उच्च शिक्षा में रुकावट के ज्योतिषीय कारण

उच्च शिक्षा में रुकावट के ज्योतिषीय कारण

यदि आपके बच्चें का मन पढाई में नहीं लग रहा है तो ज्योतिष के आधार पर कारण और विश्लेषण के उपरान्त, सही समय पर सहायता लेने पर विद्यार्थी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं इसमें किंचित भी संदेह नहीं है। आज मैं प्रस्तुत लेख के माध्यम से यह बताने का प्रयास करने जा रहा हूँ की में शिक्षा में रुकावट किस ग्रहों के कारण होता है तथा उसका उपचार क्या है।

  1. यदि चतुर्थ भाव का स्वामी छठे, आठवें या 12 वें भाव में हो या नीच राशिस्थ, अस्त अथवा शत्रु राशिस्थ हो व कारक ग्रह चंद्र पीड़ित हो तथा ज्ञान कारक वृहस्पति की दृष्टि या युति नहीं हो तो जातक का पढ़ाई में मन नहीं लगता है।
  2. यदि पंचमेश और अष्टमेश की युति हो या दृष्टि हो तो पढाई में बाधा आती है।
  3. यदि जन्म कुंडली में द्वितीय, चतुर्थ, पंचम तथा नवम भाव में अशुभ ग्रह स्थित हो या अशुभ ग्रहो की दृष्टि हो, तो विद्या प्राप्ति में बाधा आती हैं।
  4. चतुर्थेश वा पंचमेश, बृहस्पति अथवा बुध 3, 6, 8 या 12 वें भाव में हो तथा अशुभ ग्रह से दृष्ट हो तो पढाई बीच में ही छूट जाता है।
  5. यदि विद्या कारक ग्रह गुरु या बुध 3, 6, 8 या 12 वें भाव में स्थित हो, शत्रु घर में हो या शत्रु की दृष्टि हो तो शिक्षा प्राप्ति में बाधा आती है।

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