Shani Dev ke 108 Name in Hindi and English
Shani Dev ke 108 Name in Hindi and English | शनिदेव न्यायाधीश ( Judge) के रूप में इस लोक में प्रतिष्ठित है ।अन्याय करने वालों को निश्चित ही दण्ड देते है । कई बार तो हम जान बूझकर ही गलती करते और बोलते है अरे सब कुछ चलता है कौन सा भगवान देख रहे है परंतु वास्तव में निराकार रूप में विराजमान देवताओं के द्वारा ही इस भूलोक में सभी घटनाएं घटित हो रही है । वस्तुतः अदृश्य रूप में सच्चिदानंद स्वरूप ही घटना विशेष के नियामक है । हम तो केवल निमित्त मात्र है । आज समाज में जब भी कोई दुखी या पीड़ित होता है और किसी पंडित या ज्योतिषी के पास जाता है तो उनका कहना होता है कि आपके ऊपर शनि की साढ़े साती चल रही है, शनि की दशा चल रही है या शनिदेव के प्रभाव से आप दुखी है इत्यादि इत्यादि ।
अब प्रश्न उत्पन्न होता है कि ऐसी अवस्था में हमें क्या करना चाहिये। इस तरह की समस्या से बचने के लिए हमें शनि देव से सम्बंधित मन्त्र, स्तोत्र या रत्न धारण करना चाहिए । ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते है। इसी कड़ी में यहाँ शनिदेव के 108 नाम दिया जा रहा है । प्रतिदिन शनि के 108 नाम का नियमित तथा निश्चित समय पर जप करने से निश्चित ही हमें सभी प्रकार के दुखों से छुटकारा मिलती है
नोट :- आस्था और विशवास के ऊपर आध्यात्म तथा धर्म अवलम्बित है अतः किसी भी कार्य को करने से पहले कार्य के साधन के प्रति पूर्ण आस्था होना जरुरी है क्योंकि साधन के द्वारा ही साध्य को प्राप्त किया जा सकता है अतः साधन के प्रति श्रद्धा अत्यन्त आवश्यक है गीता में श्री कृष्णजी ने कहा है —-
“श्रद्धावान लभते ज्ञानम्”
अर्थात ज्ञान की प्राप्ति उसे ही होगी जिसे ज्ञान के प्रति श्रद्धा होगी ।
- ॐ शनैश्चराय नमः ॥ Om shanaishcharay Namah
- ॐ शान्ताय नमः ॥ Om Shantaay Namah
- ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः ॥ Om Sarvabhiishtpradaayine Namah
- ॐ शरण्याय नमः ॥ om Shantaay Namah
- ॐ वरेण्याय नमः ॥ Om Vrenyaay Namah
- ॐ सर्वेशाय नमः ॥ Om Sarveshaay Namah
- ॐ सौम्याय नमः ॥ Om samudaay Namah
- ॐ सुरवन्द्याय नमः ॥ Om Survandhaay Namah
- ॐ सुरलोकविहारिणे नमः ॥ Om Surlokviharine Namah
- ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः ॥
- ॐ सुन्दराय नमः ॥ Om Sundraay Namah
- ॐ घनाय नमः ॥ Om Ghanaay Namah
- ॐ घनरूपाय नमः ॥ Om Ghanroopaay Namah
- ॐ घनाभरणधारिणे नमः ॥ Om Ghanaabharandharine Namah
- ॐ घनसारविलेपाय नमः ॥ Om Ghansaarvilepaay Namah
- ॐ खद्योताय नमः ॥ Om Khadhyotaay Namah
- ॐ मन्दाय नमः ॥ Om Mandaay Namah
