Bhakoot Dosh | भकूट दोष कारण प्रभाव तथा निदान
Bhakoot Dosh | भकूट दोष कारण प्रभाव तथा निदान भारतीय संस्कृति में शादी से पूर्व गुण मिलान करने की परम्परा प्राचीन काल से चली आ रही है तथा ज्योतिष को मानने वाले गुण मिलान को अत्यधिक महत्त्व देते है। सामान्यतः ज्योतिषी कुंडली मिलान के क्रम में यदि भकूट दोष ( Bhakoot Dosh ) बन रहा है तो शादी नहीं करने के लिए सलाह देते हैं। हालांकि केवल एक दोष के आधार पर कभी भी शादी न करने की सलाह नहीं देनी चाहिए क्योकि ऐसे अनेक दम्पति है जिनके कुंडली में भकूट दोष है फिर भी सुखमय दाम्पत्य जीवन व्यतीत कर रहे है। अतः विवाह आदि के लिए कुंडली मिलान की प्रक्रिया में केवल गुण मिलान कर लेना ही पर्याप्त नहीं है यदि कोई ज्योतिषी ऐसा करते है तो यह उचित नहीं है ऐसा करने से ही ज्योतिष और ज्योतिषी के प्रति अविश्वास पैदा होता है। अतः विवाह के सम्बन्ध में कोई निर्णय लेने से पहले लड़का और लड़की की कुंडली में ग्रहो की स्थिति, उच्च, नीच, योग इत्यादि पर विचार करके ही शादी करने और न करने का फैसला लेना चाहिए।
विवाह के लिए गुण मिलान हेतू मिलाए जाने वाले अष्ट कूटों में से भकूट भी एक कूट है जिसके न मिलने पर भकूट दोष उत्पन्न होता है शास्त्रानुसार यह दोष तलाक (Divorce yoga in birth chart) , वैध्वय, आपसी लड़ाई-झगड़ा, स्वास्थ्य हानि, संतान हानि जैसी समस्या का कारण बनता है। गुण मिलान में कुल 36 गुण होते है जिसमे आठ कूट को शामिल किया गया है यथा —
Koot | Mxm Marks |
Varn | 1 |
Vashya | 2 |
Tara | 3 |
Yoni | 4 |
Grahmaitri | 5 |
Gan | 6 |
Bhakut | 7 |
Nadi | 8 |
Total Point | 36 |
इस लेख में हम भकूट दोष के सम्बन्ध में चर्चा करने जा रहे है जिस प्रकार नाड़ी, गण या ग्रहमैत्री दोष को गंभीर दोष माना जाता है उसी प्रकार भकूट दोष( Bhakoot Dosh ) को भी गुण मिलान से उत्पन्न दोषों में से गंभीर दोष माना गया है। जानें ! क्या कहता है 2019 का राशिफल
कैसे बनता है भकूट दोष | | Bhakoot Dosh
किसी भी जन्म कुंडली में चन्द्रमा जिस राशि में स्थित होता है वह राशि कुंडली का भकूट कहलाता है। जन्मकुंडली में भकूट दोष ( Bhakoot Dosh ) का निर्णय वर और वधू की जन्म कुंडलियों में चन्द्रमा जिस राशि में स्थित होता है उन दोनों राशियों अथवा चन्द्रमा का क्या सम्बन्ध है उसके ऊपर निर्भर करता है। यदि वर-वधू की कुंडलियों में चन्द्रमा परस्पर एक दूसरे 6-8, 9-5 या 12-2 राशियों में स्थित हों तो “भकूट” मिलान में 0 अंक दिया जाता हैं तथा इसे भकूट दोष माना जाता है। जैसे —
Boy’s Horoscope Girl’s Horoscope
मान लिया जाय की आप कन्या राशि के जातक है अर्थात आपकी कुंडली में चन्द्रमा कन्या राशि में स्थित हैं तथा आपकी पत्नी की कुंडली में चन्द्रमा कुम्भ राशि में स्थित हैं तो इसे षडाष्टक वा 6 /8 भकूट दोष ( Bhakoot Dosh ) माना जाता है। ऐसा इसलिये की कन्या राशि से गणना करने पर कुम्भ राशि छठे तथा कुम्भ राशि से गणना करने पर कन्या राशि ( Virgo Sign) आठवें स्थान पर आती है।
