Moon in Fifth House – पंचम भाव में चंद्रमा
Moon in Fifth House – पंचम भाव में चंद्रमा संतान सुख देता है। आपके बच्चे आपको ख़ुशी प्रदान करेंगे इसमें कोई संदेह नहीं है। आपको कन्या संतान का सुख अवश्य मिलेगा। आप अपने बच्चो तथा पत्नी से अत्यधिक प्यार करेंगे। आप विशेष रूप से तेजस्वी और बलवान होंगे। सभी कार्यो के प्रति सावधान रहना तो कोई आप से सीखे। यदि चन्द्रमा शुभ स्थिति में है तो आप उत्तम आचरण वाले होंगे।
आप बहुत ही खुश मिजाज इंसान होंगे। प्रेम करना तो कोई आप से सीखे। कहा जाय कि आप प्रेम के पुजारी है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। मौज मस्ती करना तो आपके स्वभाव में ही है। आप बुद्धिमान होने के साथ-साथ साहसी भी होंगे।
पंचम भाव में(Moon in Fifth House) चन्द्रमा धन सुख देता है।
जिस मनुष्य के जन्म लग्न से पंचम स्थान में चद्रमा होता है वह जितेन्द्रिय, सत्य बोलने वाला, सदैव प्रसन्न रहने वाला होता है। वह विविध वस्तुओ को संग्रह करने का शौक़ीन होता है। इसे धन तथा संतान सुख की प्राप्ति होती है। कहा गया है —
जितेन्द्रियः सत्यवचः प्रसन्नो धनात्म्जाव्वप्त समस्तसौख्यः।
सुसंग्रही स्यान मनुजः सुशीलः प्रसूतिकालेतान्यालायाब्जे।।
अशुभ चन्द्रमा डिप्रेशन अथवा मानसिक रोग देता है।
पंचम भाव का चन्द्रमा यदि पाप प्रभाव में हो तो जातक दुष्ट बुद्धि वाला होता है। कोई भी कार्य बिना रुकावट के नहीं होती। ऐसा व्यक्ति जिद्दी स्वभाव का हो जाता है। निराशावादी हो जाता है। नकारात्मक विचारो के कारण कभी-कभी मानसिक रोग का भी शिकार हो जाता है। डिप्रेशन की समस्या भी आ जाती है। परन्तु यह सब तभी होगा जब चन्द्रमा का अशुभ ग्रहो के साथ युति हो या अशुभ ग्रहो की दृष्टि हो।
पंचम भाव में चन्द्रमा (Moon in Fifth House) का राशि के अनुसार फल
यदि द्विस्वभाव राशि में चन्द्रमा है तो कन्या संतान अधिक होती है। यदि चन्द्रमा वायव्य तत्त्वीय राशि में है तो पुत्र सुख में कमी होती है। चन्द्रमा यहाँ जुड़वा संतान भी देती है। यदि चन्द्रमा पृथिवी तत्त्व राशि में है तो जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करता है और यदि अग्नि तत्व राशि में चन्द्रमा है तो शिक्षा अधूरी रह जाती है। वायु तत्व राशि में चन्द्रमा है तो जातक कम बोलने तथा अधिक कार्य करने में विशवास रखता है। जातक की पत्नी रूपवान तथा गुणवान होती है।