सूर्यादि ग्रहों की युति का फल | Conjunction of Planets in Birth Chart
सूर्यादि ग्रहों की युति का फल | Conjunction of Planets in Birth Chart. ग्रहों के एक ही राशि में युति-प्रतियुति के मर्म को जानकर जातक के जीवन मे आनेवाली शुभ अशुभ फल को शीघ्र ही बताया जा सकता है। जब दो ग्रह एक ही राशि में स्थित हों तो ग्रहों की इस अवस्था को युति कहते है तथा जब दो ग्रह एक-दूसरे के आमने-सामने अर्थात सातवें स्थान पर हों तो यह प्रतियुति कहलाती है। शुभ ग्रहों की युति या प्रतियुति शुभ फल देती है वहीं अशुभ ग्रह या अशुभ स्थानों के स्वामियों की युति-प्रतियुति अशुभ फल प्रदान करने वाली होती है।
ग्रहो से विचारणीय विषय | Significance of Planets
सूर्य | Sun
सूर्य आत्मा, पिता, मान सम्मान, आदर, यश, सरकार इत्यादि का कारक ग्रह है अतः किसी भी जातक के व्यक्तिगत जीवन में उपर्युक्त विषय का विचार सूर्य ग्रह से किया जाता है।
मंगल | Mars
मंगल बुद्धि, बल, साहस, धैर्य, तेज, क्रोध इत्यादि का कारक ग्रह है अतः किसी जातक के विचारों में क्रोध, साहस आदि का विचार इस ग्रह से करते है।
बुध | Mercury
बुध ग्रह बुद्धि, व्यवसाय, व्यापार वाणी में चातुर्यता हास्य, बुआ इत्यादि का कारक ग्रह है । इसलिए व्यक्ति में व्यापार करने की क्षमता, कविता, लेख, नई खोज आदि का विचार इसी ग्रह से किया जाता है।
गुरु | Jupiter
गुरु विद्या, ज्ञान, न्याय, अहिंसा सत्य, धन इत्यादि का कारक ग्रह है अतः न्याय, सत्य और ज्ञान की कसौटी पर कसे हुए गंभीर विचार गुरू ग्रह से करने चाहिए।
शुक्र | Venus
शुक्र ग्रह स्त्री, स्त्री सुख ( पुरुष की कुंडली में ) भौतिक सुख, धन, सुंदरता ऐश्वर्य इत्यादि का कारक ग्रह है अतः किसी भी जातक के जीवन में स्त्री या भौतिक सुख कितना है इसका पता इसी ग्रह के माध्यम से लगाया जाता है।
शनि | Saturn
शनि ग्रह वस्तुतः कर्म, न्याय, अवरोध, विषाद, कमी,निराशा कंजूस,समाज सुधारक, नेता कोयला इत्यादि का कारक है। यदि कोई जातक हमेशा नकारात्मक सोच से प्रभावित है या खर्च करने में एकदम कंजूस है तो इसका विचार शनि से करना चाहिए।
राहु | Rahu
राहु बड़ी-बड़ी योजना बनाना, बुद्धिविभ्रम, विचारो का समूह, दादा, केमिकल, जहर असंतोष इत्यादि का कारक ग्रह है अतः जातक के जीवन में उपर्युक्त विषयो का विचार राहु ग्रह से करना चाहिए।
केतु | Ketu
केतु मोक्ष, रुकावट, झंडा, मंदिर, नाना, खुजली, कुष्ट, गुप्त रोग इत्यादि का कारक ग्रह है अतः कथित विषयो का विचार केतु ग्रह से करना चाहिए।
सूर्यादि दो ग्रहों के युति का फल | Conjunction of Sun and others planets
सूर्य और चंद्र की युति फल | Conjunction of Sun and Moon
इन दो ग्रहो की युति का मतलब व्यक्ति का जन्म अमावस्या के दिन हुआ होगा ऐसा जातक जिद्दी स्वभाव का होता है। कभी-कभी तो इनमे पागलपन जैसा भूत सवार हो जाता है। वैसे यह युति जीवन के मध्यायु से मान-सम्मान और यश दिलाने में सक्षम हो जाता है हालांकि यह निर्भर करता है यह योग शुभ स्थान में है या अशुभ स्थान में। यदि यह योग अष्टम स्थान में है तो जातक मानसिक रोग का भी शिकार हो जाता है इनका व्यवहार सनकी जैसा हो जाता है। ऐसे लोग घर में अपने बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जाने में संकोच नहीं करते है। ऐसा जातक हमेशा यात्रा करता है।
सूर्य और मंगल की युति का फल | Conjunction of Sun and Mars
