Effects of Fifth House Lord in Eleventh House in Hindi | पंचम भाव के स्वामी का ग्यारहवे भाव में फल , किसी भी जातक के जन्मकुंडली में पंचम भाव संतान ( children) प्यार , बुद्धि, शिक्षा, लक्ष्मी, धन पिता का भाग्य, माता का धन, शेयर, प्रोडक्शन इत्यादि का कारक भाव है यह भाव तथा इस भाव का स्वामी जब एकादश भाव में स्थित होगा तब वह पंचम और एकादश भाव के कारकत्व तथा स्वयं के कारकत्व के अनुरूप फल प्रदान करता है। ग्यारहवा भाव लाभ स्थान, बड़े भाई, मित्र तथा व्यक्ति की इच्छापूर्ति करने वाला स्थान है अतः जब पंचमेश इस स्थान पर होता है तो जातक की इच्छा जैसे संतान, धन इत्यादि की पूर्ति होती है। यदि पंचमेश लाभेश के साथ इस स्थान पर स्थित होता है तो व्यक्ति कम उम्र से ही पंचम भाव के सुख का उपभोग करने लगता है।
कई बार यह भी देखा गया है की कोई लड़की या लड़का जिसकी उम्र 14 या 15 साल की ही हुई है और पंचमेश की दशा प्रारम्भ हो गई है तो वह उस उम्र ही प्यार के चक्कर में पर जाता है जिसके कारण पढाई में भी मन नहीं लगने लगता है फलस्वरूप परीक्षा परिणाम खराब हो जाता है। अक्सर यह भी देखा गया है कि ऐसा जातक भौतिक सुख को अपने जीवन में ज्यादा महत्त्व देता है ।
लोमेश संहिता में कहा गया है —
सूतेशे लाभभवने पंडितो जनवल्लभः।
ग्रन्थकर्ता महादक्षो बहुपुत्रो धानान्वित :।।
अर्थात यदि संतान भाव का स्वामी लाभ स्थान में स्थित है तो वैसा जातक बहुत ही विद्वमान, ज्ञानी, जननायक, किताब लिखने वाला ( Author) , धनवान, सभी कार्यो में दक्ष तथा संतान सुख से युक्त होता है।
एकादश भाव लाभ स्थान है अतः ऐसा व्यक्ति हमेशा कोई न कोई लाभ की बात करते रहता है। बिना लाभ के कोई काम भी नहीं करना चाहता है। कई बार तो पढाई के दौरान ही लाभ के कारण पढाई छोड़कर नौकरी करने लगता है या पढाई करते करते ऐसा कोई काम जरुर करेगा जिसमे लाभ की प्राप्ति हो । ऐसे जातक का मुख्य उद्देश्य लाभ अर्जित करना होता है।आपको अचानक लाभ हो सकता है।
किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में जब पंचम भाव का स्वामी लाभ स्थान में स्थित होता है तो वह धार्मिक, अपने पिता का पोषक तथा संतान के लिए कार्य करने वाला होता है परन्तु ऐसा जातक बहुत ही चालाक होता है। कई कुंडली में यह देखा गया है की जातक मन से परेशान भी रहता है क्योकि इन्हे संतुष्टि नहीं मिलती है ।
पंचम भाव पूर्व जन्म का भाव है तथा एकादश भाव वर्तमान जीवन की इच्छा पूर्ति वाला भाव है अर्थात व्यक्ति पूर्व जन्म तथा वर्तमान जीवेक्षा की भी पूर्ति इस जन्म में सफलतापूर्वक करेगा। ऐसा व्यक्ति धार्मिक और आध्यात्मिक व्यक्तित्व वाला बुद्धिमान होता है।
ऐसा व्यक्ति व्यवसाय कुशल होता है इनके अनुमान प्रायः सत्य साबित होते है। शेयर का काम करना इनके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यही नहीं आप वेद, वेदांग या मन्त्र रूपी ज्ञान से जीवन में धन अर्जित करने में समर्थ होते है।