जानिए शिवजी पर कौन सा फूल चढाने से क्या फल मिलेगा
जानिए शिवजी पर कौन सा फूल चढाने से क्या फल मिलेगा सोमवार शिव जी का सबसे प्रिय दिन होता इस दिन शिव भक्त अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए सम्पूर्ण दिन व्रत रखते है तथा मंदिर में जाकर धुप, दीप, नैवेद्य, दूध, शहद, पुष्प/फूल इत्यादि से पूजा अर्चना करते है। सभी देवो में केवल शिवजी/ महादेव/भोले बाबा ही ऐसे देव हैं जो अपने भक्तों की भक्ति से शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं तथा मनोवांछित मुराद पूरी करते है। शिव शब्द “शि” तथा “व” दो अक्षरों के मिलन से बना है। “शि” शब्द का मूल अर्थ है पापो को नष्ट करने वाला तथा व का अर्थ है मुक्ति प्रदान करने वाला। इस प्रकार यह स्पष्ट है की शिव स्मरण मात्र से ही हमारे समस्त पाप नष्ट होकर जीवन मुक्ति की ओर प्रशस्त होता है।
प्रस्तुत लेख में आज हम यह बताने का प्रयास कर रहे है की शिव पूजा के समय हमें किस फूल/पुष्प को चढाने से किस प्रकार का फल मिलता है अर्थात आप जब भी शिव पूजा करने जाए तो मनोवांछित फल प्राप्ति के अनुसार ही निर्धारित फूल का शिवजी पर अर्पण करते है तो निश्चित ही उत्तम फल की प्राप्ति होगी।
जाने ! सोमवार को कौन सा फूल/पुष्प चढाने से क्या फल मिलता है
धतूरा का फूल
धतूरा का फूल चढाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति तो होती ही है साथ ही साथ संतान सुख की भी प्राप्ति होती है।
बेला का फूल
बेला वा बेली के फूल से शिवजी की पूजा करने से मनोनुकूल सुंदर,सुशील तथा सुशिक्षित भार्या / पत्नी मिलती है।
हरसिंगार का फूल
हरसिंगार के फूल / पुष्प से पूजन करने पर घर में आर्थिक समृद्धि होती है।
आंकड़े का फूल
लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जूही का फूल
जूही के फूल से भगवान शिवजी का पूजा करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
कनेर का पुष्प
कनेर के पुष्प से भगवान शिवजी का पूजन करने से नव वस्त्र का लाभ मिलता हैं।
चमेली का फूल
चमेली के फूल से पूजन करने पर भक्त को “वाहन सुख” की प्राप्ति होती है।
अलसी का पुष्प
अलसी के पुष्प से शिव का पूजन करने से व्यक्ति महादेव का प्रिय भक्त हो जाता है।
लाल डंडा से युक्त धतूरा
लाल डंडा से युक्त धतूरा से शिवजी की पूजन करने से घर में कोई शुभ कार्य होता है।
दूर्वा
दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करने पर आयु बढ़ती है।
शमी वृक्ष के फूल
शमी वृक्ष के फूल तथा पत्तों से पूजन करने पर समस्त पाप नष्ट होता है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।