Vedh Dosha in Marriage – विवाह में पंचशलाका और सप्तशलाका वेध दोष
Vedh Dosha in Marriage – विवाह में पंचशलाका और सप्तशलाका वेध दोष. विवाह में शुभ मुहूर्त निर्धारण के लिए अनेक प्रकार के दोषों का परिहार किया जाता है। पंचशलाका व सप्तशलाका चक्र वेध दोष को सभी जगह वर्जित माना गया है। ज्योतिष सिद्धांत के अनुसार यदि विवाह मुहूर्त वाले दिन वेध दोष है तो उस दिन विवाह ( Marriage) नहीं करना चाहिए। वेध दोष में विवाह करने पर दाम्पत्य जीवन में समस्या आती है।
Vedh Dosha | जानें ! क्या है पंचशलाका और सप्तशलाका वेध दोष ?
पंचशलाका चक्र के अनुसार विवाह नक्षत्र यदि किसी अन्य क्रूर आदि ग्रह से वेध में है तो उस नक्षत्र में विवाह नहीं करना चाहिए। वेध दोष जानने के पंचशलाका और सप्तशलाका चक्र का आश्रय लिया जाता है। शास्त्र में एक रेखा में आने वाले नक्षत्रों का परस्पर वेध माना गया है। विवाह नक्षत्र का जिस भी नक्षत्र के साथ वेध हो यदि उस नक्षत्र में कोई क्रूर वा अशुभ ग्रह स्थित हो तो इसे वेध-दोष माना जाएगा।
पंचशलाका चक्र के माध्यम से वधु प्रवेश, दान, वर-न्या का वरण, विवाहादि शुभ कार्य में वेध दोष का परिहार किया जाता है। सप्तशलाका चक्र के माध्यम से अन्य मंगल कार्य में वेध दोष का परिहार किया जाता है।
शुभ मुहूर्त निर्धारण में चंद्र तारा बल का महत्त्व
Vedh Dosha | पंचशलाका वेध दोष चक्र
वेधक नक्षत्र | वेध्य नक्षत्र |
अश्वनी | पूर्व फाल्गुनी |
रोहिणी | अभिजीत |
मृगशिरा | उत्तरा अषाढा |
मघा | श्रवण |
उत्तरा फाल्गुनी | रेवती |
हस्त | उत्तरा भाद्रपद |
चित्रा | पूर्व भाद्रपद |
स्वाति | शतभिषा |
अनुराधा | भरनी |
मूल | पुनर्वसु |
उत्तरा अषाढा | मृगशिरा |
श्रवण | मघा |
धनिष्ठा | आश्लेषा |
उत्तरा भाद्रपद | हस्त |
रेवती | उत्तरा फाल्गुन |
जैसे पंचांग में दिए पंचशलाका चक्र में अश्वनि नक्षत्र का पूर्व-फ़ाल्गुनी नक्षत्र के साथ वेध बताया गया है। अब यदि विवाह का नक्षत्र अश्वनि है तो वेध दोष निवारण के लिए पूर्व-फ़ाल्गुनी नक्षत्र में कोई भी ग्रह स्थित नहीं होना चाहिए, यदि पूर्व-फ़ाल्गुनी नक्षत्र में कोई ग्रह स्थित है तो यह वेध दोष माना जाएगा। विवाह में यह दोष सर्वत्र विचारणीय व त्याज्य है ऐसा नहीं करने पर अनेक प्रकार की समस्या आ सकती है।
जानें ! सूर्यादि ग्रह दोष का परिणाम
ग्रह वेध | फल |
सूर्य | वैधव्य शोक |
मंगल | पुत्र शोक |
बुध | वन्ध्या योग |
गुरु | प्रव्रज्या योग |
शुक्र | केवल कन्या का जन्म |
शनि | दरिद्रता का योग |
राहु-केतु | आत्म सुख का अभाव |