मुहूर्त में 27 योग का महत्त्व – जानें ! कौन से योग शुभ और कौन अशुभ ?

मुहूर्त में 27 योग का महत्त्व - जानें ! कौन से योग शुभ और कौन अशुभ ?मुहूर्त में 27 योग का महत्त्व – जानें ! कौन से योग शुभ और कौन अशुभ ? पंचांग के पांच मुख्य अंग तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण होते हैं । इनमें से 27 योग का सम्बन्ध शुभ मुहूर्त के निर्धारण में किया जाता है। किसी भी जातक के जन्‍म के समय कौन सा योग हैं, उसका प्रभाव जातक के जीवन यात्रा पर उसी प्रकार से प्रभावित करता है जैसे शुभ योग किए गए कार्य का परिणाम शुभ होता है। शुभ मुहूर्त के चयन में अशुभ योगों का त्‍याग करना देना चाहिए।

कैसे होता है योग का निर्धारण ?

योग 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहते हैं। सूर्य और चंद्रमा के भोगांश को जोड़कर 13 डिग्री 20 मिनट से भाग देने से योग का निर्धारण किया जाता है। एक योग 13 डिग्री 20 मिनट का होता है। कुल 27 योग होते हैं। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम क्रमश: इस प्रकार हैं:-

1 विष्कुम्भ शत्रुहंता
2 प्रीति सबका प्यारा और प्रेम करने वाला
3 आयुष्मान उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु
4 सौभाग्य ख़ुशी
5 शोभन कामुक
6 अतिगण्ड आपराधिक प्रवृत्ति
7 सुकर्मा सराहनीय कार्य
8 धृति अन्य धन लिप्सा
9 शूल क्रोधित
10 गण्ड झगड़ालू
11 वृद्धि शनैःशनैःआगे बढ़ना
12 ध्रुव स्थिर बुद्धि
13 व्याघात निर्दयी बुद्धि
14 हर्षण प्रसन्न
15 वज्र कठोर,धनी
16 सिद्धि दूसरों का रक्षक
17 व्यतीपात अविश्वसनीय
18 वरीयान चरित्रहीन
19 परिघ झगड़ालू
20 शिव राजा द्वारा सम्मानित
21 सिद्ध उत्तम स्वभाव
22 साध्य उत्तम चरित्र
23 शुभ धनी
24 शुक्ल उत्तम स्वभाव
25 ब्रह्म उच्च आकांक्षा
26 इन्द्र धनी
27 वैधृति चालाक

उपर्युक्त 27 योगों में से कुल 9 योगों को अशुभ माना जाता है तथा सभी प्रकार के शुभ कामों में इनसे बचने की सलाह दी गई है।

मुहूर्त निर्धारण में 9 अशुभ योग

हमारे ऋषि मुनियों ने नीचे लिखे 9 अशुभ योग में भी पूरे योग काल का त्‍याग न करके, केवल किंचित काल का ही त्‍याग करने के निर्देश दिए हैं। ये अशुभ योग निम्नलिखित हैं :——

1 विष्कुम्भ पहले 3 घटी प्रथम १ घंटा १२ मिनट
2 गण्ड पहले 6 घटी प्रथम 2 घंटा 24 मिनट
3 व्याघात पहले 9 घटी प्रथम 3 घंटा 36 मिनट
4 परिघ पहले 30 घटी प्रथम 12 घंटे
5 व्यतीपात 60 घटी पुरे 24 घंटे
6 अतिगण्ड पहले 6 घटी प्रथम 2 घंटा 24 मिनट
7 शूल पहले 5 घटी प्रथम 2 घंटा
8 वज्र पहले 3 घटी प्रथम १ घंटा १२ मिनट
9 वैधृति 60 घटी पुरे 24 घंटे

उपर्युक्त अशुभ योग के लिए निर्दिष्ट कुछ घड़ी का शुभ कार्यों में सर्वथा त्‍याग करना चाहिए अर्थात इन योगों के दौरान यदि शुभ कार्य किए जाते है तो अशुभ परिणाम मिलने की पूरी संभावनाएं बनेगी।

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