- ॐ मन्दचेष्टाय नमः ॥ Om Mandcheshtaay Namah
- ॐ महनीयगुणात्मने नमः ॥ Om Mahniyagunaatmane Namah
- ॐ मर्त्यपावनपदाय नमः ॥ Om Martypaavnpadaay Namah
- ॐ महेशाय नमः ॥ Om Mahashay Namah
- ॐ छायापुत्राय नमः ॥ Om chayaaputraay Namah
- ॐ शर्वाय नमः ॥ Om Sarvaay Namah
- ॐ शततूणीरधारिणे नमः ॥ Om shatatuuniradharine Namah
- ॐ चरस्थिरस्वभावाय नमः ॥ Om charsthirasvabhaavaay Namah
- ॐ अचञ्चलाय नमः ॥ Om Nilvarnaay Namah
- ॐ नीलवर्णाय नमः ॥ Om Neelvarnaay Namah
- ॐ नित्याय नमः ॥ Om Nityaaya Namah
- ॐ नीलाञ्जननिभाय नमः ॥ Om Nilaanjananibhaay Namah
- ॐ नीलाम्बरविभूशणाय नमः ॥ Om Nilaambarvibhushanaay Namah
- ॐ निश्चलाय नमः ॥ Om Nishchalaay Namah
- ॐ वेद्याय नमः ॥ Om Vedhaay Namah
- ॐ विधिरूपाय नमः ॥ Om Vidhiroopaay Namah
- ॐ विरोधाधारभूमये नमः ॥ Om Virodhaadhaarbhumaye Namah
- ॐ भेदास्पदस्वभावाय नमः ॥ Om Bhedaspadasvabhaavaay Namah
- ॐ वज्रदेहाय नमः ॥ Om Vajradehaay Namah
- ॐ वैराग्यदाय नमः ॥ Om vairaagydaay Namah
- ॐ वीराय नमः ॥ Om Viraay Namah
- ॐ वीतरोगभयाय नमः ॥ Om Vitrogabhayaay Namah
- ॐ विपत्परम्परेशाय नमः ॥ Om Vipatparmpareshaay Namah
- ॐ विश्ववन्द्याय नमः ॥ Om Vishvvandhaay Namah
- ॐ गृध्नवाहाय नमः ॥ Om Gridhnvaahaay Namah
- ॐ गूढाय नमः ॥ Om Gudhay Namah
- ॐ कूर्माङ्गाय नमः ॥ Om Kurmaangaay Namah
- ॐ कुरूपिणे नमः ॥ Om Kurupine Namah
- ॐ कुत्सिताय नमः ॥ Om Kutsitaay Namah
- ॐ गुणाढ्याय नमः ॥ Om Gunaadhyaay Namah
- ॐ गोचराय नमः ॥ Om Gocharaay Namah
- ॐ अविद्यामूलनाशाय नमः ॥ Om Avidhyaamulnaashaay Namah
- ॐ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः ॥ Om Vidhaavidhyaasvrupine Namah
- ॐ आयुष्यकारणाय नमः ॥ Om Aayushykaarnaay Namah
- ॐ आपदुद्धर्त्रे नमः ॥ Om Aapadudhartre Namah
- ॐ विष्णुभक्ताय नमः ॥ Om Vishnubhaktaay Namah
- ॐ वशिने नमः ॥ Om Vashine Namah
- ॐ विविधागमवेदिने नमः ॥ Om Vividhaagamavedine Namah
- ॐ विधिस्तुत्याय नमः ॥ Om Vidhistutyaay Namah
- ॐ वन्द्याय नमः ॥ Om Vandhaay Namah
- ॐ विरूपाक्षाय नमः ॥ Om Virupaakshaay Namah
- ॐ वरिष्ठाय नमः ॥ Om Varishthaay Namah
- ॐ गरिष्ठाय नमः ॥ Om Garishthaay Namah
- ॐ वज्राङ्कुशधराय नमः ॥ Om Vajraangkushdharaay Namah
- ॐ वरदाभयहस्ताय नमः ॥ Om Varadaabhayahastaay Namah
- ॐ वामनाय नमः ॥ Om Vaamnaay Namah
- ॐ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः ॥ Om Jyeshthapatnisametaay Namah
- ॐ श्रेष्ठाय नमः ॥ Om Shreshthata Namah
- ॐ मितभाषिणे नमः ॥ Om Mitbhaashine Namah
