शनि की साढ़े साती 2020 | Shani ki Sadhe Sati 2020
शनि की साढ़े साती 2020 | Shani ki Sadhe Sati 2020 | धनु, मकर तथा कुम्भ राशियों पर प्रभाव। वृश्चिक राशि वालो की साढ़ेसाती जो चल रही है वह 23 जनवरी 2020 को समाप्त हो गई है । धनु राशि के जातक की साढ़ेसाती 18 जनवरी 2023 तक चलेगी। मकर राशि के जातक की साढ़ेसाती 29 मार्च 2025 तक चलेगी। कुम्भ राशि के लिए शनि की साढ़े साती आरम्भ हुई है। आपके लिए शनि की साढ़ेसाती ७ वर्ष के लिए चलेगी। अक्सर हमलोग शनि की साढे साती का नाम सुनते ही परेशान हो जाते हैं और मन में ऐसा भय पैदा हो जाता है कि अब केवल अशुभ ही होने वाला है परन्तु ज्योतिष के जानकार होने के कारण मैं यह कहना चाहता हू कि ऐसा नहीं है शनि की साढ़े साती से बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है। अपना काम ईमानदारी से करें कल्याण होगा।
वस्तुतः शनि अपने साढ़े साती के दौरान व्यक्ति को आत्मबोध कराता है। आपने अपने जीवन में क्या सही किया और क्या गलत किया और क्या गलत कर रहे है पर शनि व्यक्ति को आत्ममंथन करने के लिए एकदम मजबूर कर देता है और अंततः सत्य का बोध करा कर ही शनिदेव दम लेते है।
शनि की साढ़ेसाती का निर्धारण कैसे होता है
आपका जन्म जिस काल विशेष में होता है उस समय आपकी जन्मकुंडली में चन्द्रमा जिस राशि में होता है उस राशि से शनि यदि गोचर में बारहवे भाव में हैं तो समझना चाहिए कि शनि की साढ़ेसाती चल रही है। शनि का संचार जब तक चन्द्रमा की राशि से आगे वाली राशि अर्थात दूसरे भाव में होती है रहती है तब तक शनि की साढ़े साती चलती रहती है और जिस दिन शनि चन्द्र राशि के दूसरे भाव से बाहर निकल जाती है उस दिन शनि की साढ़े साती समाप्त हो जाती है ऐसा समझना चाहिए। यथा ——
अभी शनिदेव गोचर में मकर में संचार कर रहे हैं अतः इस समय धनु, मकर और कुम्भ राशि के जातक के ऊपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है क्योंकि धनु राशि मकर से बारहवां भाव है तथा कुम्भ राशि मकर राशि से दूसरे भाव में है। जिस दिन शनि मकर राशि से निकलकर कुम्भ में चले जाएंगे उसी दिन धनु राशि वालो के ऊपर चल रही साढ़े साती समाप्त हो जाएगी और मीन राशि की साढ़ेसाती शुरू हो जायेगी ऐसा समझना चाहिए। शनि के साढ़े साती की अवधि ढाई साल की होती है, इसलिए इन तीन भावों से गुज़रने में साढ़े सात वर्ष का समय लग जाता है। इसी कुल अवधि को शनि की साढ़ेसाती के नाम से जाना जाता है।
शनि की साढ़े साती के निर्धारण में चन्द्रमा की भूमिका
शनि की साढ़े साती के निर्धारण में चन्द्रमा का मुख्य भूमिका होती है इसमें चन्द्रमा के स्पष्ट अंशों को आधार अथवा केन्द्र बिन्दु मान लिया जाता है। चुंकि साढ़े साती के अवधि में शनि तीन राशियों से गुजरता है इसलिए इन तीनों राशियों केअंशों को जोड़ कर दो भागों में विभाजित कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया में चन्द्र से दोनों तरफ समान अंश की दूरी बनती है। शनि जब इस अंश के प्रारंभिक बिन्दु पर पहुचता है तब साढ़े साती का आरम्भ माना जाता है और शनि जब अंतिम सिरे को अर्थात अंश को पार कर जाता है तब शनि की साढ़े साती का अंत माना जाता है।
2020 में शनि की साढ़े साती वाली राशियाँ
धनु राशि (Sagitarius)
मकर राशि ( Capricorn )
