रक्षाबंधन 2018 का शुभ मुहूर्त | Rakshabandhan 2018 Muhurt
रक्षाबंधन 2018 का शुभ मुहूर्त | Rakshabandhan 2018 Muhurt. रक्षाबंधन का पवित्र त्योहार श्रावण पूर्णिमा 26 अगस्त 2018 दिन रविवार को है तथा रक्षाबंधन 2018 का शुभ मुहूर्त भद्रा रहित काल सूर्योदय 05:59 से 17:25 तक है। रक्षा बंधन का पवित्र पर्व भद्रा रहित काल में ही मनाना चाहिए ऐसा शास्त्रीय विधान है। कहा गया है– भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी……।
रक्षाबंधन 2018 का शुभ मुहूर्त | Muhurt of Rakshbandhan 2018
- दिनांक :- 26 अगस्त 2018
- दिन :- रविवार
- रक्षा सूत्र बांधने का समय- 05:59 से 17:25 तक शुभ-मुहूर्त
- अपराह्न मुहूर्त- 13:39 से 16:12
- पूर्णिमा तिथि आरंभ – 15:16 (25 अगस्त)
- पूर्णिमा तिथि समाप्त- 17:25 (26 अगस्त)
- भद्रा समाप्त: सूर्योदय से पहले
मुहूर्त संबंधित ध्यान योग्य बातें
इस भाग दौड़ की जिंदगी में यदि विशेष परिस्थितिवश भद्रा काल में ही रक्षा-बंधन जैसे शुभ कार्य करने पड़े तो शास्त्रकारों ने भद्रा मुखकाल को छोड़कर भद्रा पुच्छकाल में रक्षा-बंधन आदि शुभ कार्य करने की अनुमति प्रदान किया है। भविष्य पुराण के अनुसार भद्रा के पुच्छकाल में किये गए कार्यो में सिद्धि एवं विजय की प्राप्ति होती है जबकि भद्रा-मुख में किये गए कार्य का नाश होता है। यथा — पुच्छे जयावहाः मुखे कार्य विनाशया ……….।
भद्रा-पुच्छकाल :– भद्रा-पुच्छकाल में राखी बंधवा सकते है यह शास्त्रसम्मत है। इस काल में भी शुभ फल की प्राप्ति होगी। भाई बहनों में प्रेम सम्बन्ध बना रहेगा।
रक्षा बंधन का महत्त्व (Importance of Rakshbandhan)
प्रत्येक वर्ष रक्षा बंधन का त्यौहार बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। प्राचीन काल से ही रक्षा सूत्र बाँधने की परम्परा रही है। इसके सम्बन्ध में एक पौराणिक कथा है कि एकबार जब देवताओं और असुरो में युद्ध हो रहा था तब देवता हारने लगे, हार के डर से इंद्र के पास गए देवताओं को भयभीत देखकर तुरंत इन्द्राणी ने देवताओं को रक्षा कवच के रूप में उनके हाथो में रक्षासूत्र बांध दिया अनन्तर देवताओं ने असुरों पर विजय प्राप्त किया।
ऋषि मुनि भी इस समय अपने राजाओ को रक्षा सूत्र बांधते थे। रानी कर्णावती ने भी अपनी रक्षा के लिए बादशाह हुमायु(Humayu को राखी भेजकर भाई मानी थी ऐसा इतिहास में वर्णन है। वर्तमान समय में भी विशेषतः गाँव में ब्राह्मण अपने यजमान को राखी बांधते है। अतः यह स्पष्ट है की रक्षा बंधन का प्रचलन प्राचीन काल से ही चला आ रहा है।
श्रावण पूर्णिमा का महत्त्व( Importance of Shravan purnima)
श्रावण महीना शिव जी के लिए अत्यंत प्रिय है श्रावण पूर्णिमा के दिन अपने दुर्विचारों, दुर्गुणो तथा कार्यसिद्धि हेतु प्रयास प्रारम्भ करना श्रेष्ठकर मना जाता है अतः आपको अपनी योजना को क्रियान्वयन के लिए अपना प्रयास तेज कर देना चाहिए निश्चित ही सफलता मिलेगी।
यदि आपका शत्रु आपको परेशान कर रहा है और आपको विजय नहीं मिल रही है तो इस दिन वरुण देव की पूजा-अर्चना करे अवश्य ही कामयाबी मिलेगी। ऐसा इसलिए कि इसी दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण कर राजा बलि के अहंकार को समाप्त किया था। दुष्कर कार्य संपन्न करने का बहुत उपयुक्त समय है।
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Namskar sir mai ladke se pyar krti hu ghar wale cast ki wajha se mana kre
Hum ek dusre pyar krte hai 10 years se pls koi upay suggest kre