Chandravedhi and Suryvedhi Plot | चंद्रवेधी और सूर्यवेधी भूखंड
Chandravedhi and Suryvedhi Plot | चंद्रवेधी और सूर्यवेधी भूखंड का वास्तुशास्त्र में विशेष महत्व है यह भूखंड के मालिक तथा उसमे रहने वाले सदस्यों प्रभावित करता है। अब यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि जिस भूखंड में हमलोग निवास कर रहें हैं उसका प्रभाव शुभ है अथवा अशुभ ? यह निश्चित है की भूखंड पर निवास करने वाले जातक के ऊपर दोनों में से किसी एक का प्रभाव अवश्य होगा।
किसी भी भूखंड की शुभत्व अथवा अशुभत्व का निर्धारण वास्तुशास्त्र में ऋषि मुनियों के द्वारा निर्धारित सिद्धान्तों के आधार पर किया जाता है। भूखंड का अच्छा या ख़राब फल देना उस भूखंड के आकार-प्रकार के आधार पर निर्भर करता है। यथा —
आयताकार भूखंड
वर्गाकार भूखंड
गोलाकार भूखंड
सर्पाकार भूखंड इत्यादि
आज हम इस लेख में चंद्रवेधी और सूर्यवेधी भूखंड ( Plot) के स्वरूप महत्त्व एवं प्रभाव के संबंध में बताने का प्रयास कर रहा हूँ । Vastu Tips for Mental Peace
चंद्रवेधी भूखंड | Chandravedhi Plot
किसी भी भूखंड में आयताकार ( जिस भूमि की दोनों भुजाएं और चारों कोण समान हो उसे आयताकार भूखंड कहते हैं यह भूमि प्रत्येक दृष्टि से धन एवं मान-सम्मान और यश दिलाने वाला होता है) और वर्गाकार भूखंड (जिस भूखंड की चारों भुजाएं और चारों कोण समान हो उसे वर्गाकार भूखंड कहते हैं। यह भूखंड भी धनप्रदायक और सुख देने वाला होता है) सबसे अच्छा माना जाता है
इसी प्रकार उत्तर से दक्षिण की लम्बाई वाले चन्द्रवेधी होते हैं। धन वृद्धि के लिए चन्द्र वेधी मकान सबसे अच्छा होता है।
सूर्यवेधी भूखंड | Suryvedhi Plot
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि आयताकार भूखंड सबसे शुभ और समृद्धि प्रदान करने वाला होता है। परन्तु यदि वही आयताकार भूखंड पूर्व से पश्चिम की ओर लम्बाई से युक्त हो तो वह भूखंड सूर्यवेधी कहलाता है इस भूखंड में बना हुआ मकान बहुत शुभ नहीं होता है ऐसे मकान को सूर्यवेधी मकान कहा जाता है। इस मकान में किसी की अकाल मृत्यु होने के चांस होते हैं। जातक को अपमानित भी होना पड़ता है। Vastu Tips for Bedroom