कुम्भ राशि ( Aquarius )
धनु राशि के जातक पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव
धनु राशि वालो की साढ़ेसाती जो चल रही है वह 18 जनवरी 2023 तक चलेगी। आपकी जन्म कुंडली के चन्द्र राशि से शनि का गोचर दूसरे भाव में चल रहा है परिणामस्वरूप आपको मिश्रित फल मिलेगा यथा धन लाभ में कमी होगी। इस समय अधिक सावधानी रखने की जरूरत है। इस राशि के जातकों के लिए शनि साढ़े साती का मध्य चरण रहेगा इसी कारण इस साल इसका प्रभाव अपने चरम सीमा पर होगा। इस समय स्थान परिवर्तन हो सकता है। कार्यस्थल में स्थानान्तरण हो सकता है अतः इसके लिए आपको मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए।
काम के ज़्यादा दबाव के कारण मानसिक अशांति बनी रहेगी परन्तु आपके संघर्ष के कारण अच्छे परिणाम भी मिलेंगे। किसी भी तरह के निर्णय लेने में आपको परेशानी होगी। शनि कि दृष्टि आपके चतुर्थ, अष्टम तथा लाभ भाव पर होने के कारण पारिवारिक जीवन में परेशानी आ सकती है आपस में मन मुटाव हो सकता है। परिवार की भावनाओं का कद्र करें तथा रिश्तों के बीच किसी भी प्रकार का शक़ पैदा न होने दें। पारिवारिक सौहार्द बनाये रखने के लिए श्रद्धा,विशवास तथा धैर्य बनाये रखना जरूरी है।
वरिष्ठ अधिकारियों से वाद-विवाद न करे तो आपके लिए अच्छा रहेगा नहीं अकारण मान-सम्मान को ठेश पहुंच सकता है। व्यर्थ के ख़र्चों पर लगाम लगाने का प्रयास करें। कोई भी निर्णय लेने से पहल अच्छी तरह से तहकीकात कर ले उसके बाद ही निर्णय ले। जल्दबाजी में कोई कार्य आरम्भ नहीं करें।
यदि साझेदारी में कोई कार्य कर रहे है तो धन को लेकर आपस में अनबन हो सकती है। अहंकार को हावी न होने दें. वाणी में मधुरता बनाये रखें। धन कि हानि होने कि सम्भावना बनी रहेगी अतः कार्य व्यापार से जुड़े निर्णय अकेले न लेकर किसी अनुभवी के परामर्श अनुसार ही करें। अपने स्वास्थ्य का भलीभांति ध्यान रखे आवश्यकता पड़ने पर नियमित जाँच कराते रहे। अपनी सेहत को लेकर पूर्णतः सतर्क रहे तो ठीक रहेगा।
उपाय
बंदरों को गुड़ खिलाएँ आपका कल्याण होगा।
पीपल को प्रतिदिन अर्घ्य (जल ) देने से शनि देव प्रसन्न होंगे और आपके कष्ट शीघ्र ही दूर हो जाएंगे।
कुम्भ राशि के जातक पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव
आपके लिए शनि की साढ़े साती का प्रथम चरण चल रहा है। कुम्भ राशि के जातक की साढ़ेसाती साढ़े सात वर्ष तक चलेगी। चन्द्र राशि से इस वर्ष शनि का गोचर आपकी जन्म कुंडली के व्यय भाव में हो रहा है। इस दौरान आपसे जुड़े जो भी कार्य है उस कार्यों में व्यवधान होगा परन्तु कोई काम रुकेगा नहीं अर्थात देर सबेर आपका काम हो ही जाएगा अतः ज्यादा परेशान होना उचित नहीं है।
खर्च को लेकर सजग रहें। आर्थिक मामलो में संयम बनाये रखे इस समय भविष्य के लिए रखे गए पैसे भी खर्च हो सकते है। बारहवे स्थान से बैठकर शनि आपके भाग्य स्थान को देख रहा है इस कारण आप भाग्य पक्ष में कमी का महशुश करेंगे। आपके कार्य में परिवर्तन हो सकता। यदि नौकरी कर रहे है तो नौकरी में परिवर्तन संभव है।
समय-समय पर स्वास्थ्य जाँच करना उचित होगा विशेष तौर पर यदि पहले से कोई शारीरिक कष्ट है तो अवश्य ही ध्यान रखे। कुछ बड़े निर्णय लेने में परेशानी हो सकती है। आपके वाणी स्थान पर शनि की दृष्टि है इसलिए वाणी दोष के कारण परेशानी आ सकती है अतः वाणी में मधुरता लाने का हर संभव प्रयास करें तो अच्छा रहेगा।
