नवरात्रि 21 मार्च 2015
नवरात्रि 21 मार्च 2015 से शुरू होने वाला है। नवरात्रि में माँ दुर्गा की नौ दिनों में प्रत्येक दिन नौ रूपों क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री देवी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करने वाले को जीवन में उसे सुख, शांति, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है। माता दुर्गा हिन्दू धर्म आदिशक्ति तथा अत्यन्त शीघ्र फल प्रदान करनेवाली देवी के रूप में प्रतिष्ठित है।
नवरात्रि की पूजा वर्ष में चार बार होती है। माघ नवरात्रि यह गुप्त नवरात्रि के रूप में जाना जाता है ,यह जनवरी- फरवरी महीना में होता है। वसंत नवरात्रि यह चैत्रीय नवरात्रि के रूप में जाना जाता है यह मार्च-अप्रैल महीना में होता है। आषाढ़ नवरात्रि (जून-जुलाई) यह गुप्त नवरात्रि के रूप में जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि (सितम्बर-अक्टूबर) यह महानवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।
शक्तिदायिनी माता दुर्गा की आराधना के लिए वर्ष के दो पक्ष अति महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह दो पक्ष है चैत्र शुक्ल पक्ष तथा आश्विन शुक्ल पक्ष जिसे क्रमशः चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र के रूप में जाना जाता है। ध्यातव्य यह है की नौ दिनों तक भक्त को तन, मन तथा वचन से ब्रह्मचर्य व्रत का अवश्य ही पालन करना चाहिए यदि आप ब्रह्मचर्य व्रत को पालन करने में समर्थ नहीं हैं तो भूलकर भी नवरात्रि पूजा नहीं करनी चाहिए यह नियम स्त्री, पुरुष दोनों के लिए है। नवरात्र व्रत करने से मनुष्य पर देवी दुर्गा की कृपा सम्पूर्ण वर्ष बनी रहती है।
इस वर्ष चैत्रीय नवरात्र शनिवार २१ मार्च से आरम्भ होकर शनिवार २८ मार्च को समाप्त होगा। नवरात्र शनिवार से शुरू होकर शनिवार में ही समाप्त होना सामाजिक आर्थिक दृष्टि से श्रेष्ठ तथा समृद्धि का कारक होगा। नवरात्र के प्रथम दिन 21 मार्च को दिन-रात बराबर होंगे। यह भी एक दैवीय संयोग है।
चैत्रीय नवरात्रि तिथि 21 मार्च 2015,जाने कब-कब
प्रथम नवरात्रि(प्रतिपदा)तथा कलश स्थापना-21मार्च 2015
द्वितीय नवरात्रि,सिंधारा दूज – २२ मार्च 2015
घटस्थापना गौर तीज, तृतीय नवरात्रि, – २२ मार्च 2015
वरदविनायक, चतुर्थ नवरात्रि, – 23 मार्च 2015
श्री लक्ष्मी,पंचमी नवरात्रि – 24 मार्च 2015
स्कंध, यमुना जयंती,षष्ठी नवरात्रि – 25 मार्च 2015
चैती छठ, विजया सप्तमी, सप्तमी नवरात्रि – 26 मार्च 2015
अन्नपूर्णा अष्टमी नवरात्रि – 27 मार्च 2015