Marriage | शादी-विवाह में बाधा के मुख्य कारण तथा समाधान

Marriage | शादी-विवाह में बाधा के मुख्य कारण तथा समाधान

Marriage | शादी-विवाह में बाधा के मुख्य कारण तथा समाधानMarriage | शादी-विवाह में बाधा के मुख्य कारण तथा समाधान. वैदिक ज्योतिष प्राचीन काल से ही जातक को आने वाली परेशानियों का समाधान देते आ रहा है और आगे भी देता रहेगा। इसी कड़ी में आज विवाह में आने वाली बाधाओं के निवारण हेतु उपाय बताने जा रहा हूं मुझे विश्वास है की प्रस्तुत लेख के माध्यम से आपको अवश्य ही लाभ होगा। शीघ्र विवाह और सही समय पर शादी सभी लोगों की पहली ख्वाहिश होती है विवाह में देरी होने से अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अक्सर लोग ज्योतिषी के पास जाकर यह पूछते है कि मेरी शादी ठीक होती है परन्तु हो नही पाती इसके पीछे विवाह में आने वाली परेशानियों की ज्योतिष शास्त्र में कई कारण बताए गए है जैसे – मांगलिक दोष, सप्तमेश की खराब स्थिति, शय्यासुख के स्थान में अशुभ ग्रह का बैठना, विवाह कारक शुक्र ग्रह पर अशुभ ग्रह का प्रभाव या अशुभ स्थान में स्थित होना इत्यादि ।

यदि आपकी कुंडली में ऐसे दोष हैं तो निश्चित ही शादी या तो देर से होगी या मैरिज के बाद कोई न कोई परेशानी उत्पन्न होने की संभावना बनी रहेगी। हिंदू धर्म और ज्योतिष विद्या में शीघ्र विवाह होने के लिए कुछ उपाय मौजूद हैं। इस उपाय को करने के बाद विवाह में आने वाली समस्या में कमी आ जाती है । ज्योतिष में व्रत, तंत्र-मंत्र, लाल किताब के टोटके, रत्न इत्यादि ऐसे अनेक उपायों से शादी में आ रही समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

आइये वैदिक ज्योतिष की दृष्टिकोण से यह जानने का प्रयास करते हैं कि आपकी शादी में देर होने का मुख्य कारण क्या है।

वैवाहिक बाधा के मुख्य कारण | Main Reason for Late Marriage

कार्य कारण के सिद्धान्तानुसार यदि आपकी शादी में देरी हो रही है तो अवश्य ही कोई न कोई कारण होगा जातक की जन्मकुंडली में स्थित ग्रहों की स्थिति के आधार पर यह जाना जा सकता है कि आखिर किस कारण से विवाह में देरी हो रही है।
सामान्यतः जातकों की जन्मकुंडली में ऐसे योग होते हैं जिससे उनके विवाह में बाधाएँ आती है और बहुत कोशिश करने के उपरांत भी वैवाहिक सुख से वंचित रह जाते हैं । वैदिक ज्योतिष की दृष्टिकोण से यह जानने का प्रयास करते हैं कि आपकी शादी में देर होने का मुख्य कारण क्या है।
आइये जानते हैं की किस उपाय को करने से विवाह में आने वाली समस्या को शीघ्रता से दूर किया जा सकता है।

Marriage | शादी-विवाह में बाधा के मुख्य कारण तथा समाधान

मांगलिक दोष | Mangalik Dosh

सर्वप्रथम आप अपनी जन्मकुंडली निकाल ले तथा दर्शाए गए जन्मकुंडली के आधार पर यह देखे की यदि आपकी कुंडली में भी मंगल (1, 4, 8 और 12 वे) इनमे से किसी एक स्थान में बैठे हैं तो आप समझ जाइये की आप मांगलिक जातक वा जातिका है ।

