Shardiya Navratri 2024 Date & Vidhi : जानें ! नवरात्रि पूजन दिन, तिथि,कलश स्थापना, कन्या पूजन कब और कैसे करें ?

Chaitra Navratri Tithi 2025 : जानें ! कब करें कलश स्थापन, अष्टमी, नवमी, और कन्या पूजन?

Chaitra Navratri Tithi 2025 : जानें ! कब करें कलश स्थापन, अष्टमी, नवमी, और कन्या पूजन?Chaitra Navratri Tithi 2025 : जानें ! कब करें कलश स्थापन, अष्टमी, नवमी, और कन्या पूजन? आद्यशक्ति स्वरूपा माता दुर्गा की उपासना का पवित्र त्यौहार चैत्र नवरात्रि का प्रारम्भ इस वर्ष 30 मार्च रविवार 2025 से शुरू होकर 6 अप्रैल 2025 तक चलेगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी। यह तिथि 30 मार्च दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए नवरात्रि का शुभारंभ 30 मार्च से होगा।। नवरात्रि की शुरुआत के दिन कलश-स्थापना तथा मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है । नवरात्रि के प्रथम दिन, अष्टमी और नवमी का विशेष महत्त्व है। वैसे नवरात्रि के सभी 9 दिन विशेष रूप से शुभ होते हैं। चैत्र शुक्ल अष्टमी को दुर्गा अष्टमी और नवमी तिथि को महानवमी के नाम से भी जानते हैं।

Chaitra Navratri: जानें ! कब है चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि ?

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी 5 अप्रैल दिन शनिवार को है तथा नवमी तिथि 6 अप्रैल को है।  नवरात्रि में महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी के दिन माता महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है। दुर्गा अष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बने हैं।

Chaitra Navratri : नवमी तिथि

5, अप्रैल को 19:27 मिनट से नवमी तिथि शुरू हो जाएगी तथा 6  तारीख को 19 :24 मिनट पर समाप्त हो जायगी। महानवमी या दुर्गा नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं। महानवमी के दिन 4 शुभ योग बन रहे हैं।

  • सर्वार्थ सिद्धि योग है।

कन्या पूजन तिथि और शुभ मुहूर्त 2025

नवरात्रि में कन्या पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए नवरात्रि में कन्या पूजन जरूर ही करना चाहिए। कन्या पूजन दुर्गा अष्टमी और महानवमी के दिन की जाती है । कुछ लोग दुर्गाष्टमी के दिन ही कन्या पूजन करते हैं, तो कुछ लोग नवमी के दिन भी मेरा आप से निवेदन है की पहले से आप जिस तिथि में कन्या पूजन करते आ रहे हैं उसी तिथि में कन्या पूजन करें ।

इस वर्ष अष्टमी तिथि 5 और नवमी तिथि 6 अप्रैल को है अतः कन्या पूजन इसी दिन की जाएगी। कन्या को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है, इसलिए नवरात्रि में उनका पूजन करके आशीर्वाद लिया जाता है। कन्या पूजन से घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। इसी कारण इन दो तिथियों में कन्या पूजन करने का विधान है। विशेष जानने के लिए निम्न url पर क्लिक करें ……  नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कैसे करें

Chaitra Navratri : नवरात्रि में पंचक का प्रभाव?

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च दिन रविवार से प्रारम्भ हो रहा है ।  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा जब भी कुंभ या मीन राशि में गोचर में होते हैं, तब पंचक काल शुरू हो जाता है जिसकी कुल अवधि पांच दिन की होती है। पंचक काल 30 मार्च को ही 16:35 मिनट में समाप्त हो रहा है। इस दृष्टि से यह स्पष्ट है की चैत्र नवरात्रि की शुरुआत पंचक काल में होगी परन्तु अल्प काल के लिए । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा जब भी कुंभ या मीन राशि में गोचर में होते हैं, तब पंचक काल शुरू हो जाता है जिसकी कुल अवधि पांच दिन की होती है। ऐसे में चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर पंचक का प्रभाव रहेगा।

पंचक काल में नवरात्रि शुरू हो रहे हैं परन्तु इसका अशुभ प्रभाव नहीं होगा । माता दुर्गा अपंने भक्तों के सभी अशुभ प्रभावों को दूर कर समस्त मनोकामनाओं को पूरा करती है इसलिए पंचक से परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मां दुर्गा की पूजा-अर्चना ही समस्त अशुभता को दूर करने में समर्थ है।

Chaitra Navratri : घट स्थापना हेतु मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से शुरू हो रही है इसी दिन कलश स्थापना की जाती आइये जानते है घट स्थापना हेतु शुभ मुहूर्त। प्रथम नवरात्रि के दिन सुबह 6:24 से सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक है. इस समय के बीच घट स्थापना करना शुभ रहेगा। नवरात्री में कैसे करें कलश/घट स्थापना

दिनांक 30-03 -2025
दिन रविवार
तिथि प्रतिपदा
नक्षत्र-  रेवती,
योग ऐन्द्र
करण बव
पक्ष शुक्ल
मास चैत्र
राहु काल 17:56 से 19:30 तक

जानें। वर्ष 2025 की नवरात्री की तिथियाँ | Navratri Dates  2025

नवरात्रि तिथि दिनांक वार माता का स्वरूप
प्रतिपदा  30 मार्च रविवार शैलपुत्री
द्वितीया  31 मार्च सोमवार   ब्रह्मचारिणी
तृतीया  31 मार्च, तृतीया तिथि क्षय सोमवार  चंद्रघंटा
चतुर्थी   1 अप्रैल मंगलवार  कुष्मांडा
पंचमी 2 अप्रैल  बुधवार  स्कंदमाता
षष्ठी 3 अप्रैल गुरुवार  कात्यायनी
सप्तमी 4 अप्रैल  शुक्रवार  कालरात्रि
अष्टमी 5 अप्रैल शनिवार  महागौरी
नवमी 6 अप्रैल 

रविवार  

सिद्धिदात्री

 

Leave A Comment