आप विदेश यात्रा या विदेशों से सम्बंधित कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे।धार्मिक कार्य के प्रति रूचि बढ़ सकती है। परिवार में किसी की मृत्यु हो भी सकती है। परन्तु यह निर्भर करता है की आपकी कुंडली में चन्द्रमा किस भाव में बैठा है।
उपाय
प्रत्येक शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर हनुमार चालीसा का पाठ करे तथा हनुमान जी के कंधे के ऊपर के सिंदूर का तिलक लगाए आपका कल्याण होगा
शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करने श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होगी।
सर्वश्रेष्ठ उपाय सभी के लिए
नाव के तले में लगी कील की अंगूठी बनवाकर धारण करें।
काले घोड़े का नाल की अंगूठी बनवाकर धारण करना चाहिए।
शनि का बीज मंत्र – ॐ शं शनैश्चराय नमः। का नियमित मानसिक पाठ करें।
मकर राशि पर साढ़े साती का प्रभाव
नोट :–
उपर्युक्त फल सामान्य जातको के लिए दिया गया है आपकी कुंडली में चन्द्रमा और शनि की उच्च नीच तथा केंद्रगत व त्रिकोंगत स्थिति साथ ही दशा अंतर्दशा के अनुसार शुभ और अशुभ परिणामों अंतर होगा जैसे —
चन्द्रमा अगर उच्च राशि (वृष) में स्थित है तो आपमें अधिक सहन शक्ति आ जाती है और आपकी कार्य क्षमता बढ़ जाती है जबकि कमज़ोर व नीच का चन्द्र ( वृश्चिक) आपकी सहनशीलता को कम कर देता है व आपका मन बेचैन रहेगा किसी भी काम में मन नहीं लगेगा जिससे आपकी परेशानी और बढ़ जाती है।
जन्म कुण्डली में चन्द्रमा की स्थिति का आंकलन करने के साथ ही साथ शनि की स्थिति का आंकलन करना आवश्यक होता है। अगर आपका लग्न वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर अथवा कुम्भ है तो शनि आपको लाभ प्रदान करेगा।
8 Comments
Very impressive& interesting readings about astrology .thanks a lot respected guruji.
thanks for good compliments .
Sadi kab hogi. Date of birth 26/ 2/ 1989/ 12.30 p.m Mumbai
Very correct guidance to ur followers Pandit ji.May God bless u with lots of success and happiness
Mera shadi 30/04/15 ko hua.. hai biwi meri mansik rup se bahot paresan krti ti.. muse kuch yasa karli k mai usse chhod diya hai wo apne maike me rahti hai 3 mahne ho gaya ham log ek sal 3 mahna sath the.
Mera DOB 26/07/1986 hai korba mejanm hua time.. 9:30am me hu hai
City – Korba Chhtishgad
Want to start medicine business is it possible or right time to start if not then tell me plz guruji
मे नीरज पंसारी जन्म दिनांक 26-4-1978 को 10 :50 सुबह पर पिछोर जिला शिवपुरी मे हुआ था मे नबमबर। 2014 से बीमारी आई है वो आभी तक चल रही है बीच मे कुछ समय के लिए ठीक हुआ लेकिन फिर से बीमारी ने खेर लिया नबमबर 2016 से इलाज चल रहा है लेकिन आभी तक आराम नही है मुँह का कैंसर है जिससे न तो खा पा रहे है न सही से बोल पा रहे
आप मेरी कुंडली देख कर बताये कि मे कभी ठीक हो पाऊगा कि नही
me apne manpasand ladke ke sath sadi krna chahti hu lekin uske gharwale shadi ke liye man nhi rhe h kya kru ki uske ghar k log man jaye hamare shadi k liye pls btaiye.