Marriage | शादी-विवाह में बाधा के मुख्य कारण तथा समाधान

जन्मकुंडली में इस दोष के होने से विवाह में देरी होती है हालांकि हमेशा ऐसा नहीं होता है फिर भी यदि आपकी जन्मकुंडली में मांगलिक दोष है तो समझे कि शादी में देरी होने के विभिन्न कारणों में एक यह भी है तथा इस दोष का समाधान कर लेना ही उचित होगा क्योंकि ऐसा करने से निश्चित ही वैवाहिक सुख की प्राप्ति होगी।

मांगलिक दोष के उपाय | Remedies for Mangalik Dosh

यदि आप मांगलिक दोष से प्रभावित हैं तो शादी से पूर्व तथा शादी के बाद अर्थात दोनों स्थिति में जातक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है अतः इस दोष से निवारण हेतु निम्न उपाय करना चाहिए।

मांगलिक लड़का या लड़की की शादी मांगलिक दोष से युक्त जन्मकुंडली वाले जातक वा जातिका के साथ करना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो मांगलिक दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

प्रत्येक मंगलवार को मंगल-चंडिका स्त्रोत्र का पाठ तथा शनिवार को सुन्दर काण्ड का पाठ रामदरबार प्रतिमा के समक्ष करने से वैवाहिक समस्याएं दूर हो जाती है।

जानें ! कैसे करे मांगलिक दोष का समाधान

सप्तम भाव तथा भावेश की स्थिति | 7th House and House Lord 

यदि आपकी जन्मकुंडली में सप्तम भाव तथा सप्तम भाव का स्वामी अशुभ ग्रहों से पीड़ित है अथवा अपनी नीच राशि में स्थित है तो निश्चित ही भाव तथा भावेश कमजोर हो जाता है और शुभ फल देने में असमर्थ हो जाता है। इसके अतिरिक्त यदि सप्तमेश 6, 8,12 भाव में स्थित है तब भी बलहीन होता है और इसके प्रभाव से जातकों के विवाह में देरी होती है।

उपाय | Remedies 

सम्बंधित भाव तथा भावेश को रत्न, व्रत और पूजा के माध्यम से बलि करे ताकि शुभ फल देने मे समर्थ हो।

बारहवां भाव | Twelfth House

बारहवें स्थान को ज्योतिष में शय्यासुख ( Bed Pleassure)  का भाव है। यदि इस भाव में अशुभ ग्रह बैठा है या इस भाव का स्वामी अशुभ स्थिति में हैं तो जातक को शय्यासुख वा यौन सुख में कमी होगी परिणाम स्वरूप आपकी शादी देर से होगी।

विवाह कारक वृहस्पति तथा शुक्र ग्रह की स्थिति

शुक्र ग्रह | Venus Planet

पुरुष की कुंडली में शुक्र विवाह कारक ग्रह है। यदि आपकी जन्मकुंडली में शुक्र ग्रह कन्या राशि में नीच होकर है, सूर्य से अस्त है या अशुभ ग्रह के प्रभाव में है तो जातक को अपने विवाह में बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

बृहस्पति ग्रह | Jupiter Planet

यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह नीच राशि मकर में है, सूर्य से अस्त है, अशुभ ग्रह के प्रभाव में स्थित है, तो वह कमजोर हो जाता है जाएगा परिणामस्वरूप जातिका को धन दौलत, संतान तथा शादी-विवाह में व्यवधान आने लगता है।

नवांश कुंडली में दोष | Navamsha Horoscope

दाम्पत्य जीवन में नवांश कुंडली का विशेष महत्त्व होता है। यदि आपके जन्मकुंडली के अंदर आने वाले नवांश कुंडली में कोई दोष है तो निश्चित ही विवाह में देरी या वैवाहिक सुख में कमी को दर्शाता है। अतः जिस ग्रह तथा भाव भावेश में दोष है उससे सम्बन्धित उपाय करने से विवाह से आने वाली समस्या समाप्त हो जाती है।