- ॐ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः ॥ Om Kashtaughanaashkartre Namah
- ॐ पुष्टिदाय नमः ॥ Om Pushtidaay Namah
- ॐ स्तुत्याय नमः ॥ Om Stutyaay Namah
- ॐ स्तोत्रगम्याय नमः ॥ Om Stotragamyaay Namah
- ॐ भक्तिवश्याय नमः ॥ Om Bhaktivashyaay Namah
- ॐ भानवे नमः ॥ Om Bhanve Namah
- ॐ भानुपुत्राय नमः ॥ Om Bhanuputraay Namah
- ॐ भव्याय नमः ॥ Om Bhavyaay Namah
- ॐ पावनाय नमः ॥ Om Paavanaay Namah
- ॐ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः ॥ Om Dhanurmandalsansthaay Namah
- ॐ धनदाय नमः ॥ Om Dhandaay Namah
- ॐ धनुष्मते नमः ॥ Om Dhanushmate Namah
- ॐ तनुप्रकाशदेहाय नमः ॥ Om Tanuprakaashdehaay Namah
- ॐ तामसाय नमः ॥ Om Taamasaay Namah
- ॐ अशेषजनवन्द्याय नमः ॥ Om Asheshjanvandhaay Namah
- ॐ विशेशफलदायिने नमः ॥ Om Visheshfaldaayine Namah
- ॐ वशीकृतजनेशाय नमः ॥ Om Vashikritjaneshaay Namah
- ॐ पशूनां पतये नमः ॥ Om Pashunaam Pataye Namah
- ॐ खेचराय नमः ॥ Om khecharaay Namah
- ॐ खगेशाय नमः ॥ Om Khageshaay Namah
- ॐ घननीलाम्बराय नमः ॥ Om Ghannilaambraay Namah
- ॐ काठिन्यमानसाय नमः ॥ Om Kathinymaanasaay Namah
- ॐ आर्यगणस्तुत्याय नमः ॥ Om Aaryganstutyaay Namah
- ॐ नीलच्छत्राय नमः ॥ Om Nilchchatraay Namah
- ॐ नित्याय नमः ॥ Om Nityaaya Namah
- ॐ निर्गुणाय नमः ॥ Om Nirgunaay Namah
- ॐ गुणात्मने नमः ॥ Om Gunaatmane Namah
- ॐ निरामयाय नमः ॥ Om Niraamayaay Namah
- ॐ निन्द्याय नमः ॥ Om Nindhaay Namah
- ॐ वन्दनीयाय नमः ॥ Om Vandaniiyaay Namah
- ॐ धीराय नमः ॥ Om Dhiraay Namah
- ॐ दिव्यदेहाय नमः ॥ Om Divydehaay Namah
- ॐ दीनार्तिहरणाय नमः ॥ Om Dinaartiharnaay Namah
- ॐ दैन्यनाशकराय नमः ॥ Om Dainyanaashkaraay Namah
- ॐ आर्यजनगण्याय नमः ॥ On Aaryjanganyaay Namah
- ॐ क्रूराय नमः ॥ Om Kruraay Namah
- ॐ क्रूरचेष्टाय नमः ॥ Om Krurcheshtaay Namah
- ॐ कामक्रोधकराय नमः ॥ Om Kaamkrodhkaraay Namah
- ॐ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः ॥ Om Kalatraputrashatrutvakaaranaay Namah
- ॐ परिपोषितभक्ताय नमः ॥ Om Pariposhitbhaktaay Namah
- ॐ परभीतिहराय नमः ॥ Om Parbhitiharaay Namah
- ॐ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः ॥Om Bhaktsanghmano Abhishtfaldaay Namah
उपर्युक्त शनिदेव के 108 नाम का नियमित जप करने से शनिदेव के कारण होने वाली सभी समस्या का समाधान हो जाता है । जो व्यक्ति इसका पाठ करता है उसके रुके हुए सभी कार्य होने लगते है साथ ही उसे मान सम्मान , यश , वैभव, शांति तथा मनोवांछित धन की प्राप्ति होती है इसमें किंचित सन्देह नहीं है।