सप्तम भाव में गुरु गोचर का फल | Jupiter Transit in 7th house
Transit of Jupiter in seventh house | सप्तम भाव में गुरु गोचर का फल गुरु गोचर में विभिन्न भाव में अलग-अलग रूप मेंफल प्रदान करता है। ज्योतिष में बृहस्पति को सबसे शुभ ग्रह कहा गया है। गुरु की दृष्टि अमृत तुल्य कहा गया है। देवगुरू बृहस्पति ज्ञान, धन एवं संतान के कारक हैं। गोचरवश बृहस्पति एक राशि में लगभग 13 महीने तक भ्रमण करते हैं। इन तरह महीनो में सामान्यतः जातक को शुभ फल ही प्रदान करते हैं।
गुरू के गोचर का शुभ और अशुभ फल जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर मिलता है। जातक की जन्म राशि अर्थात् जन्मकालीन चंद्रमा जिस राशि में स्थित होते हैं, गोचर में गुरु उस राशि से दूसरे, पाँचवें, सातवें, नवें, तथा ग्यारहवें भाव में जब-जब संचार करते हैं, तब-तब बृहस्पति शुभफल प्रदान करते हैं। इनके अतिरिक्त बृहस्पति का अन्य भावों से गोचर शुभ फल देने वाला नहीं मानाजाता है। यहाँ पर गुरु के गोचर का फल लग्न से भाव में स्थिति के आधार पर दिया गया है।
जाने ! आपके लग्न से गुरु/बृहस्पति गोचर में किस भाव में है।
लग्न वा राशि | 22 अप्रैल 2023 से 31 अप्रैल 2024 तक मेष राशि में | 01 मई 2024 से 13 मई 2025 तक वृष राशि में | 14 मई 2025 से 2 जून 2026 तक मिथुन राशि में | 03 जून 2026 से 25 जून 2027 तक कर्क राशि |
मेष | प्रथम भाव | द्वितीय भाव | तृतीय भाव | चतुर्थ भाव |
वृष | द्वादश भाव | प्रथम भाव | द्वितीय भाव | तृतीय भाव |
मिथुन | एकादश भाव | द्वादश भाव | प्रथम भाव | द्वितीय भाव |
कर्क | दशम भाव | एकादश भाव | द्वादश भाव | प्रथम भाव |
सिंह | नवम भाव | दशम भाव | एकादश भाव | द्वादश भाव |
कन्या | अष्टम भाव | नवम भाव | दशम भाव | एकादश भाव |
तुला | सप्तम भाव | अष्टम भाव | नवम भाव | दशम भाव |
वृश्चिक | छठा भाव | सप्तम भाव | अष्टम भाव | नवम भाव |
धनु | पंचम भा | छठा भाव | सप्तम भाव | अष्टम भाव |
मकर | चतुर्थ भाव | पंचम भाव | छठा भाव | सप्तम भाव |
कुम्भ | तृतीय भाव | चतुर्थ भाव | पंचम भाव | छठा भाव |
मीन | द्वितीय भाव | तृतीय भाव | चतुर्थ भाव | पंचम भाव |
आइये जानते है कि गुरु का जन्म लग्न से कुंडली के सप्तम भाव में गोचर का जीवन के विभिन्न क्षेत्रों यथा – ज्ञान, संतान, धन, भाई-बंधू, माता-पिता, परिवार, शिक्षा, व्यवसाय, वैवाहिक जीवन इत्यादि पर कितना प्रभाव पड़ेगा।
सप्तम भाव में गुरु गोचर का फल | Jupiter’s transit effects in seventh house
यदि आपकी जन्मकुंडली सप्तम भाव में गुरु गोचर कर रहा है और विवाह का उम्र हो चूका है तथा आप विवाह के बंधन में बन्धन चाहते है तो तैयार हो जाइये आपका सेहरा बंधने वाला है। दाम्पत्य जीवन के लिए भी बृहस्पति का यह गोचर बढ़िया होता है। दाम्पत्य सुख का आनंद उठाएंगे बशर्ते की वृहस्पति शुभ अवस्था में हो यथा — कर्क, धनु अथव मीन राशि का हो। अत: इस गोचर में आपको संतान सुख की भी प्राप्ति हो सकती है।
सप्तम भाव में गुरु गोचर होने पर सामजिक मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। यदि आप नौकरी में है तो पदोन्नति एवं व्यापार कर रहे है तो कारोबार में सफलता प्राप्त होगी। यदि आप बेरोजगार हैं तो रोजगार की संभावना बनेगी। साझेदारी में कोई काम करने का अवसर मिलेगा और आपको उसका लाभ भी उठाना चाहिए। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगा। धन लाभ के नए नए स्रोत बनेंगे तो। पत्नी के सहयोग से धन लाभ हो सकता है अतः इस समय कोई कार्य प्रारम्भ कर रहे है तो अवश्य ही पत्नी का सहयोग ले।