Shani Sadhe Sati Effects 2019 | Astroyantra
Shani Sadhe Sati Effects 2019 | Astroyantra | शनि की साढ़े साती 2019 वर्ष 2019 में शनि की साढ़ेसाती वृश्चिक (Scorpio), धनु ( Sagittarius) तथा मकर ( Scorpio ) राशि के जातक के लिए चल रही है। अक्सर लोग शनि की साढे साती का नाम सुनते ही घबरा जाते हैं और मन में ऐसा भय पैदा हो जाता है कि अब केवल अशुभ ही होने वाला है परन्तु ज्योतिष के जानकार होने के कारण मेरा यह मानना है कि ऐसा नहीं है शनि की साढ़े साती से बिल्कुल भी डरने की आवश्यकता नहीं है।
वस्तुतः शनि अपने साढ़े साती के दौरान व्यक्ति को आत्मबोध कराता है। आपने अपने जीवन में क्या सही किया और क्या गलत किया और क्या गलत कर रहे है पर शनि व्यक्ति को आत्ममंथन करने के लिए एकदम मजबूर कर देता है और अंततः सत्य का बोध करा कर ही शनिदेव दम लेते है।

जानें ! कैसे होता है ? शनि की साढ़ेसाती की गणना | Shani Shadeh Sati
जातक का जन्म जिस समय विशेष में होता है उस समय आपकी जन्मकुंडली में चन्द्रमा जिस राशि में होता है उस राशि से शनि यदि गोचर में बारहवे भाव में हैं तो समझना चाहिए कि शनि की साढ़ेसाती प्रारम्भ हो गई है। शनि का संचार जब तक चन्द्रमा की राशि से आगे वाली राशि अर्थात दूसरे भाव में होती है रहती है तब तक शनि की साढ़े साती चलती रहती है और जिस दिन शनि चन्द्रमा की राशि के दूसरे भाव से बाहर निकल जाती है उस दिन शनि की साढ़े साती समाप्त हो जाती है ऐसा समझना चाहिए।
शनि साढ़े साती और चन्द्रमा की भूमिका | Role of Moon for Shani Sadhe Sati
शनि की साढ़े साती के निर्धारण में चन्द्रमा की मुख्य भूमिका होती है इसमें चन्द्रमा के स्पष्ट अंशों को आधार अथवा केन्द्र बिन्दु मान लिया जाता है। चूकि साढ़े साती के समय में शनि तीन राशियों से गुजरता है इसलिए इन तीनों राशियों केअंशों को जोड़ कर दो भागों में विभाजित कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया में चन्द्र से दोनों तरफ समान अंश की दूरी बनती है। शनि जब इस अंश के प्रारंभिक बिन्दु पर पहुचता है तब साढ़े साती का प्रारम्भ मानना चाहिए और शनि जब अंतिम सिरे को अर्थात अंश को पार कर जाता है तब शनि की साढ़े साती का अंत मानना चाहिए।

जानें ! किस राशि की साढ़े साती कब तक चलेगी।
वृश्चिक राशि : 24 जनवरी 2020 तक साढ़ेसाती चलेगी ।
धनु राशि : 18 जनवरी 2023 तक साढ़ेसाती चलेगी ।
मकर राशि : 29 मार्च 2025 तक साढ़ेसाती चलेगी ।
इस समय शनिदेव गोचर में धनु राशि में संचार कर रहे हैं अतः इस समय वृश्चिक तथा धनु राशि के जातक के ऊपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है जैसे ही 24 जनवरी 2020 को धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब वृश्चिक राशि वालो के लिए साढ़े साती ख़त्म हो जाएगी और कुम्भ राशि की साढ़े साती शुरू हो जायेगी। क्योकि धनु से मकर में जाने पर कुम्भ राशि से शनि बारहवां भाव में होगा इसलिए कुम्भ राशि की साढ़े साती शुरू हो जाती है ऐसा जानना चाहिए।
शनि की साढ़े साती की अवधि ढाई साल की होती है, इसलिए इन तीन भावों से गुज़रने में साढ़े सात वर्ष का समय लग जाता है। इसी कुल अवधि को शनि की साढ़ेसाती के नाम से जाना जाता है।
शनि की साढ़े साती का वृश्चिक राशि पर प्रभाव | Shani ki Sadhe Effects on Vrishchik Scorpio Sign

शनिदेव का पारगमन वृश्चिक राशि से धनु राशि में 26 जनवरी 2017 को होगा। शनि ग्रह के राशि परिवर्तन से वृश्चिक राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती का अंतिम चरण प्रारम्भ हो जायेगा । आइये जानते है शनि की साढ़े साती की दौरान आपके जीवन यात्रा पर शनि का प्रभाव कैसा रहेगा। …………………………. आगे पढ़े
शनि की साढ़े साती का धनु राशि पर प्रभाव | Effects of Shani ki Sadhe Sati on Scorpio Sign

धनु राशि वाले जातको की साढ़ेसाती का द्वितीय चरण 26 जनवरी 2017 से शुरू हो जायेगी जो 23 जनवरी 2020 तक चलेगी। आइये जान्ने का प्रयास करते है कि धनु राशि के जातक पर शनि की इस साढ़े साती का क्या प्रभाव पड़ेगा।……………………………………………………………….. आगे पढ़े
शनि की साढ़े साती का मकर राशि पर प्रभाव | Effects of Shani ki Sadhe Sati on Capricorn Sign

शनि की साढ़े साती मकर राशि वालो के लिए 26 जनवरी 2017 से आरम्भ होगी और यह साढ़ेसाती 29 मार्च 2025 तक चलेगी अर्थात साढ़े सात साल तक चलेगी। आइये जानते है इसका प्रभाव आपके जीवन पर क्या क्या पड़ेगा। ……………………………………………………………………….आगे पढ़े
ध्यातव्य बातें
ऊपर जो भी फल बताया गया है वह एक सामान्य फल है।चन्द्रमा और शनि जिसके संयोग से साढ़े साती का योग बनता है। प्रत्येक कुंडली में ग्रहों की स्थिति भिन्न भिन्न होती है इस कारण साढ़े साती का प्रभाव भी प्रत्येक व्यक्ति के भिन्न रूप में होता है। इसलिए साढ़े के प्रभाव के लिए व्यक्तिगत कुंडली का विश्लेषण बहुत जरुरी होता है। उदाहरण स्वरूप। ….
यदि आपकी कुंडली में चन्द्रमा उच्च अर्थात वृष राशि का स्थित है तो आप धैर्यपूर्वक परिस्थियों का सामना करेंगे और यदि कमज़ोर या नीच वृश्चिक राशिका चन्द्रमा है तो आप असहिष्णु और आप मानसिक रूप से परेशान हो जाएंगे। अतः जन्म कुण्डली में चन्द्रमा तथा शनि की स्थिति का आंकलन जरूर हो जाता है और इसके लिए आपको किसी विद्वान ज्योतिषी का सहारा लेना चाहिए वही आपके कुंडली का सही सही विश्लेषण कर सकता है की साढ़े साती का प्रभाव आपके जीवन में किस किस क्षेत्र में पड़ने वाला है।
शनि स्तोत्र से करे अपनी परेशानियों का हल


