चैत्र नवरात्रि पूजन 18 मार्च 2018 कब और कैसे करें

चैत्र नवरात्रि पूजन 18 मार्च 2018 कब और कैसे करें। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पूजा 18 मार्च से आरम्भ है और 26 मार्च तक चलेगा। पूजा कैसे कब किस मुहूर्त में प्रारम्भ करना चाहिए और कौन-कौन सी सामग्री तथा पूजा विधि कैसे करना चाहिए का विवेचन किया गया है। नवरात्रि के पहला दिन माता शैलपुत्री के रूप में विराजमान होती है।

माता दुर्गा के प्रथम रूप 

माता दुर्गा के प्रथम रूप “माँ शैलपुत्री” की उपासना के साथ नवरात्रि प्रारम्भ होती है।शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में उत्पन्न माता दुर्गा के इस रूप का नाम शैलपुत्री है। पार्वती और हेमवती इन्हीं के नाम हैं। माता के दाएँ हाथ में त्रिशूल तथा बाएँ हाथ में कमल का फूल है। माता का वाहन वृषभ है।माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना इस मंत्र के उच्चारण के साथ करनी चाहिए-

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

नवरात्रि पूजन

नवरात्रि पूजन समय ( Worship Time)

भारतीय ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार नवरात्रि पूजन द्विस्वभाव लग्न में ही करना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मिथुन, कन्या,धनु तथा कुम्भ राशि द्विस्वभाव राशि होते है। अतः हमें इसी लग्न में पूजा प्रारम्भ करनी चाहिए। 18 मार्च 2018 प्रतिपदा के दिन द्विस्वभाव लग्न का समय निम्न प्रकार से है।

  • मिथुन लग्न –  09:28 – 11:20
  • कन्या लग्न –   18:20 – 20:40

नवरात्रि पूजन पूजन सामग्री

माता दुर्गा की प्रतिमा, लाल वस्त्र , कलश, नारियल, पांच पल्लव आम का,पुष्प, अक्षत , रोली, पूजा प्लेट, धुप तथा अगरबती,गंगाजल, कुमकुम, गुलाल,पान, सुपारी,चौकी,दीप,नैवेद्य,कच्चा धागा,दुर्गा सप्तसती पुस्तक,चुनरी, सिक्का, माता दुर्गा की विशेष कृपा हेतु संकल्प तथा षोडशोपचार पूजन के बाद, प्रतिपदा तिथि को, नैवेद्य के रूप में गाय का घृत मां को अर्पित करना चाहिए तथा पुनः वह घृत ब्राह्मण को दे देना चाहिए।

नवरात्रि पूजन का फल

वैसे तो गीता में कहा गया है- कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन अर्थात आपको केवल कर्म करते रहना चाहिए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। फिर भी प्रयोजनम् अनुदिश्य मन्दो अपि न प्रवर्तते सिद्धांतानुसार विना कारण मुर्ख भी कोई कार्य नहीं करता है तो भक्त कारण शून्य कैसे हो सकता है।

माता सर्व्यापिनी तथा सब कुछ जानने वाली है एतदर्थ मान्यता है कि माता शैलपुत्री की भक्तिपूर्वक पूजा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाये पूर्ण होती है तथा भक्त कभी रोगी नहीं होता अर्थात निरोगी हो जाता है।

प्रथम(प्रतिपदा) नवरात्रि पूजन हेतु पंचांग विचार

दिन  रविवार,
तिथि प्रतिपदा,
नक्षत्र उत्तर भाद्रपद 
घटस्थापना मुहूर्त  06:35 से 07:57 
अवधि   01 घण्टा 22 मिनट
पक्ष शुक्ल,
सूर्योदय 6: 28
सूर्यास्त 18:31 
अभिजीत मुहूर्त 12 : 05 से 12 : 53
राहु काल 17:00 -18:31

 

चैत्र नवरात्रि तिथि विचार Chaitra Navratri Dates

नवरात्रि तिथि देवी स्वरूप की पूजा दिनांक दिन
प्रथमा तिथि घटस्थापना,चन्द्रदर्शन,शैलपुत्री 18 मार्च 2018 रविवार
द्वितीया तिथि ब्रह्मचारिणी पूजा 19 मार्च 2018 सोमवार
तृतीया तिथि सिन्दूर चंद्रघंटा 20 मार्च 2018 मंगलवार
चतुर्थी तिथि कुष्मांडा 21 मार्च 2018 बुधवार
पंचमी तिथि स्कंदमाता 22 मार्च 2018 वृहस्पतिवार
षष्ठी तिथि कात्यायनी, सरस्वती पूजा 23 मार्च 2018 शुक्रवार
सप्तमी तिथि कालरात्रि, महागौरी 24 मार्च 2018 शनिवार
अष्टमी तिथि सन्धिपूजा, रामनवमी 25 मार्च 2018 रविवार
दशमी  तिथि विजयदशमी 26 मार्च 2018 सोमवार

 

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