गुरु गोचर का विभिन्न भाव में फल | Jupiter Transit Result in Various House
गुरु गोचर का विभिन्न भाव में फल | Jupiter Transit Result in Various House गुरु /बृहस्पति / Jupiter का विभिन्न भाव में गोचर का प्रभाव भिन्न भिन्न रूप में पड़ता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गुरु / बृहस्पति को सबसे शुभ और मंगलकारी ग्रह माना गया है। गुरु की दृष्टि तो देवता के अक्षत के समान है। बृहस्पति संतान, धन,ज्ञान, विद्या इत्यादि के कारक हैं।
वैदिक ज्योतिष में गुरु / वृहस्पति सबसे शुभ ग्रह माना गया है और जाता भी है। यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है साथ ही ये देवताओं के गुरु भी हैं। जिस प्रकार सभी ग्रह ब्रह्माण्ड में गोचर करते रहते है उसी प्रकार वृहस्पति भी विभिन राशियों तथा भाव में गोचर करते है। कोई भी ग्रह प्रत्येक राशि और भाव दोनों में एक साथ गोचर करते रहता है। गोचर में राशि तो सभी कुंडलियो में एक होता है परन्तु भाव सभी कुंडली में बदल जाता है। यथा —
जैसे इस समय वृहस्पति/गुरु गोचर में तुला राशि में है। शिवांश की जन्मकुंडली मेष लग्न और मेष राशि की है। मेष राशि से तुला राशि कुंडली के सप्तम भाव में स्थित है अतः यह कहलायेगा कि मेष राशि अथवा मेष लग्न वालो के लिए गुरु का गोचर सप्तम / सातवें / Seventh भाव में हो रहा है। आप इस उदहारण कुंडली के माध्यम से भी समझ सकते हैं
शिवांश की जन्मकुंडली
जन्मकुंडली में भाव निर्धारण
इसलिए गुरु गोचर में सप्तम भाव में है ऐसा जानना चाहिए और सप्तम भाव के गोचर का जो फल दिया गया है वही आपके जीवन में चरितार्थ होगा। आइये जानते है कि बृहस्पति/ गुरु का जन्म लग्न अथवा चंद्र राशि से गोचर का जीवन के विभिन्न क्षेत्रों यथा ज्ञान, संतान, धन, माता-पिता, भाई-बंधू, परिवार, शिक्षा, वैवाहिक जीवन व्यवसाय इत्यादि पर कितना असर पड़ेगा।
गुरु गोचर फल : प्रथम भाव
यदि आपकी कुण्डली में गुरु प्रथम स्थान में गोचर में है तो आपके बीबी और बच्चे से आपके भाग्य का उदय होगा। यदि शादी नहीं हुई है तो शादी हो जायेगी और यदि संतान की चाहत है तो संतान लाभ भी होगा। ………… आगे पढ़े
गुरु गोचर फल : दूसरा भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में दूसरे भाव में है तो आपको धन का लाभ होगा। यदि कोई पुरानी प्रॉपर्टी का विवाद है तो कोर्ट के बाहर समझौता हो सकता है ……….. आगे पढ़े
गुरु गोचर फल : तृतीय भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में तृतीय भाव में है तो पढ़ाई के प्रति आपकी रूचि बढ़ने लगेगी तथा आप अपने भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित रहने लगेंगे तथा भविष्य सुधारने के लिए आप भरपूर कोशिश करना शुरू कर देंगे ……………….. आगे पढ़े
गुरु गोचर फल : चतुर्थ भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में चौथे भाव में है तो नौकरी और कारोबार के लिए बहुत रहेगा। यदि आप अपना मकान खरीदने की इच्छा रखते है तो बस नए मकान में जाए की तैयारी शुरू कर दीजिये। ………..आगे पढ़े
गुरु गोचर फल : पंचम भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में पंचम भाव में है तो संतान पक्ष से शुभ समाचार मिलेगा। पिता का प्रमोशन हो सकता है। लाभ की दृष्टि से किये गए काम में आपको धन का लाभ होगा।………..आगे पढ़े
गुरु गोचर फल : षष्ठ भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में षष्ठ भाव में है तो केश मुकदमा से लाभ मिलेगा। यदि नौकरी की तलाश में है तो नई नौकरी ज्वाइन करने के लिए तैयार रहे। आपको कम्पटीशन से लाभ मिले सकता है। …………आगे पढ़े
गुरु गोचर फल : सप्तम भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में सप्तम भाव में है तो आप विवाह बंधन में बंधने के लिए तैयार हो जाए या यदि वैवाहिक समस्या चल रही हो तो उसका समाधान हो सकता है। साझेदारी में व्यापार से भरपूर लाभ मिलेगा ………… आगे पढ़े
गुरु गोचर फल : अष्टम भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में अष्टम भाव में है तो भूमि और मकान खरीदने के लिए ऋण ले सकते है या पुराने ऋण का चुकता कर सकते है। अचानक खर्च बढ़ जाएगा यह खर्च निवेश के रूप में भी हो सकता है ..
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गुरु गोचर फल : नवम भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में नवम भाव अर्थात भाग्य स्थान में है तो आप अपने भाग्य को लेकर दिन रात सोचते रहेगे की कैसे हम आगे बढे इसके लिए आप प्रतिदिन कोई न कोई योजना बनाना शुरू कर देंगे इस समय रुक हुआ काम शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।…………………..आगे पढ़े
गुरु गोचर फल : दशम भाव
यदि आपकी कुंडली के दशम भाव में गुरु का गोचर में है तो व्यापार एवं कार्यक्षेत्र में अपार सफलता और उन्नति की मिलेगी। आप कोई नया व्यापार भी प्रारम्भ कर सकते है। व्यावसायिक प्रॉपर्टी में धन का निवेश कर सकते है। ……………………… आगे पढ़े
गुरु गोचर फल : एकादश भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में एकादश भाव अर्थात लाभ स्थान में है तो आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ और उन्नत होगी। लाभ की दृष्टि से किये गए कार्य में सफलता मिलेगा। विवाह एवम संतान दोनों का लाभ मिलेगा ……. .आगे पढ़े
गुरु गोचर फल :बारहवाँ भाव
यदि आपकी जन्मकुंडली में गुरु गोचर में बारहवें भाव अर्थात व्यय स्थान में है तो किसी न किसी शुभ काम में व्यय होगा। आपके घर में शादी, यज्ञ या धार्मिक यात्रा हो सकती है। धार्मिक कार्यो में अवश्य ही खर्च होगा ।…………………….. आगे पढ़े
1 Comment
Respected Sir,
Please help me to decide whether it will be successful for me to clear IAS or not.
Required Details:
Dob:22/10/88
Tob:01:15 am
Pob:Bareilly (UP)
Thanks,
Shilpa