Vyatipata Yoga | व्यतिपात योग शुभाशुभ विचार 2022
Vyatipata Yoga | व्यतिपात योग शुभाशुभ विचार 2022. ज्योतिष शास्त्र में योग का अपना अलग ही महत्व है यदि योग शुभ परिणाम देने वाला है तो निश्चित ही शुभ फल देगा और यदि अशुभ फल देने वाला है तो अशुभ परिणाम देगा। इसी कड़ी में व्यतिपात नामक एक योग है जिसका गुणगान वाराह पुराण में किया गया है। कहा जाता है की इस योग में प्राणायम, जप, पाठ, मानसिक जप, मंत्रो का उच्चारण इत्यादि करने से जातक के ऊपर ईश्वर की विशेष अनुकम्पा की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से भगवान् सूर्यनारायण प्रसन्न होते है। ऐसा लोक विश्रुत है कि व्यतिपात योग में जप करने वाले भक्त को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
व्यतिपात योग ( Vyatipata Yoga ) केवल गुरु भक्ति तथा सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए किये गए जप, तप, पाठ तथा मानसिक स्मरण आदि के लिए ही शुभ है अन्य शुभ कार्यो के लिए नहीं।
Effects of Vyatipata Yoga | व्यतिपात योग का प्रभाव क्षेत्र
व्यतिपात योग ( Vyatipata Yoga ) का प्रभाव सभी राशियों पर किसी न किसी रूप में पड़ता है। इस योग में नौकरी, बिजनेस या अन्य तरह के कार्यक्षेत्र में उथुल-पुथल मच जाती है। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए कुछ जरूरी कामों में व्यवधान आती है।
इस समय बिजनेस (Which Business is suitable for you ) करने वालों की भी टेंशन बढ़ जाती है अतः इस समय में कस्टमर से बहुत ही संभलकर व्यापारिक समझौता करनी चाहिए अन्यथा बनता हुआ काम बिगड़ सकता है। इस काल में कोई भी बड़ा निर्णय लेने से बचना चाहिए यदि ऐसा नहीं करते है तो निश्चित ही मनोनुकूल परिणाम नही मिलेगा।
सामान्य कार्यो के लिए यह अशुभ योग है इस योग में अकारण विवाद और धन हानि हो सकती है। आप अपने आप में थकान और तनाव वाला दिन ब्यतीत रहा ऐसा महशुस करेंगे। जातक को लेन-देन या निवेश मेंं सावधानी रखनी चाहिए। नीतिगत फैसला भी इस समय नहीं लेना चाहिए।
वाराह पुराण में व्यतिपात योग से जुड़ी कथा | Story of Vyatipata Yoga
वाराह पुराण के अनुसार व्यतिपात योग ( Vyatipata Yoga ) के पीछे का रहस्य सूर्यदेव ( जानें ! कैसे करें सूर्य उपासना ? ) की गुरुभक्ति से जुड़ा हुआ है। देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत दृष्टि थी यह देखकर भगवान सूर्य देव दुखी और नाराज हुए उन्होनें इस बात को लेकर चन्द्रदेव को बहुत समझाया की आप ऐसा न करे परन्तु चन्द्रदेव ने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया।
ऐसा देखकर सूर्यदेव अत्यंत दुखी हुए उन्होंने यह सोचा की मैने चंद्रदेव को सही बात बताई फिर भी मेरी बात पर ध्यान नही दिया। सूर्यदेव को अपने गुरुदेव का स्मरण हुआ । उन्हें ऐसा लगा की चंद्रदेव को जिस गुरु तथा गुरु पत्नी के लिये मन में श्रद्धा, प्रेम तथा आदर होना चाहिये था । आज वह उनके धर्मपत्नी के प्रति गलत नजर रखे हुए है ऐसा सोचकर सूर्यदेव की आँखों से आँसु बहने लगा यह समय ही व्यतिपात व्यतिपात योग कहलाने लगा। इसी कारण इस योग में यदि गुरु के प्रति श्रद्धा विश्वास का जप किया जाय तो सूर्यदेव शीघ्र ही प्रसन्न होते है।
Vyatipata Yoga Date 2022 | व्यतिपात योग 2022
क्रम सं0 | महीना | दिनांक |
1 | जनवरी | 7/1/2022 |
2 | फरवरी | 1/2/2022 |
3 | फरवरी | 27/2/2022 |
2 Comments
what is indian time for this on 21 nov as per sheet is not confrimed.
Very helpful post. Thank you.