Sarswati Mantra | सरस्वती मंत्र दिलाएगा परीक्षा में सफलता

Sarswati Mantra | सरस्वती मंत्र दिलाएगा परीक्षा में सफलता Sarswati Mantra | सरस्वती मंत्र दिलाएगा परीक्षा में सफलता | माता सरस्वती साहित्य, संगीत, कला विद्या और सद्बुद्धि की देवी के रुप में लोक प्रतिष्ठित हैं। सरस्वती को वीणापुस्तक धारिणी कहा गया है। सरस्वती जो ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं वे भाव, विचार एवं संवेदना के त्रिविध संगम की परिचायिका है। जहां वीणा संगीत की, वहीं पुस्तक विचारों की, और मयूर वाहन कला की, अभिव्यक्ति है। कहा जाता है की माता सरस्वती की आराधना से मुर्ख भी विद्वान बन जाता है और विद्वान में विद्द्वत्ता आ जाती है । वैदिक साहित्य में छः वेदांग है और षड वेदांग में शिक्षा का भी स्थान है और उस शिक्षा वा विद्या की देवी माता सरस्वती हैं।

भारतीय वैदिक परम्परा में माता सरस्वती के चमत्कारी मंत्रों का जाप करने से छात्रों को परीक्षा में सफलता, व्यवसायी को व्यवसाय हेतु प्रेरणा एवम सामान्य जन को बुद्धि चातुर्य का आशीर्वाद मिलता है। आइये जानते हैं माता सरस्वती की कार्य विशेष सिद्धि हेतु मन्त्र।

माता सरस्वती मूल मंत्र

ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।

संपूर्ण सरस्वती मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

सर्वफल प्रदायिनी सरस्वती मंत्र

या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।।
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ।।1।।
शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं ।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।
हस्ते स्फाटिक मालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम् ।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।2।।

देवी सूक्तोक्त तीक्ष्ण बुद्धि हेतु सरस्वती मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

परीक्षा का भय दूर करने हेतू सरस्वती मन्त्र

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीं मम भय निवारय निवारय अभयं देहि देहि स्वाहा।

परीक्षा में सफलता हेतू सरस्वती मन्त्र

ॐ नमः श्रीं श्रीं अहं वद वद वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नमः स्वाहा विद्यां देहि मम ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा

स्मरण शक्ति वृद्धि हेतु इस मंत्र का जप करना चाहिए

ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा।

सर्वबाधा विनिर्मुक्ति हेतू सरस्वती मंत्र

ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी
मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।

साहित्य और कला के क्षेत्र में सफलता हेतु सरस्वती मंत्र

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमां आद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा पुस्तक धारिणीं अभयदां जाड्यान्धकारापाहां|
हस्ते स्फाटिक मालीकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धि प्रदां शारदां||

ज्ञान के मार्ग में आने वाले अवरोध को दूर करने के लिए

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।

माता सरस्वती के अन्य श्लोक जिसके उच्चारण से सम्पूर्ण शैक्षणिक मनोकामनाये पूर्ण होती है

ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।।
कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।
वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।।
रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।

‘शारदा शारदाभौम्वदना। वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रिया तू।’

कैसे करे माता सरस्वती की पूजा

उपर्युक्त मंत्रों के जप में नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। नित्य क्रिया से निवृत्त होने के उपरान्त शांत ,शुद्ध अन्तःचेतना, श्रद्धा तथा विशवास के साथ ही मंत्रों का जाप करना चाहिए ।  मंत्र का जाप ब्रह्म वेला में, स्वच्छ आसन पर बैठकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।

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