शीघ्र विवाह हेतु निम्न उपाय करना चाहिए | Remedies for Quick  Marriage 

वैदिक ज्योतिष में व्यक्ति की प्रत्येक समस्या का समाधान दिया गया है उस उपाय को करने से निश्चित ही लाभ मिलता है परन्तु यह लाभ प्रयाः उन्ही जातकों को मिलता है जो पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करते है। यहाँ जातक के विवाह में यदि देरी हो रही है अधोलिखित उपाय को करने से विवाह में आने वाली बाधा समाप्त हो जाती है तथा शीघ्र ही वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।

  1. प्रत्येक गुरुवार को केले के पेड़ के समक्ष शुद्ध घी के दिए जलाएँ और गुरु (बृहस्पति) के 108 नामों का उच्चारण करें। ऐसा करने से जातकों का विवाह शीघ्र होता है।
  2. प्रत्येक वृहस्पतिवार को पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करने से शीघ्र विवाह होने के योग बनते हैं।
  3. जिस जातक का विवाह नहीं हो रहा है उसे प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती में स्थिति अर्गलास्तोत्रम् का पाठ करता है तो अविवाहित जातकों के विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है।
  4. प्रत्येक पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष के चारो ओर परिक्रमा करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है।
  5. शीघ्र विवाह के उपाय के तौर पर जातकों को शरीर पर पीले वस्त्र धारण करना चाहिए
  6. जातक को ओपल रत्न ( Opel Gemstone) धारण करना चाहिए।
  7. यदि जातिका शीघ्र विवाह के संकल्प लेकर गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करें तथा शिव-पार्वती जी का पूजन करे। ऐसा करने से विवाह की मनोकामना पूरी होती है।
  8. अविवाहित जातक-जातिका शीघ्र विवाह का संकल्प लेकर प्रत्येक सोमवार या प्रतिदिन शिवालय में शिवलिंग का कच्चे दूध से अभिषेक करे तथा बेल पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि से विधिवत पूजा करे तो निश्चित शीघ्र विवाह होती है।
  9. यदि अविवाहित कन्या किसी कन्या की शादी में जाती है और वहाँ दुल्हन के हाथों से ही मेहंदी लगवा ले तो इससे उसकी शीघ्र विवाह की संभावनाएँ बढ़ जाती है।
  10. यदि कोई पुरुष जातक शीघ्र विवाह तथा मनोनुकूल पत्नी चाहता है तो दुर्गा सप्तशती में लिखित निम्न मन्त्र का 108 बार या कम से कम 11 बार जप करे आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
    पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणिम्।
    तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम।।
  11. माता गौरी तथा शंकर को ध्यान में रखकर निम्न मंत्र का जप करने से शीघ्र ही मनोनुकूल पति /पत्नी की प्राप्ति होती है।
    हे गौरि शंकरार्धांगी यथा त्वं शंकरप्रिया।
    तथा मां कुरू कल्याणि कान्त कान्ता सुदुर्लभाम्।।
    अपने घर के मंदिर में शिव-पार्वती का चित्र स्थापित करें उसके बाद धूप-दीप जलाकर रूद्राक्ष माला पर उपर्युक्त मन्त्र का प्रतिदिन कम से कम एक माला जप करना चाहिए।
  12. शीघ्र विवाह हेतु श्री कृष्ण जी का आशीर्वाद निम्न मंत्रो के जप से प्राप्त करना चाहिए। मन्त्र का जप प्रतिदिन कम से कम १०८ बार तब तक करते रहना चाहिए जब तक की शादी न हो जाए।
    “क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”
  13. 16 सोमवार व्रत तथा बृहस्पतिवार का व्रत करने से भी वैवाहिक बाधाएं शीघ्र ही दूर हो जाती है और मनोनुकूल जीवन साथी मिल जाती है।
  14. यदि किसी लड़की की शादी नहीं हो रही है तो वैसे जातिका को वायव्य दिशा ( North-West) में अपना शयन कक्ष बनाना चाहिए ऐसा करने से शीघ्र ही विवाह हो जाती है।

2 Comments

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