नवरात्रि में किस मंत्र के जप से होगा कोरोना वायरस का नाश ?
इस वर्ष 25 मार्च 2020 से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहा है। नवरात्रि में भक्त जन स्वयं के कल्याण के लिए माता दुर्गा – शक्ति की उपासना करते है। नवरात्रि में माता उपासक दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं, परन्तु इसी दुर्गा सप्तशती में कुछ ऐसे प्रभावी मंत्र भी हैं जिसका जप करने से महामारी जैसे विपदा शीघ्र ही समाप्त हो जाती है। इस मंत्र का जप विश्व के कल्याण अथवा रक्षा करने के लिए सामूहिक अथवा व्यक्तिगत रूप से किया जा सकता है ।
नवरात्रि के नौ दिन नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ करना उत्तम माना गया है। वस्तुतः नवरात्रि में कुछ विशेष मंत्रों का जप करने से मां प्रसन्न होती हैं और भक्त को मनोवांछित फल प्रदान करती है साथ ही सर्वजनसुखाय के लिए व्याधि, रोग, पीड़ा और दरिद्रता,महामारी को नष्ट कर देती है। इससे सर्वत्र शांति और सौहार्द्र आती है। नवरात्रि में कब करें कलश स्थापना?
नवरात्रि में किस मंत्र के जप से होगा कोरोना वायरस का नाश ?
मेरा सभी भक्तों से नम्र निवेदन है की आप जिस प्रकार से पहले नवरात्र पूजा करते थे वैसे ही माता दुर्गा की उपासना करें। परन्तु जैसा की आप जानते हैं कोरोना नामक वायरस से उत्पन्न वैश्विक महामारी जनता को बिलकुल बेवस कर दिया है अतः इससे रक्षा तथा विश्व के कल्याण के लिए कम से कम एक बार इस मंत्र का जप अवश्य ही करें। आप ऐसा न समझें की हमारे द्वारा एक बार मन्त्र जप से क्या होगा ? आप ऐसा समझे की आप जैसे करोड़ों भक्त माता के उपासक हैं तो एक दिन में महामारी विनाशक इस मन्त्र का करोड़ों बार जप, भारत अथवा भारत के बाहर होगा जिससे सभी जगह के लोगों का कल्याण होगा।
सर्वप्रथम प्रातःकाल स्नान करके पूजन सामग्री के साथ पूजन स्थल पर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठे । अपने सामने दुर्गा जी की मूर्ति या प्रतिमा रखें और विधिवत पूजा करें। प्रत्येक दिन पूजा समाप्ति के बाद माता का ध्यान करके तथा कोरोना नामक वैश्विक महामारी से रक्षा तथा विश्व के कल्याण का संकल्प लेकर निम्न मन्त्र का कम से कम एक बार जोर से उच्चारण के साथ जप करें, ऐसा करने से निश्चित ही आपका आपके परिवार का समाज का तथा देश का कल्याण होगा। अप्रत्यक्ष रूप में देशहित में आपकी भागीदारी सुनिश्चित होगी।
विश्वव्यापी विपत्तियों, महामारी तथा रोग के नाश हेतु मन्त्र
विश्वव्यापी विपत्तियों, महामारी तथा रोग के नाश हेतु नीचे लिखे हुए त्रिश्लोकी दुर्गा का पाठ नियमित नौ दिन करने से वर्तमान में चल रही वैश्विक महामारी का नाश होगा।
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।।
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोsस्तु ते।।
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।