Diwali | Deepavali Muhurt 2018 | दीपावली मुहूर्त 2018
Diwali | Deepavali Muhurt 2018 | दीपावली मुहूर्त 2018, इस वर्ष दीपावली 7 नवम्बर को है उस दिन महालक्ष्मी पूजा कार्तिक अमावस्या में प्रदोषकाल तथा स्थिर लग्न में मनाना चाहिए। उस दिन अमावस्या तिथि, दिन बुधवार है। प्रदोषकाल, निशीथकाल तथा महानिशीथकाल (थोड़े समय के लिए) व्यापिनी अमावस्या से युक्त है अतः यह दीपावली विशेष रूप से पुण्य प्रदान करने वाला होगा। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या बुधवार को होने से व्यापारी समुदाय(Business community) के लिए विशेष रूप से लाभ प्रदान करने वाला होगा। दीपावली के दिन चार मुख वाला दीप को पूरी रात प्रज्वलित करना अत्यंत शुभ और मंगल माना जाता है। इससे धन धान्य की वृद्धि होती है।
दीपावली के दिन अमावस्या तिथि, प्रदोषकाल निशीथकाल महानिशीथकाल तथा चौघड़ियाँ मुहूर्त का बहुत ही महत्त्व होता है क्योकि इसी मुहूर्त में पूजा-पाठ करने का विधान है। आइये जानते है वह तिथि तथा काल कब-कब है।
जानें दीपावली 2018 में कब है प्रदोषकाल मुहूर्त ?
दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा प्रदोषकाल में और स्थिर लग्न (वृष, सिंह, वृश्चिक तथा कुम्भ) में ही किया जाता है।
प्रदोषकाल मुहूर्त :– सांय 5:30 से सांय 8:11 तक। दीपावली में प्रदोष काल मुहूर्त तथा स्थिर लग्न का बड़ा ही महत्त्व है और इस वर्ष दोनों प्रदोषकाल तथा स्थिर लग्न दोनों एक साथ पड़ रहा है यह शुभ संकेत है। प्रदोषकाल में ही शुभ लाभ तथा स्वास्तिक चिन्ह बनाने का कार्य करना चाहिए।
वृषभ लग्न :– सांय 5:59 से सांय 7:53 तक वृषभ लग्न है । ज्योतिष में वृषभ लग्न स्थिर लग्न (Fix Lagan) होता है और स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजा करने से धन प्रदायिनी लक्ष्मी स्थायी रूप से घर में विराजमान रहती है। अतः स्थिर लग्न में ही पूजा करनी चाहिए। इस वर्ष प्रदोषकाल में ही वृषभ लग्न, विशाखा नक्षत्र तथा तुला राशि ( में सूर्य चन्द्र के होने से यह काल अत्यंत शुभ है। इसी समय महालक्ष्मी पूजा करना शुभ होगा।
प्रदोषकाल का चौघड़िया मुहूर्त
चौघड़िया मुहूर्त :- प्रदोषकाल में ही सांय 5 बजकर 48 मिनट से सांय 7 बजकर 25 मिनट तक शुभ चौघड़िया मुहूर्त है। अतः इसी समय मंदिर में दीपदान तथा घर में दीप जलाना चाहिए। इसी समय महालक्ष्मी पूजा कुबेर पूजा बही खाता पूजन ब्राह्मणों तथा अपने सगे सम्बन्धियों को उपहार देना शुभ होगा।
जानें दीपावली 2018 में कब है निशीथकाल मुहूर्त
निशीथकाल मुहूर्त :– सांय 8 बजकर 11 मिनट से रात्रि 10 बजकर 51 मिनट तक निशीथकाल रहेगा। निशीथकाल में केवल सांय 7 बजकर 53 मिनट तक ही वृषभ लग्न रहेगा जो पूजा के दृष्टिकोण से उत्तम है। उसके बाद अर्धरात्रि 10 बजकर 07 मिनट तक मिथुन लग्न रहेगा पूजा के दृष्टिकोण से यह भी मध्यम ही रहेगा। द्विस्वभाव लग्न होने से व्यापारी वर्ग के लिए शुभ रहेगा। और इस समय धनलक्ष्मी का आहवाहन तथा पूजा कर लेनी चाहिए। तदुपरांत महालक्ष्मी, काली, कुबेरदेव तथा लेखनी आदि के पूजा भी करनी चाहिए। इस काल में श्री सूक्त, कनकधारा स्तोत्र और लक्ष्मी स्तोत्र इत्यादि मंत्रो का जपानुष्ठान अवश्य ही करना चाहिए।
निशीथकाल का चौघड़िया मुहूर्त
अमृत की चौघड़िया – सांय 17 बजकर 10 मिनट से रात्रि 20 बजकर 51 मिनट तक । यह मुहूर्त शुभ रहेगा।
चर की चौघड़िया मुहूर्त — अर्धरात्रि 22 बजकर 32 मिनट से 24:12 तक रहेगा।
जानें दीपावली 2018 में कब है महानिशीथकाल मुहूर्त ?
महानिशीथकाल :– रात्रि 22 बजकर 51 मिनट से सुबह 25 बजकर 31 मिनट तक महानिशीथकाल रहेगा। इस काल में अमावस तिथि केवल 10 बजकर 07 मिनट तक मिथुन लग्न । इसलिए मेरी सलाह है कि निशीथकाल में ही पूजा जप तथा अनुष्ठान कर लेना चाहिए। रात्रि के 00 बजकर 30 मिनट तक कर्क लग्न है और कर्क लग्न में पूजा करना बहुत अच्छा नहीं माना गया है।
सिंह लग्न में पूजा करना अच्छा माना गया है और सिंह लग्न 00 बजकर 30 मिनट के बाद है तथा इसी लग्न में रोग की चौघड़िया मुहूर्त है अतः मेरे अनुसार यह काल सामान्य गृहस्थजीवन के लिए उपयुक्त नहीं है। हाँ महानिशीथकाल में महाशक्ति काली की उपासना, यंत्र-मन्त्र तथा तांत्रिक अनुष्ठान और साधना करने के लिए यह काल विशेष रूप से प्रशस्त है।
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