Ashtakvarga | जन्मकुंडली में सूर्य के अष्टकवर्ग का फल

Ashtakvarga | जन्मकुंडली में सूर्य के अष्टकवर्ग का फल. जिस प्रकार विभिन्न भावों में ग्रहों की स्थिति के प्रभाव का आकलन जन्म लग्न और चंद्रमा ( Moon) से किया जाता है उसी तरह दूसरे ग्रहों को भी लग्न मानकर और उनसे भावों को गिनते हुए फलों का आकलन करना चाहिए। इस तरह 7 ग्रहों राहु और केतु को छोड़कर जब सातों ग्रहों और लग्न के समग्र प्रभावों को बिंदु के आधार पर एक साथ आंका जाता है तो वह अष्टकवर्ग विश्लेषण कहलाता है। वस्तुतः लग्न और चंद्रमा दोनों से ग्रहों के प्रभावों का तालमेल करके कुल अनुमान लगाना ही अपने आप में कठिन कार्य।

सूर्य ग्रह ( Sun) के अष्टकवर्ग के विभिन्न बिंदुओं का फल तब मिलता है जब सूर्य विभिन्न राशियों पर विचरण करता है। इसके अतिरिक्त जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति पर भी इन परिणामों को लागू करके जातक के सम्पूर्ण जीवन में सूर्य से संबंधित घटनाओं के स्वरूप को जाना जा सकता है। जानें ! सूर्य के अधिकतम और न्यूनतम बिंदु फलअगले पृष्ठ पर पढ़े

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *