Eight Mukhi Rudraksha | 8 मुखी रुद्राक्ष – Astroyantra
Eight Mukhi Rudraksha | 8 मुखी रुद्राक्ष – Astroyantra अष्ट मुखी रुद्राक्ष को मन्त्र महार्णव ग्रन्थ में गणेश (विनायक) और कार्तिकेय (महासेन) कहा गया है। यह रुद्राक्ष 8 माताओ का का भी स्वरूप माना जाता है। यह रुद्राक्ष अष्टवसुओं को भी प्रिय है। इस रुद्राक्ष में गंगा का भी निवास है। इस तरह अष्टमुखी रुद्राक्ष में कार्तिकेय गणेश अष्टमातृगण अष्टसगुन और गंगा का अधिवास माना गया है।
8 मुखी रुद्राक्ष धारण से लाभ | Benefits of Eight Mukhi Rudraksha
यह रुद्राक्ष झूठ बोलने वालो ( Those who speak lie) के लिए रामबाण की तरह काम करता है। इसके धारण करने से झूठ बोलने से उत्पन्न पाप से छुटकारा मिल जाती है। यह रुद्राक्ष सम्पूर्ण पापो को नष्ट करने वाला होता है। इसके धारण करने से वस्तुओ में मिलावट करनेवाला, डंडी मारने वाला, सोने में मिलावट करने वालो का पाप शीघ्र ही नष्ट हो जाता है।
यह रुद्राक्ष ज्ञान, विद्या तथा इन्द्रियों को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यह भूत,प्रेत जैसी बाधाओं से उत्पन्न परेशानी को जल्द ही नष्ट कर देता है। आठ मुखी को धारण करने से मन में श्रद्धा, विशवास एवं सात्विक विचारों का प्रवाह होता है तथा ईर्ष्या, द्वेष जैसे भावना को समाप्त कर देता है।
8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मिलने वाले कुछ महत्त्वपूर्ण लाभ इस प्रकार है —
- 8 मुखी रुद्राक्ष साक्षात् विध्नहर्ता रूप में गणेश है।
- यह रुद्राक्ष असाध्य रोगों से मुक्ति तथा मान सम्मान में वृद्धि करता है।
- यह व्यापार में सफलता सट्टे, जुए तथा आकस्मिक धनप्राप्ति में सहायक होता है।
- इसे धारण से आपके ऊपर तांत्रिक क्रियाओं का असर नहीं होता है।
- यह रुद्राक्ष मोक्ष की प्राप्ति तथा कुंडलिनी जागरण में सहायक होता है।
- अष्टमुखी रुद्राक्ष राहु के बुरे प्रभावों से मुक्ति दिलाता है।
- इसके धारण से केश मुकदमो में विजय की प्राप्त होती है
- यह रुद्राक्ष दुर्घटना एवं शत्रुओं से निजात दिलाता है।
8 मुखी रुद्राक्ष और आपका स्वास्थ्य | Health Benefits of Eight Mukhi Rudraksha
8 मुखी रुद्राक्ष सर्प भय, फाइलेरिया, फेफड़ों की बीमारी, पैर का दर्द, चर्मरोग, मोतियाबिंद, श्वास रोग इत्यादि को दूर करने में सहायक होता है। यह रुद्राक्ष प्रोस्ट्रेट एवं पिताश्य के इलाज में भी उपयोगी होता है। यह गैस की बीमारी को शीघ्र ही दूर करता है। रुद्राक्ष को ४८ घंटा पानी में रखे पुनः उस पानी को पीने से पेट से सम्बंधित बिमारी दूर हो जाती है।
ज्योतिष और 8 मुखी रुद्राक्ष | Astrology and Eight Mukhi Rudraksh
इसका नियंत्रक और संचालक ग्रह राहु ( Rahu ) है। यह एक छाया ग्रह है। इसके धारण करने से राहु ग्रह के दोषो का निवारण हो जाता है तथा राहु की कृपा से शीघ्र ही लाभ मिलता है। अचानक आने वाली विपत्तियों से यह रुद्राक्ष रक्षा करता है। यदि आपका काम हमेशा देर से होता है तो इस रुद्राक्ष के धारण करने से शीघ्र ही लाभ की प्राप्ति होती है।
8 मुखी रुद्राक्ष धारण विधि और मंत्र | Eight Mukhi Rudraksha Vidhi and Mantra
8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए सबसे पहले नित्य क्रिया से निवृत्त होना चाहिए। उसके बाद शुद्ध जल से स्नान कर घर में स्थित मंदिर में विधिपूर्वक विनियोग, ऋष्यादिन्यास, करादिन्यास, हृदयादिन्यास तथा ध्यान करना चाहिए उसके बाद अष्ट मुखी रुद्राक्ष के लिए निर्धारित मन्त्र का जप रुद्राक्ष माला पर करना चाहिए।
मन्त्र प्रायः सभी पुराणों में भिन्न-भिन्न दिया गया है यथा —
- पद्म पुराणानुसार :- ॐ हूं नमः।
- शिवमहापुराण :- ॐ हूं नमः।
- मन्त्रमहार्णव :- ॐ हूं नमः।
- बृहज्जाबालोपनिषद – ॐ नमः शिवाय।
इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार (एक माला) अवश्य ही करना चाहिए तथा इसे सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।