Shani ka paya – शनि का पाया जानने की विधि और फल

Shani ka paya – शनि का पाया जानने की विधि और फल। वस्तुतः घर में जैसे ही बच्चे का जन्म होता है वैसे ही हम सभी यह जानना चाहते हैं कि मेरा बच्चा किस पाए के साथ घर में आया है। जन्म कुंडली के बारह भावों को चार पायों में बाँटा गया है और और प्रत्येक पायों का नाम धातुओं के नाम से जोड़कर दिया गया  है जो इस प्रकार है –

  • सोना (GOLD)
  • चाँदी (SILVER)
  • ताँबा (COPPER)
  • लोहा (IRON)

जन्म के समय जन्मकुंडली में चन्द्र राशि से शनि जिस भाव में स्थित होता है (कुंडली में) उसी के अनुसार पाया जानना चाहिए।

Shani ka Paya

शनि का पाया जानने की विधि (Method of Shani ka paya)

किसी भी बालक की जन्म राशि से शनि जिस भी भाव में होता है उसी के अनुसार शनि के पाया का विचार किया जाता है। अर्थात जातक के जन्म कुण्डली में चन्द्रमा तथा शनि को आधार बनाकर शनि के पाया तथा पाया के फलों का पर विचार किया जाता है।  निम्न प्रकार से जन्म राशि अथवा चन्द्र राशि के अनुसार शनि पाया की शुभता या अशुभता का निर्धारण किया जाता है।

1.सोने के पाया में जन्म : यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि चन्द्र राशि से 1,6,&11 अर्थात् पहले, छठे या ग्यारहवें स्थान में स्थित हो तो सोने के पाया का जन्म समझना चाहिए। श्रेष्ठता के क्रम में इस पाये का स्थान तृतीय नंबर पर आता है।

2.चाँदी के पाया में जन्म : यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि चन्द्र राशि से 2,5&9 अर्थात् दूसरे, पाँचवे या नवम स्थान में हो तो चाँदी के पाए का जन्म मानना चाहिए। श्रेष्ठता के क्रम में यह पाया सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

3.ताँबे के पाया में जन्म : यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि चन्द्र राशि से 3,7&10 अर्थात् तीसरे, सातवें या दसवें भाव में हो तो ताँबे के पाये का जन्म समझना चाहिए। श्रेष्ठता क्रम में यह दूसरे क्रम पर है।

4.लोहे के पाया में जन्म : यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि चन्द्र राशि से 4,8 &12 अर्थात् चौथे, आठवें या बारहवें स्थान में हो तो बच्चे का जन्म लोहे के पाए का समझना चाहिए। यह पाया बच्चे के परिवार के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

Shani ka Paya

शनि के पाया का फल (Result of Shani ka paya)

1.  सोने के पाया का फल (Result of Shani ka Gold Paya)

सोने के पाया के साथ जन्मे बालक का फल यदि आपका जन्म सोने के पाया में हुआ है तो बहुत ज्यादा शुभ नहीं है आप जीवन के सुख सुविधा का उपभोग तो करेंगे परन्तु कुछ कठिनाई के साथ ही कर पाएंगे। ऐसा बालक रोग से जल्दी ही प्रभावित हो जाता है। परिवार की शुखशान्ति में व्यवधान हो जाता है। यह  पिता के लिए अच्छा नहीं होता है। पिता को शत्रुओं का सामना करना पड़ सकता है। धन की हानि भी हो सकती है। यदि ज्यादा परेशानी उत्पन्न हो रही हो तो आप सोने का दान कर सकते है।

जाने ! शनि की साढ़ेसाती 2017  का प्रभाव

2. चांदी के पाया का फल (Result of Saturn’s Silver Paya)

यदि आपका जन्म चांदी के पाये में हुआ है तो समझ ले कि आप भाग्यशाली हैं। आपके परिवार के लिए आपका जन्म शुभ है घर में खुशियों का आगमन होगा सभी रूके हुए कार्य शीध्र ही पूरे होने लगेंगे और आप सभी प्रकार की भौतिक सुख-सुविधाओं का उपभोग कर सकेंगे। माता – पिता की तरक्की होती है। परिवार के मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

3. ताम्बे के पाया का फल (Result of Saturn’s Bronze Paya)

यदि आपका जन्म तांबे के के पाये में हुआ है तो इसका फल शुभ ही होता है। जिस परिवार में इस बालक का जन्म होता है उस समय पारिवारिक स्थिति अच्छी होती है। ताम्बे के पाये में उत्पन्न बच्चा पिता के व्यापार  में वृद्धि और सुखसमृद्धि लेकर आता है। पारिवारिक उन्नति  धीरे-धीरे बढ़ने लगती है।

4. लोहे का पाया का फल (Result of Saturn’s Iron Paya)

यदि आपका जन्म लोहे के पाया में हुआ है तो आपके जीवन में संघर्ष ही संघर्ष है। धन-धान्य की हानि होती है। पारिवारिक स्थिति भी ठीक नहीं होती कोई न कोई परेशानी आती ही रहती है। एक समस्या किसी तरह ख़त्म होती है कि दूसरी समस्या आ जाती है। यह स्थिति तब भी आती है जब जातक स्वयं ही अपने भाग्य का निर्माण करने लगता है। व्यवसाय के  दृष्टिकोण से भी यह स्थिति अच्छी नहीं होती। लोहे के पाँव में पैदा हुआ बच्चा परिवार के लिए भारी होता है। यही नहीं पिता के लिए बच्चा कष्ट लेकर आता है। परिवार में कोई न कोई अप्रिय घटना होती है।


शनि स्तोत्र से करे अपनी परेशानियों का हल

Leave A Comment

X