सूर्य के साथ मंगल वा मंगल के साथ सूर्य वाला व्यक्ति अहंकारी के साथ साथ अत्यंत ही महत्वाकांक्षी होता है। जातक साहसी और दम्भ से युक्त होता है। यह योग ह्रदय रोग देने में सक्षम है। आप साहसी कार्य करने में विश्वास रखेंगे और यदि आपके घर परिवार वाले ऐसा करने से रोकते है तो समझ जाए की वे लोग आपके विकास को रोक रहे है। आप अपने आप को किसी भी क्षेत्र में श्रेष्ठता सिद्ध करने की योग्यता रखते हैं बशर्ते की यह योग शुभ स्थान पर बन रहा हो। स्त्री की कुंडली में यदि ऐसा योग है तो उसका पति प्रभावशाली होता है।
सूर्य और राहु की युति का फल | Conjunction of Sun and Rahu
यह युति भी बहुत शुभ परिणाम देने में सक्षम नहीं है। ऐसा जातक समाज के द्वारा निर्धारित नियम कानून के अनुसार न चलकर इसके विपरीत कार्य करता है। जातक के जन्म के समय पिता को कष्ट हो सकता है। जातक को संतान पक्ष से परेशानी या कष्ट होता है।
सूर्य और गुरु की युति का फल | Conjunction of Sun and Jupiter
किसी भी जातक की कुंडली में यह योग विशेष फल प्रदान करने वाला होता है। ऐसा जाएक परोपकारी यशस्वी एवं पदवी धारक होता है। यह योग जातक को समाज तथा परिवार में मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, यश दिलाता है। ऐसे व्यक्ति का पिता उच्च कोटि का विद्वान या प्रतिष्ठित व्यक्ति होता है। ऐसा जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करता है। शिक्षा के क्षेत्र में महनीय योगदान का पात्र होता है। आप अपने घर से दूर शिक्षा प्राप्त करने के लिए जा सकते है। यदि स्त्री की कुंडली में यह योग है तो वह स्वर्णाभूषण से युक्त पति प्रिया जीवन व्यतीत करने वाली होती है।
सूर्य और शनि की युति का फल | Conjunction of Sun and Saturn
किसी भी जातक की कुंडली में यह योग बहुत अच्छा नहीं माना जाता है क्योकि दोनों ग्रह एक दूसरे के शत्रु रूप में है खासकर शनि सूर्य को शत्रु मानता है। ऐसा जातक सरकारी सेवक हो सकता है। जातक के जन्म के समय पिता बहुत ही संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत करता है। व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता देर से मिलती है।
सूर्य और बुध की युति का फल | Conjunction of Sun and Mercury
सामान्यतः 80 % जन्मकुंडली में सूर्य और बुध की युति सम्बन्ध होती है ऐसा जातक शिक्षित होता है। जातक का स्वभाव से व्यावहारिक होता है। ऐसा जातक कॉमर्स का छात्र हो सकता है हालांकि यह जरुरी नहीं है। व्यापार तथा व्यवसाय में जातक को मान और यश दिलाता है। ऐसा जातक बुद्धि से पैसा कमाता है न की शारीरिक परिश्रम से।
सूर्य और केतु की युति का फल | Conjunction of Sun and Ketu
ऐसा जातक धार्मिक तथा धार्मिक मान्यताओं को मानने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति बहुत दिन तक किसी के आश्रित रह सकता है। इनके कार्य में कोई न कोई रुकावट अवश्य आती है आसानी से काम नही हो पाता है।
सूर्य और शुक्र की युति का फल | Conjunction of Sun and Venus
ऐसा व्यक्ति सामान्यतः धनवान होता है इसके पास अपना मकान, दूकान होता है। ऐसे जातक की स्त्री को गर्भपात हो सकता है। संतान उत्पत्ति में भी दिक्क्त का सामना करना पड़ता है। दाम्पत्य सुख में भी कमी हो सकती है। विवाह व प्रेम संबंधों में भी नाटकीय स्थितियाँ निर्मित करता है। इनकी स्त्री स्वर्ण आभूषण से युक्त होती है। यदि शुभ स्थान में यह योग बना है तो नृत्य या संगीत कला क्षेत्र में विशेष यश दिलाने वाला होता है।
1 Comment
Name :- Rajashekar R C
Date of birth :- 2nd September 1991
Place of birth :- Mandya district , Karnataka state,India
Time of birth :- 06:20:10 AM
My question :- When will I have better and satisfactory job in which year.please help me.As if now I am unemployed.
Can you analyse my kundli please help me.