इसी प्रकार यदि आपकी पत्नी की जन्म कुंडली में चन्द्रमा वृष राशि में स्थित हैं तो इसे नवम-पंचम ( ९/५) भकूट दोष माना जाएगा क्योंकि आपकी तो राशि कन्या है और उस राशि से गिनती करने पर वृष राशि नवम तथा वृष राशि से गिनती करने पर कन्या राशि पांचवे स्थान पर आती है।
इसी प्रकार आपकी पत्नी की कुंडली में यदि चन्द्रमा सिंह राशि में स्थित हैं तो इसे द्वादश-दो ( 12-2) भकूट दोष माना जाता है क्योंकि कन्या राशि से गिनती करने पर सिंह राशि बारहवें तथा सिंह राशि से गिनती करने पर कन्या राशि दूसरे स्थान पर आती है।
भकूट दोष का दाम्पत्य जीवन पर प्रभाव | Effects of Bhakoot Dosh on Married Life
जन्मकुंडली मिलान में तीन प्रकार से भकूट दोष बनता है जिसकी चर्चा ऊपर की गई है। मुहूर्तचिन्तामणि में इसके दाम्पत्य जीवन में आने वाले प्रभाव के सम्बन्ध में कहा गया है।
मृत्युषडष्टके ज्ञेयोऽपत्यहानिर्नवात्मजे।
द्विद्र्वादशे निर्धनत्वं द्वयोरन्यत्र सौख्यकृत्।।
अर्थात षड़-अष्टक ६/८ भकूट दोष होने से वर-वधू में से एक की मृत्यु हो जाती है या आपस में लड़ाई झगड़ा होते रहता है। नवम-पंचम ( ९/५) भकूट दोष होने से संतान की हानि होती है या संतान के जन्म में मुश्किल आती है या फिर संतान होती ही नहीं। द्वादश-दो ( 1२/२) भकूट दोष होने से वर-वधू को निर्धनता का सामना करना पड़ता या दोनों बहुत ही खर्चीले होते है।
भकूट दोष का निदान | Remedies of Bhakoor Dosh
अधोलिखित स्थितियों में भकूट दोष का प्रभाव या तो निरस्त हो जाता है अथवा उसका प्रभाव कम हो जाता है ऐसा माना जाता है।
- वर-वधू दोनों की जन्म कुंडलियों में चन्द्रमा मेष-वृश्चिक तथा वृष-तुला राशियों में होने पर षडाष्टक की स्थिति में भी भकूट दोष नहीं माना जाता है क्योकि क्योंकि मेष-वृश्चिक राशियों का स्वामी मंगल हैं तथा वृष-तुला राशियों का स्वामी शुक्र हैं। अतः एक ही राशि होने के कारण दोष समाप्त माना जाता है।
- इसी प्रकार वर वधु की कुंडली में चन्द्रमा मकर-कुंभ राशियों में होकर भकूट दोष का निर्माण कर रहा है तो एक दूसरे से 12-2 स्थानों पर होने के पश्चात भी भकूट दोष नहीं माना जाता है क्योंकि इन दोनों राशियों के स्वामी शनि हैं।
- यदि वर-वधू दोनों की जन्म कुंडलियों में चन्द्र राशियों के स्वामी आपस में मित्र हैं तो भी भकूट दोष का प्रभाव कम हो जाता है जैसे कि मीन-मेष तथा मेष-धनु में भकूट दोष होता है परन्तु उसका प्रभाव कम होता है क्योंकि इन दोनों ही राशियों के स्वामी गुरू तथा मंगल हैं जो कि आपस में मित्र हैं।
- यदि दोनो कुंडलियों में नाड़ी दोष नहीं है तो भी भकूट दोष होने के बाद भी इसका प्रभाव कम हो जाता है।
- यदि कुंडली मिलान में ग्रहमैत्री, गणदोष तथा नाड़ी दोष नहीं है और भकूट दोष है तो भकूट दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
सुझाव | Advice
हमें इस बात पर अवश्य ही ध्यान देना चाहिए कि भकूट दोष कुंडलीं मिलान के समय बनने वाले अनेक दोषों में से केवल एक दोष मात्र है तथा केवल इस दोष के कारण आपके दाम्पत्य जीवन में बहुत बड़ा तूफ़ान आ जाएगा ऐसा नहीं है क्योकि किसी भी कुंडली में किसी ग्रह, भाव तथा भावेश के द्वारा बनने वाला विवाह संबंधी कोई अशुभ योग गुण मिलान के कारण बनने वाले दोषों के अपेक्षा में बहुत अधिक प्रबल होता है।
