पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से संतान एवं धन सुख प्राप्त होता है

पंचमुखी रुद्राक्ष सर्वगुणों से संपन्न है इसके धारण करने से संतान एवं धन सुख प्राप्त होता है। वस्तुतः यह रुद्राक्ष सभी रुद्राक्षों में सर्वाधिक शुभ तथा पुण्य प्रदान करनेवाला माना गया है। महादेव शिव के पांच देव रूप है यथा –

  1. सद्योजात
  2. ईशान
  3. तत्पुरुष
  4. अघोर
  5. वामदेव

कहा जाता है कि ये पांचो देवरूप पंचमुखी रुद्राक्ष में निवास करते हैं। यही कारण है कि मातारूपी भूमि पर पंचमुखी रुद्राक्ष सर्वाधिक मात्रा में पाया जाता है तथा इसका प्रचार-प्रसार भी प्रायः सभी क्षेत्रों में हुआ है।

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पंचमुखी रुद्राक्ष क्यों धारण करना चाहिए ?

कालाग्नि नाम से विख्यात यह रुद्राक्ष साक्षात रूद्र-स्वरूप ही है।पंचमुखी रुद्राक्ष में पञ्च देवों के निवास होने के कारण इसको शिव का आत्म-स्वरूप भी कहा जाता है। जो कार्य सैद्धांतिक तथा व्यावहारिक रूप से नहीं करना चाहिए फिर भी मनुष्य अपने आप को नहीं रोक पाता है और अकरणीय  कार्य करता है (अर्थात अग्मयगमन तथा अभक्ष्यभक्षण कार्य ) जिससे मनुष्य जाने या अनजाने में पाप का भागी बनता है वैसे पुरुष को अवश्य ही पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए क्योंकि इसके धारण मात्र से ही सभी पाप नष्ट हो जाते है। इसके धारण से शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक शक्ति की वृद्धि होती है फलस्वरूप मनुष्य आनंद को भी प्राप्त करता है।

पंचमुखी रुद्राक्ष और ज्योतिष

पंचमुखी रुद्राक्ष साक्षात् रूद्र का रूप है। इसका अधिपति ग्रह वृहस्पति है।वृहस्पति ग्रह की प्रतिकूलता के निवारण के लिए इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए। यह पोखराज रत्न  से भी अधिक प्रभावशाली है। इसे धारण करने से शीघ्र ही निर्धनता, दाम्पत्य सुख में कमी, जांघ व कान के रोग, मधुमेह जैसे रोगों का निवारण होता है। पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने वालों को सुख, शांति तथा  प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है। ह्रदय रोगियों के लिए तो यह रामबाण ही है। इससे आत्मविश्वास, मनोबल तथा ईश्वर के प्रति श्रद्धा बढ़ती है।

मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु तथा मीन वाले जातक  को अवश्य ही धारण करना चाहिए।

पंचमुखी रुद्राक्ष धारण विधि तथा मन्त्र

पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए नित्य क्रिया से निवृत्त होकर शुद्ध जल से स्नान करना चाहिए तदुपरांत गृह में स्थित मंदिर में विधिपूर्वक विनियोग, ऋष्यादिन्यास,करादिन्यास, हृदयादिन्यास  तथा ध्यान करना चाहिए उसके बाद पंचमुखी रुद्राक्ष के लिए निर्धारित मन्त्र का जप करना चाहिए।

प्रायः सभी पुराणों में मन्त्र भिन्न-भिन्न दिया गया है यथा —

पद्म पुराणानुसार :- ॐ हूं नमः।

शिवमहापुराण :- ॐ ह्रीं नमः।

मन्त्रमहार्णव :- ॐ हूं नमः।

परम्परानुसार :- ऊँ ह्रां आं क्ष्म्यौ स्वाहा।

इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार (एक माला) करना चाहिए तथा इसको सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।

31 Comments

  1. नमस्कार सर
    मै आपसे यह पुछना चाहता हूॅ की ।हमने दो रुद्राक्ष एक सात धारण किए तो चलते है क्या
    मतलब एक रूद्राक्ष पाच मुखी और एक रुद्राक्ष चार मूखी कृपया हमः इस शंका का समाधान करे
    प्रणाम गुरूजी

  2. श्रीमान् हमें यह बताइए हमने गले में पन्चमुखि रुद्राक्ष धारण किया है वो भी एक ही है लेकिन हमने सुना है कि तीन या चार दाने पहने चाहिए

    श्

  3. Sir mere life me bahut problem chal rhi h pls suggest me DoB 1dec1986 time4am day_Wednesday

  4. Kya female bhi panchmukhi rudraksh dharan kar sakti hai agar hai to kitana Dana Aur kaha dharan karana hai.

  5. मेरा नाम सुरेश चौधरी है में 5 मुखी रुद्राक्ष पहन सकता हूं कि नहीं

  6. मेरा नाम सुरेश चौधरी है क्या मैं5 मुखी रुद्राक्ष पहन सकता हूं

  7. पंचमुखी रुद्राक्ष आप धारण कर सकते है इस शिव फल से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होगी।

  8. पंच मुखी रुद्राक्ष पहन से पहले उसको कैसे प़वीऋ करु ओर पहनते वक्त कोन से मंत्र का जप करू

  9. Kya rudraksha Ko Dharan karne ke Baad ghrasth ke sabhi niyamo ka paaln Kiya ja sakta hai, es me koi nniyam bandhan to nahi hai??

  10. गुरू जी मै पंचमुखी रूद्राक्ष को दाहीना भुजा में धारण कर सकता हूँ। दया कर बताने का कष्ट करें।

  11. गुरू जी प्रणाम मै पंचमुखी रूद्राक्ष दाहिना भुजा मेँ धारण कर सकता हूँ या नहीँ कृप्या बताने का कष्ट करेँ।

  12. गुरूजी प्रणाम मैं पंचमुखी रूद्राक्ष को लाल धागे में पिरो कर धारण कर सकता हूँ या नहीं और इस रूद्राक्ष को आपके यहाँ से या बाजार से खरीदू।

  13. गुरूजी प्रणाम मै पंचमुखी रूद्राक्ष लाल धागे में पिरो कर धारण कर सकता हूँ या नहीं इसे आपके यहाँ से या कही बाजार से ले लूँ।

  14. गुरु मे पँच मुखी रूद्राक्ष पहन सकता हु कया

  15. Sir. Mere paas 1 hi panchmukhi rudraksh h isko pehna jaa sakta h ya nahi or ha to kaise?

  16. पंचमुखी रुद्राक्ष पहने हुए
    हम आंघोळ करू शकतो का
    कि रुद्राक्ष काढून
    आंघोळ करा लागेल

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