Jupiter transit in Eleventh house | एकादश भाव में गुरु गोचर फल
Jupiter transit in Eleventh house | एकादश भाव में गुरु गोचर फल गुरु गोचर में यदि एकादश भाव में विचरण कर रहे है तो जातक को लाभ ही लाभ। ज्योतिष शास्त्र ( Astrology ) में गुरु शुभ ग्रह हैं यह सभी जानते हैं। गुरु ( Jupiter ) की उपस्थिति और दृष्टि दोनों अमृत तुल्य है। देवगुरू ज्ञान, धन,आध्यात्म एवं संतान के कारक हैं। गुरु सभी भाव में स्थित होकर भिन्न भिन्न फल प्रदान करते हैं।
गोचर में बृहस्पति एक राशि में लगभग 13 महीने तक भ्रमण करते हैं। इन 13 महीनो में सामान्यतः व्यक्ति को शुभ फल ही प्रदान करते हैं। जन्मकुंडली में गुरु 6, 8 और 12 भाव का स्वामी हैं तो अवश्य ही फल में कमी हो सकती है।
गुरू गोचर का शुभ एवम अशुभ फल जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही मिलता है। जातक की जन्मराशि अर्थात् जन्मकालीन चंद्रमा जिस राशि में होते हैं, गोचर में गुरु उस राशि से दूसरे, पाँचवें, सातवें, नवें, तथा ग्यारहवें भाव में जब-जब भ्रमण करते हैं, गुरु शुभफल प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त बृहस्पति का अन्य भावों से गोचर उतना शुभ नहीं होता है। यहाँ पर गुरु के गोचर का फल लग्न से गुरु जिस भाव में स्थित है उसके आधार पर दिया गया है।
जानें ! इस समय, गुरु/बृहस्पति गोचर में किस भाव में है।
लग्न वा राशि | 14 मई 2025 से 2 जून 2026 तक मिथुन राशि में | 03 जून 2026 से 25 जून 2027 तक कर्क राशि |
मेष | तृतीय भाव | चतुर्थ भाव |
वृष | द्वितीय भाव | तृतीय भाव |
मिथुन | प्रथम भाव | द्वितीय भाव |
कर्क | द्वादश भाव | प्रथम भाव |
सिंह | एकादश भाव | द्वादश भाव |
कन्या | दशम भाव | एकादश भाव |
तुला | नवम भाव | दशम भाव |
वृश्चिक | अष्टम भाव | नवम भाव |
धनु | सप्तम भाव | अष्टम भाव |
मकर | छठा भाव | सप्तम भाव |
कुम्भ | पंचम भाव | छठा भाव |
मीन | चतुर्थ भाव | पंचम भाव |
Jupiter transit in 11th house | ग्यारहवें भाव में गुरु गोचर फल
आइये जानते है कि देवगुरु आपको क्या फल देने वाले है। गुरु गोचर में जन्मकुंडली के लग्न से एकादश भाव में भ्रमण ( Jupiter transit in Eleventh house ) कर रहे हैं तब आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों यथा – भाई-बंधू, ज्ञान, संतान, माता-पिता, शिक्षा,धन, परिवार, व्यवसाय, वैवाहिक जीवन इत्यादि पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसकी जानकारी इस लेख के माध्यम से दिया जा रहा है।
यदि आप कुम्भ लग्न या राशि के जातक है तो इस समय गुरु आपके लाभ स्थान में गोचर कर रहे है परन्तु 20 नवम्बर 2020 से यही गुरु का गोचर आपके बारहवे स्थान में होगा। ग्यारहवे भाव में गुरु के गोचर से आपकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। लाभ की दृष्टि से इस भाव में गुरु के गोचर का फल आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
आय के नए नए स्रोत बनेंगे जिससे आपको धन का लाभ होगा। व्यापार एवं कारोबार में आशानुकूल वृद्धि होगी। कोई न कोई नया कार्य का प्रारम्भ हो सकता है। ब्याज ( Interest ) से भी लाभ हो सकता है। यदि कोई केस मुकदमा है तो उसमे आपको लाभ मिल सकता है। यदि नौकरी कर हैं तो कार्य स्थल पर आपको मान सम्मान बढ़ जायेगी। आपको पदोन्नति ( Promotion ) का लाभ मिल सकता है।
दाम्पत्य जीवन सुखी होगा। यदि संतान की इच्छा रखते है तो संतान के लिए अति उत्तम समय है। बीएस संतान के लिए मन बनाने का है। यदि अभी नहीं तो फिर दो साल तक इन्तजार करना पड़ेगा। अब फैसला आपको लेना है। भाई – बहन के रिश्ते मजबूत होंगे तथा समय समय पर उनकस पूरा सहयोग मिलेगा। लघु यात्रा का योग है लघु यात्रा होगी ही होगी इसमें कोई संदेह नहीं है। मामा पक्ष से अशुभ समाचार मिल सकता है। माता के स्वास्थ्य को लेकर आप चिंतित हो सकते है।
बारहवें भाव में गुरु गोचर का फल
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