Trikhal Dosh and Remedies | त्रिखल दोष एवं निवारण
Trikhal Dosh and Remedies | त्रिखल दोष एवं निवारण . क्या है त्रिखल दोष ? किसी भी घर में तीन पुत्र के जन्म के पश्चात् कन्या का जन्म होना या तीन कन्या के जन्म के बाद पुत्र का जन्म होना त्रिखल दोष कहलाता है। यह दोष शुभ और अशुभ दोनों फल देने में समर्थ होता है।
तीन पुत्र के जन्म के बाद कन्या जन्म फल
यदि आपके घर में तीन पुत्र ( Son) के जन्म के बाद कन्या ( Daughter) का जन्म हुआ है तो आपके लिए अत्यंत ही शुभ संकेत है। प्रायः यह देखने में आया है कि जिस दिन से कन्या का जन्म होता है उसी दिन से घर में बरकत शुरू हो जाती है। यदि घर के मुखिया नौकरी या व्यापार नही करता है तो नौकरी ( जानें ! मेरी नौकरी कब लगेगी ) ( जानें ! मेरी प्रमोशन कम होगी ? ) लग जाती है और व्यवसाय करता है तो व्यापार में वृद्धि होना शुरू हो जाता है।
परन्तु जिस प्रकार कन्या का जन्म घर परिवार के लिए बहुत अच्छा होता है वहीं कन्या का जन्म माता के लिए कष्टप्रद होता है। कन्या के जन्म के बाद से ही माता हमेशा बीमारियों से परेशान रहने लगती है और यह स्थिति मृत्युपर्यन्त बनी रहती है।
तीन कन्या के जन्म के बाद पुत्र जन्म फल
तीन कन्याओं ( Daughters) के जन्म के पश्चात यदि आपके घर में पुत्र ( Son) का जन्म हुआ है तो यह पिता के लिए तथा घर-परिवार के लिए अशुभ संकेत है। पुत्र के जन्म के बाद से ही ही घर में लगातार कोई न कोई परेशानी आने लगती है। आर्थिक स्थिति धीरे धीरे कमजोर होने लगती है। व्यापार में ह्रास शुरू हो जाता है। सोचा हुआ कोई काम तुरंत नहीं होता है। ऐसी स्थिति में पहले तो परिवार वालों को यह समझ मे भी नही आता कि मेरे घर में ऐसा क्यों हो रहा है पहले तो सब ठीक ठाक था। पुत्र के जन्म से पिता तथा नाना के पक्ष को भय, रोग एवं धनहानि होती है।
त्रिखल दोष निवारण उपाय | Remedies of Trikhal Dosh
त्रिखल दोष निवारण उपाय बालक के जन्म से ग्याहरवें दिन कराना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख शान्ति बनी रहती है। शांति के लिए सूतक आदि के बाद किसी शुभ मुहूर्त में पत्नी सहित शुद्ध आसन पर पूर्वाभिमुख होकर, संकल्प पूर्वक श्री गणपति – पूजन तथा नवग्रह आदि पूजन करे उसके बाद कलश स्थापन करते हुए उसके ऊपर ताम्र पात्र रखकर उस में श्री हरी की स्वर्णमयी मूर्ती (नहीं तो ताम्र की मूर्ती ) रखकर पूजा करें। पुनः विधि पूर्वक त्रिखला शांति कर्म किसी सुयोग्य ब्राह्मण द्वारा करवा लेनी चाहिए।
यदि किसी कारणवश या जानकारी के अभाव में आप पूजा न करवा पाये है तो बच्चे के जन्मदिन के आस पास किसी शुभ मुहूर्त में त्रिखल पूजा करवा ले इस से घर में सुख शांति बनी रहती है।
पूजा का बाद दान अवश्य करे
त्रिखल पूजा के बाद दान में तीन अन्न, तीन वस्त्र, तीन धातु (सोना, चांदी, ताम्बा) तथा साथ में गुड, एक लाल पर्ण व् नारियल और दक्षिणा सहित संकल्प पूर्वक पुत्र व उसकी माता का हाथ लगवा कर मंदिर में या कुल ब्राह्मण को दान करना चाहिए।