चंद्रग्रहण 4 अप्रैल 2015
चंद्रग्रहण 4 अप्रैल 2015
चंद्रग्रहण 4 अप्रैल 2015 (Lunar Eclipse 4 April 2015) भारत में दिखाई देनेवाला है आइये जानते है यह चंद्रग्रहण कब और कहाँ-कहाँ दिखाई देनेवाला है। चंद्रग्रहण 2015 (Lunar Eclipse 2015) 4 अप्रैल को भारत में खग्रास अथवा ग्रस्तोदय रूप में दिखाई देगा। ग्रस्तोदय अर्थात भारत में किसी भी नगर में चन्द्रोदय से पहले ही चंद्रग्रहण का आरंभ हो जाना। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश,असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, पोर्टब्लेयर में, इस चंद्रग्रहण का परमग्रास का प्रारम्भ तथा परमग्रास की समाप्ति दोनों देखी जा सकती है।
उपर्युक्त राज्यों के अलावा भारत के अन्य राज्यों, नगरो अथवा गांवों में तो जब चंद्रोदय होगा तब तक तो खग्रास समाप्त हो चूका होगा तथा केबल ग्रहण की समाप्ति हो दिखाई दे सकेगा। अतः स्पष्ट है की भारत में उत्तर-पूर्वी (North-East) राज्यों को छोड़कर शेष भारत में यह चंद्रग्रहण केबल खण्डग्रास रूप में ही दिखाई देगा चंद्रग्रहण रूप में नहीं।
चंद्रग्रहण 4 अप्रैल 2015 (Lunar Eclipse 4 April 2015) को भारत में दिखाई देनेवाला खग्रास चंद्रग्रहण का पूर्ण विवरण निम्न प्रकार से है:-
चंद्रग्रहण प्रारम्भ (स्पर्श) – 15:45
खग्रास प्रारम्भ – 17:24
चंद्रग्रहण मध्य (परमग्रास) – 17:30
खग्रास समाप्त – 17:36
चंद्रग्रहण(मोक्ष) समाप्त – 19:15
चंद्रमालिन्य का आरम्भ – 14:30
चन्द्रकान्ति निर्मल – 20:31
पर्वकाल – 3 घंटा 30 मिनट
दिल्ली का चंद्रोदय समय – 18:39
दिल्ली का पर्व काल – 0:36
भारत में स्थानीय चंद्रोदय से ही इस ग्रहण का आरम्भ माना जायेगा क्योंकि भारत में मुख्यतः चंद्रोदय के बाद इस ग्रहण की समाप्ति ही देखी जा सकेगी। उत्तर-पूर्व (North-East) को छोड़कर शेष भारत में चंद्रोदय 17:36 के बाद ही होगा अतः स्पष्ट है की भारत में ग्रहण केवल खग्रास समाप्ति के रूप में दृश्य होगी। सभी परिस्थितियों में ग्रस्तोदय ही होगा क्योकि चंद्रग्रहण अथवा खग्रास प्रारम्भ तो भारत के किसी भी नगर में दिखाई नहीं देगा।
भारत के जिन नगरो में चंद्रोदय 17:30 से पहले होगा वही परमग्रास, खग्रास समाप्ति तथा ग्रहण समाप्ति देखी जा सकती है। 17:30 अथवा इससे पहले चंद्रोदय होनेवाला मुख्य नगर निम्न है – इम्फाल, ईटानगर, अगरतला, कोहिमा,डिब्रुगढ़, पोर्टब्लेयर, सिलचर,रोयिंग ।
चंद्रग्रहण 4 अप्रैल 2015 (Lunar Eclipse 4 April 2015) का सूतक
इस ग्रहण का सूतक 4 अप्रैल 2015 ई0 को सुबह सूर्योदय से ही प्रारम्भ हो जायेगा सामान्यतः चंद्रग्रहण का सूतक स्पर्श से ८ घंटे पहले माना जाता है परन्तु ग्रस्तोदय चंद्रग्रहण होने से प्रातः काल से ही अर्थात पूरे दिन ग्रहण का सूतक माना गया है।अतः वेध (सूतक) सम्पूर्ण दिन रहेगा। ग्रहण मोक्ष चन्द्र बिम्ब के दर्शन एवं तर्पण के उपरांत ही सभी धार्मिक कार्य करना चाहिए।
ऊपर दृश्य भारत के मानचित्र (India’s Map) के अनुसार यह चंद्रग्रहण चंद्रोदय के काल में A-B रेखा के दाहिने ओर के क्षेत्रों में परमग्रास का प्रारम्भ और समाप्ति दोनों दिखाई देगी। C-D रेखा से A-B रेखा के बीच के नगरो में खग्रास समाप्ति तथा ग्रहण समाप्ति दिखाई देगी परन्तु C-D रेखा से बाई और शेष भारत में केवल ग्रहण समाप्ति ही दिखाई देगी।
चैत्र पूर्णिमा, दिन शनिवार,4 अप्रैल 2015, को घटित चंद्रग्रहण का अदभुत नजारा इस प्रकार देखा गया।