उच्च शिक्षा में रुकावट के ज्योतिषीय कारण

किस दशा में शिक्षा में रुकावट आती है।

  1. प्रायः यह देखने में आया है की राहु, की महादशा या अन्तर्दशा चल रही हो तो पढ़ाई में रुकावट या छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगने लगता है।
  2. यदि षष्ठेश, अष्टमेश तथा द्वाददेश की दशा अन्तर्दशा चल रही हो तथा दशानाथ का सम्बन्ध दूसरे, चतुर्थ या पंचम भाव वा भावेश से बन रहा हो तो शिक्षा में रुकावट आती है।
  3. अशुभ ग्रह शनि, केतु, मंगल इत्यादि की दशा अन्तर्दशा में छात्रों में नकारात्मक प्रवृत्ति बढ़ जाती है जिसके उनका पढ़ने में मन लगने लगता है परिणाम स्वरूप परीक्षा में फेल हो जातें है और पढाई छूट जाती है।

Date of Birth – 17/09/1991, Time of Birth – 22:06:00
Place of Birth – Delhi

प्रस्तुत जन्मकुंडली वृष लग्न की है लग्नेश तृतीय भाव में शनि से दृष्ट है, प्राथमिक शिक्षा का भाव द्वितीय स्थान होता है जिसमे केतु विराजमान हैं, चतुर्थ भाव में अष्टमेश गुरु, चतुर्थेश पंचम भाव में द्वादशेश के साथ, पंचम भाव में द्वादशेश तथा पंचमेश चतुर्थ भाव में अष्टमेश के साथ, चतुर्थेश तथा पंचमेश के साथ परिवर्तन योग है विद्या कारक ग्रह गुरु तथा बुध केंद्र में है। शिक्षा भाव के मध्य परिवर्तन योग तथा शिक्षा कारक ग्रह के केंद्र में होने के बावजूद इस कुंडली का जातक उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर सका। इसका मुख्य कारण है की भाव, भावेश और शिक्षा कारक ग्रह सभी अशुभ भावेश या अशुभ ग्रह के प्रभाव में है।

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