Fourth House Lord in 12th House in Hindi

Fourth House Lord in Twelfth House Result in HindiFourth House Lord in 12th House in Hindi | बारहवें भाव में स्थित चतुर्थ भाव के स्वामी का फल  किसी भी व्यक्ति के जन्मकुंडली में चतुर्थ भाव माता, वाहन,प्रॉपर्टी, भूमि, मन, ख़ुशी, शिक्षा तथा भौतिक सुख इत्यादि का कारक भाव होता है तथा बारहवा भाव  व्यय, हानि शय्या सुख, ग्रहो के कारकतत्व  को वृद्धि करने वाला भाव, मोक्ष तथा विदेश स्थान इत्यादि का भाव है जब चतुर्थ भाव का स्वामी बारहवे स्थान में स्थित होगा तो निश्चित ही चतुर्थ भाव के कारकत्व की हानि करेगा।ऐसा जातक अपने पैतृक घर में खुश नहीं रहता है इसी कारण ऐसे जातक की उन्नति अपने घर से बाहर ही होती है।

चतुर्थ भाव का स्वामी जब बारहवे भाव में स्थित हो तो ऐसा जातक विदेश भ्रमण  करता है साथ ही अपना निवास स्थान भी विदेश में बना लेता है ( The native travel and settle in abroad )। ऐसा जातक पढाई के लिए विदेश भी जाता है यदि विदेश नहीं जा पाता है तो अपने गृह स्थान से दूर किसी होस्टल में रहकर पढाई ( Foreign study)  करता है । यही नहीं यदि चतुर्थेश बारहवे स्थान में है तो ऐसा  व्यक्ति अपने घर में या अपने घर से नजदीक में रहता है तो सुखी महशुस नही करता है उसके घर में किसी न किसी कारण पारिवारिक विवाद होते रहता है । इस कारण अंततः घर से दूर जाकर अपना जीवन यापन करता है ।

चूकि बारहवा स्थान त्रिक भाव में आता है इसलिए इस भाव का स्वामी जिस स्थान जायेगा उस भाव के फल में  कमी करेगा तथा जिस भाव का स्वामी बारहवे भाव में जाएगा उस भाव के फल की हानि करेगा । इस दृष्टि से चतुर्थ भाव का स्वामी जब बारहवे भाव में जाएगा तब चतुर्थ भाव के कारकत्व यथा माता प्रॉपर्टी व जमीन-जायदाद, मकान, वाहन, सुख अर्थात भौतिक सुख में कमी करेगा।

Fourth House Lord in Twelfth House Result in Hindi

चतुर्थ भाव माता का भी भाव होता है चतुर्थेश जब बारहवे स्थान में जाएगा तो माता के सुख में कमी करेगा । आपकी माता किसी न किसी रोग से ग्रस्त रहेंगी । यदि अशुभ ग्रहों की युति दृष्टि है तो माता  की मृत्यु भी जल्दी होती है । परन्तु यदि चतुर्थ भाव का स्वामी तथा माता कारक चंद्रमा शुभ ग्रहों के प्रभाव से प्रभावित है तो आपकी माता स्वस्थ्य कुशल प्रसन्नचित और कर्त्तव्यनिष्ठ होंगी।

यवन संहिता में कहा गया है —–

व्ययगते  सुखपे पितृनाशको  यदि विदेशगतो जनको भवेत् ।

भवति दुष्टखगैर्युत्जातक शुभखगै: पितृ सौख्यकर: सदा: ।।

अर्थात यदि चतुर्थ भाव का स्वामी बारहवे भाव में स्थित है तो व्यक्ति पिता के सुख से वंचित होता है और यदि जातक को  पिता का सुख मिल रहा है तो वह विदेश में जाकर रहता है परन्तु कब जब अशुभ ग्रह का प्रभाव हो।

चतुर्थ भाव मन का भी भाव है अतः इस भाव का स्वामी 12 वे भाव में होगा तो व्यक्ति मन से परेशानी अनुभव करते रहता है आपके मन में एक के बाद एक विचार आते रहेंगे सामान्यतः यह विचार नकारात्मक होगा। यदि अशुभ ग्रह की दृष्टि या युति है तो नकारात्मक विचार बढ़ जाता है और व्यक्ति डिप्रेशन जैसे बीमारी से ग्रसित हो जाता है ।

Fourth House Lord in Twelfth House Result in Hindi

बारहवा घर व्यक्ति को शय्या सुख ( Bed Pleasure ) देता है ।यदि चतुर्थेश शुभ ग्रहों के प्रभाव में है या शुभ ग्रह है तो आप सम्पूर्ण जीवन में भरपूर सेक्स का आनंद उठाएंगे ।यदि अशुभ ग्रह के प्रभाव में है तो शय्या सुख में कमी होगी आप अपने दाम्पत्य सुख में कमी महशुस करेंगे ।

बारहवे घर का चतुर्थेश व्यक्ति को दार्शनिक धार्मिक तथा आध्यात्मिक दृष्टिकोण देता है ऐसा जातक मुक्ति की बात खूब करता है खासकर जब बीमार पड़ेगा तो कहेगा इससे अच्छा होता की मुझे मुक्ति मिल जाती ।

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