प्रथम भाव में मंगल | Mars in First House
प्रथम भाव में मंगल | Mars in First House साहस प्रदान करता है। प्रथम अथवा लग्न में मंगल ग्रह होने से व्यक्ति मांगलिक होता है इस कारण से दाम्पत्य-जीवन में कटुता/परेशानी आती है। लग्न भाव में स्थित मंगल ग्रह साहस के साथ-साथ क्रोधी भी बनाता है। पुनः साहस और क्रोध एक साथ मिलकर क्रूर बना देता है जो कभी-कभी जातक के लिए घातक भी होता है। ऐसे व्यक्ति में तुरंत निर्णय लेने की क्षमता होती है। उसमे कोई भी काम जल्दीबाजी में करने की आदत होती है। यह समाज के लोगों के मध्य अपना प्रभाव तुरंत ही स्थापित कर लेता है।
प्रथम भाव में मंगल और आप ( Mars in First House and You)
ऐसा व्यक्ति किसी भी प्रकार के दबाव में रहना पसंद नहीं करता है और न ही बोलने में किसी प्रकार से संकोच करता है अपने दिल की बात बिना किसी संकोच के बोल देता है वह यह नहीं सोचता की मेरे बोलने का परिणाम क्या होगा। जिस व्यक्ति के लग्न में मंगल होता वह जातक सदैव युवा प्रतीत होता है यहाँ तक की वृद्धावस्था में भी व्यक्ति अपने से कम उम्र का दिखाई देता है। । प्रथम भाव में नीच का मंगल व्यक्ति को आलसी, असंतोषी, उग्र स्वभाव का, सुख में कमी, कठोर, दरिद्र, तथा पतित चरित्र वाला बनाने में समर्थ होता है।
प्रथम भाव/लग्न में मंगल (Mars in First House )कुछ दुर्गुणता भी प्रदान करता है – यथा निरंकुश प्रवृति का होना, अपनी बात पर अड़े रहना या किसी विषय-वस्तु पर दुराग्रही दृष्टिकोण अपनाना ,क्रोध पर नियंत्रण नहीं रख पाना, अहंकारी बनना, अपने सामने किसी को कुछ भी नहीं समझना।
प्रथम भाव में मंगल और आर्थिक स्थिति ( Mars in First House and Economic Situation)
मंगल भूमि का कारक होता है यही कारण है कि इस भाव का मंगल व्यक्ति को अचल संपत्ति प्रदान करता है साथ ही विरासत में भी इसे अचल सम्पत्ति मिलता है| इस भाव का व्यक्ति समान्यतः धनी होता है। ऐसा व्यक्ति येन-केन प्रकारेण धन अर्जन करने में समर्थ होता है। अपने मेहनत के बल पर धन कमाता है।
प्रथम भाव में मंगल और स्वास्थ्य (Mars in first house and Health)
व्यक्ति को आँखो की समस्या हो सकती है। पित्त रोग का कारक होने से पित्त सम्बन्धी रोग होने की प्रबल सम्भावना होती है। जातक में चिड़चिड़ापन अधिक होता है। मंगल का यहाँ होने से सिर दर्द और दुर्घटनाएं भी होती है।
संक्षेप में प्रथम भाव में मंगल (Mars in First House ) व्यक्ति को व्यभिचारी, कामलोलुप, व्यंग-पटु, लड़ाई-झगड़ा करने में कुशल, अशिष्ट बोलने वाला इत्यादि बनाता है। सेना, चिकित्सक या इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आप की अच्छी खासी रुचि होगी। सेना, चिकित्सक या इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आप की रुचि होगी तथा आप इस क्षेत्र में तरक्की भी करेंगे।
राश्यानुसार प्रथम भाव/लग्न भाव में मंगल का फल
मेष राशि
गौर वर्णी, साहसी,पराक्रमी,सिर में पीड़ा,घूमने-फिरने का शौक़ीन, सेना या पुलिस की नौकरी करने वाला।
वृष राशि
कंजूस,गर्वीला, संगीत प्रिय,आत्मविश्वास की कमी, पराई स्त्रियों के प्रति आकर्षण,अल्प-धन।
मिथुन राश
बुद्धिमान, भ्रमण प्रिय, परिश्रमी, नृत्य-संगीत-साहित्य में रूचि,धनी, कलाकार।
कर्क राशि
परिश्रमी, अपने प्रयास से ही उन्नति होना, परस्त्रीगमन, शराब पीनेवाला, नौसेना या जल सम्बन्धी कार्य करना।
सिंह राशि
बुद्धिमान, सुधारवादी प्रवृत्ति, शांक्ति और सामर्थ्य वाला, निर्भीक।
कन्या राशि
विद्वान, मधुर भाषी, विलासप्रिय, कलाप्रिय, धार्मिक,संगीत प्रिय।
तुला राशि
बहुत बोलने वाला, मित्रद्वेषी, सूरा-सुंदरी का शौक़ीन, दिलफेक, दाम्पत्य-जीवन में कटुता।
वृश्चिक राशि
पराक्रमी, साहसी, सुधारवादी, समृद्धशाली, व्यवसायी, उद्योगपति, धन प्रिय।
धनु राशि
अधिकारी, निर्भीक, साहसिक,कठोर वचन, सुख-समृद्धि से युक्त, आनंद युक्त, रक्त-विकार, सिर में दर्द।
मकर राशि
बुद्धिमान, चतुर, उदार, पिता के लिए अशुभ, राजा के समान।
कुम्भ राशि
मिथ्याभाषी, क्रूर, शुभ कार्य कोईं-न-कोई बाधा आना, जीवन में संघर्ष।
मीन राशि
निर्भीक, यशस्वी, शत्रुओ वाला, धूर्त विचार से युक्त, दुखी मन वाला, कम मित्र वाला।
5 Comments
Mere bhi lagn me mangal hai yaha likhi sabhi bate sahi hai
thanks for comments
19-08-1983 4:20am
Mera carrier or child k bare mjankari