यदि आपको पता है की मेरे कुंडली में भकूट दोष है तथा यह दोष किस तरह का प्रभाव देने वाला है या सक्षम है तो उसे दूर करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए यह नहीं की यह सब इसी दोष के कारण हो रहा है ऐसा सोच कर बैठ जाए ऐसा करने से उसका प्रभाव और बढ़ जाएगा क्योकि समस्या भी आप ही है और निदान भी आप ही है अतः हमेशा सकारात्मक दृश्टिकोण रखे तथा अपने अंदर समस्या से लड़ने की शक्ति उत्पन्न करने की कोशिश करे।
15 Comments
Meri job kb hogi aur kis field me hogi?
DOB- 6sep1994
Time- 6:42AM
Birth place- bokaro steel city
Agr kundli me nadi dosh bilkl naa ho gan dosh v naa ho lkin dono k guru shukra or guru h to ese me bhakut dosh ka pravaw rhega??kripya btaye
Meri beti ki shyadi kab hogi?DOB 01MAY 91 DAUSA RAJSTHAN
Meri beti ki shyadi kab hogi?DOB 01MAY 91.TIME 15.02 DAUSA RAJSTHAN
Meri shadi KB tk hogi.
Swati Chauhan
01-02-1995
Dhampur uttar Pradesh
Time 1:17p.m.
In kundali. Milan we have also brikuti dosha
Please suggest is there any solution.
Name – madhu
Dob -22/05/1991
Time – 4.00 a. M
Place – udaipur rajasthan
Boy name – chaitanya
Dob – 20/02/1988
Time – 20:40
Place – patna bihar
Hum do no ki kundli m bhookut dose or yoni dose h or hamari rasi kumbh or tula h hum dono k bich bhut jagre hote h mar pit tak ho jati h koi upay h to bataye
Mera dob 22-4-1993,06:35am,mau it Pradesh
Meri shadi dekhi ja rhi to jo apni ghr valo ne select kiya h usse hogi ya ni
Online kundali check krne pe bhakoot dosh aarha h .
Pl advise my daughter’s marriage period.
When yog of marriage.
Name. Aditi sharma
Dob 09.10.1994
Time 1.15 am
Place jaipur
Qualifi Msc , zoology topp
dono ek saath sandhya me hanuman mandir jao hanuman chalisha ka paath karo sbhi preshani dur ho jayegi.
Meri shadi ashwani name k ladke se karne wali hu lova marriage h hum dono ki bhakoot aur gan dosh h kaise door kre k humari shadi successful rahe
Mai ashwani name ke ladke se shadi karne wali hu love marriage h hum dono ki bhakoot r gan dosh h . Upay btaye k humari marriage life happy r successful rahe .abhi him log live in relationship me rah rahe hai. Mera name Monika hai
Meri shadi ashwani name k ladke se karne wali hu lova marriage h hum dono ki bhakoot aur gan dosh h kaise door kre k humari shadi successful rahe
MY BIRTH DATE IS 21/SEPT/1993 AT 10.16 PM MY PARTNER BIRTH DATE IS 5/APRIL/1990 AT 5.20 AM GIVE ME ADVICE ABOUT BHUKOOT DOSHA.
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