प्रश्न कुंडली | क्या प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी ?
प्रश्न कुंडली | क्या प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी ? ज्योतिष में प्रश्न कुंडली का विशेष महत्त्व है। प्रश्न कुंडली के माध्यम से किसी भी प्रश्न का उत्तर तत्क्षण दिया जाता है। जातक जो भी प्रश्न करता है क्या उसमे पूर्ण सफलता मिलेगी या आंशिक मिलेगी या सफलता मिलेगी हीं नहीं। दिनांक 04/02/2019 को विद्यालय के कुछ बच्चे केंद्रीय स्तर पर होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए जा रहे थे। विद्यार्थियों की तैयारी बहुत अच्छी थी उन्होंने बहुत ही मेहनत किया था। छात्रों की तैयारी कराने वाले अध्यापक मुझे जानते थे उन्होंने अचानक मुझसे प्रश्न किया डॉ साहब क्या प्रतियोगिता में मेरे छात्रों का कोई स्थान प्राप्त होगा। वास्तव में किसी प्रश्न का उत्तर हां या ना में देना न ही सहज है और न ही सरल होता है ज्योतिषियों के लिए वह समय अत्यंत ही चुनौती भरा होता है।
प्रश्न का उत्तर तो नकारात्मक था किन्तु सीधे तौर पर ऐसा कहना उचित नहीं था क्योकि ऐसा बोलने पर बच्चों का उत्साह समाप्त हो जाता और प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन नही करते अतः यह कहा गया की परिणाम अचंभित करने वाला होगा।
प्रश्न का तिथि, समय और स्थान निम्न प्रकार से है —
दिनांक – 04 : 02 : 2019
समय – 09 :15 :47
स्थान – दिल्ली
पृष्ट प्रश्न के समय के अनुसार जब कुंडली बनाई गई तब उस समय उदित लग्न मीन राशि आयी । मीन राशि द्विस्वभाव राशि कहलाती है साथ ही मीन राशि उभयोदय राशि भी कहलाती है और शास्त्रानुसार इस राशि में यदि कोई प्रश्न करता है तो उसका फल मिश्रित होता है या अत्यंत कष्ट से कार्यो में सफलता मिलती है या परिणाम में बाधा आ सकता है ऐसा समझना चाहिए।
वहीँ लग्न द्विस्वभाव राशि का है परन्तु 6:02 डिग्री का है अतः इसे स्थिर लग्न ही समझना चाहिए। इस प्रकार यदि स्थिर राशि में पाप ग्रह बैठा है तो अशुभ फल प्राप्त होता है यहाँ मंगल लग्न में बैठकर शत्रु ( अर्थात अन्य विद्यालय से आये हुए प्रतियोगी छात्रों का दल) के घर को देख रहा है। शत्रु के घर पर दृष्टि डालकर मंगल प्रतिद्वंदी को विजय प्रदान कर रहा है।
लग्न का स्वामी गुरु अपने मित्र राशि में बैठकर पंचम दृष्टि से लग्न को देख रहा है। लग्नेश और भाग्येश में परिवर्तन योग भी है। केंद्र में दो पाप ग्रह मंगल और शनि अशुभ फल देने में सक्षम है। शनि चतुर्थ दृष्टि से लग्न को देख रहा है। चन्द्रमा अशुभ राशि तथा ग्रह केतु, सूर्य और बुध के साथ बैठा है। इस कुंडली में लग्नेश गुरु और सप्तमेश बुध का इत्थशाल है।
नवांश में लग्नेश गुरु शनि की राशि तथा सप्तम भाव में बैठा है। कुल मिलाकर प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन होने के बावजूद भी कोई भी स्थान प्राप्त नहीं हुआ। केंद्र में पाप ग्रह तथा चन्द्रमा का पाप ग्रहों के साथ युति शुभ परिणाम नहीं दे सका।
3 Comments
sir meri shadi kab hogi? plz plz plz meri help kariyena. ab muje koi rasta nahi suj raha hai.
muje kabhi kabhi lagta hai ki ab meri shadi kabhi hogi hi nhi. kya meri kismat me shadi ke yog nahi hai sirji?
Birth Date: 17 April 1990
Birth Time: 4:00 PM
Birth Place: Morbi Gujrat
plz reply kariye.
sir ji plz reply kariyana plz plz plz plzzzzz
me apse hath jodke request karti hu plz.