स्थान पर तीन नक्षत्र की स्थापना की जाती है।

दूसरा भाग – यह भाग मानव शरीर के गला स्थान पर होता है । इस स्थान पर क्रमशः बाद के पांच नक्षत्र रखे जाते है ।

तृतीय भाग – गले स्थान के बाद ह्रदय स्थान आता है और इस स्थान पर भी पांच नक्षत्र की स्थापना की जाती है।

चतुर्थ भाग – उपर्युक्त क्रम में हृदय भाग के बाद पूर्व क्रम से आने वाले तीन नक्षत्रों को नाभि स्थान पर स्थापित किया जाता है ।

पंचम भाग – नाभि स्थान के बाद पिण्डलियों पर पांच नक्षत्र की स्थापना की जाती है।

षष्ठ भाग – अंत में जब पिण्डलियों पर नक्षत्रों को रखने के बाद क्रमशः छः नक्षत्र पैर स्थान पर स्थापित किया जाता है।

इस प्रकार आप देखेंगे कि क्रमशः 3+5+5+3+5+6= 27 नक्षत्रों की स्थापना क्रम से हो जाता है

शुक्र चक्र के भविष्यफल | Effect of Venus Chakra

1. सिर स्थान पर जन्म नक्षत्र का भविष्यफल

शुक्र चक्र (Venus Chakra) में जब किसी भी जातक का जन्म नक्षत्र सिर (Head) स्थान पर स्थित होता है तो वह व्यक्ति अपने बुद्धि चातुर्य से कार्य करता है। ऐसा व्यक्ति प्रायः सरकारी विभागों में कार्य करते हुए देखा गया है। जातक अभिनय के क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त करता है। इस योग का व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में भी सफल होता है।

2. गले स्थान पर जन्म नक्षत्र का भविष्यफल

जब व्यक्ति किसी व्यक्ति का जन्म नक्षत्र गले (Neck) स्थान पर स्थित होता है तो व्यक्ति धनवान होता है उसे अकस्मात धन लाभ प्राप्त (क्या आपके कुंडली में धन योग है) होता है। यह योग व्यक्ति को धनवान बनाने में सहयोग करता है। व्यवसाय के क्षेत्र में भी सफलता ( Business yoga in horoscope) दिलाता है। जातक धन लाभ के लिए जितना भी प्रयत्न करता है उसमें सफलता प्राप्त करता है। यह योग आर्थिक समृद्धि का द्वार खोलता है। नौकरी के भी अनेक अवसर प्रदान करता है।

3. ह्रदय स्थान पर जन्म नक्षत्र का भविष्यफल

जब जन्म नक्षत्र ह्रदय ( Heart ) स्थान पर स्थित हों तो व्यक्ति सुखमय जीवन व्यतीत करता है। उसे बन्धु बान्धव का सहयोग मिलता है। जातक भौतिक सुख-सुविधाओं से सम्पन्न होता है। वह भूमि का मालिक होता है। स्वयं के परिश्रम से मकान का निर्माण करता है।

4. नाभि स्थान पर जन्म नक्षत्र का भविष्यफल

शुक्र चक्र (Venus Chakra) में जब जन्म नक्षत्र नाभि स्थान पर स्थापित होता है तो, व्यक्ति शत्रु भय से युक्त होता है। व्यक्ति को जीवन पथ में अनेक संघर्ष का सामना करना पड़ता है। इनका शत्रु विपरीत लिंग का होता है इसके कारण व्यक्ति को अपमानित भी होना पड़ता है।

5. पिण्डलियों पर जन्म नक्षत्र का भविष्यफल

शुक्र चक्र (Venus Chakra) में जब जन्म नक्षत्र पिंडलियों पर स्थापित होता है तो, व्यक्ति खान पान का शौकीन होता है। अक्सर होटल में भोजन करना पसंद करता है। व्यक्ति गूढ़ रहस्यों को जानने के लिए उत्सुक रहता है।

6. पैर स्थान पर जन्म नक्षत्र का भविष्यफल

जन्म नक्षत्र की स्थिति शुक्र चक्र ( Venus Chakra) में पैर स्थान में होने पर व्यक्ति सुखी जीवन जीता है। अपने जीवन काल मे जातक भूमि, वाहन, मान-सम्मान इत्यादि को प्राप्त करता है। ऐसा व्यक्ति सामाजिक न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित भी कर देता है।

उदाहरण के लिये यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुण्डली में शुक्र ग्रह कृतिका नक्षत्र में है, तथा उसका जन्म नक्षत्र पुर्नवसु है तो शुक्र चक्र में जन्म नक्षत्र गले स्थान पर आता है. ऎसे में शुक्र चक्र के अनुसार व्यक्ति को अकस्मात धन लाभ की प्राप्ति का योग बनता है।

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