जयंती योग का पुत्र कृष्ण जैसा होगा | Jyanti yoga
जयंती योग का पुत्र कृष्ण जैसा होगा | Jyanti yoga ऐसा विद्वानो का मत है। इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 23 और 24 अगस्त 2019 को “जयंती नामक योग” में होगा। भाद्रपद अष्टमी अर्थात श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishn Janmashtami) के दिन यदि रोहिणी नक्षत्र हो तो जयंती योग का निर्माण होता है। जयंती योग तभी हो सकता है जब अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र हो, बिना अष्टमी के जयन्ती योग नहीं हो सकता। प्राचीन काल से ही अष्टमी में रोहिणी नक्षत्र के बिना भी व्रत किया जाता रहा है परन्तु बिना योग-तिथि के रोहिणी नक्षत्र में किसी प्रकार के व्रत का कोई विधान नहीं है। अतः स्पष्ट है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन यदि रोहिणी नक्षत्र है तो वह जयंती योग कहलाती है कहा भी गया है – रोहिणी गुणविशिष्टा जयंती।।
वर्ष 2019 में रोहिणी नक्षत्र रात्रि के 28. 17 घंटे तक है और वृष राशि का चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन है इस कारण श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस साल जयंती योग के रूप मनाई जाएगी। वैष्णवी जन इसी तिथि को जन्मोत्सव मनाएंगे।
अन्यत्र “विष्णु रहस्य” के अनुसार —
अष्टमी कृष्णपक्षस्य रोहिणीऋक्षसंयुता। भवेत्प्रौष्ठपदे मासि जयंती नाम सा स्मृता।
अर्थात भाद्रपद महीना में कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र हो तो वह जयंती योग के नाम से जानी जाती है। यह दिन तथा योग अत्यंत शुभ मानी जाती है। जयंती योग में यदि आपके घर में पुत्र का जन्म होता है तो वह भगवान श्री कृष्णजी जैसा होगा क्योकि इसी योग में श्रीकृष्णजी का जन्म हुआ था। वह परिवार तथा समाज में प्रतिष्ठित होगा, एक नई मिशाल कायम करेगा। वह अनेको में एक होगा। कहा भी गया है वरं एको गुणी पुत्रों मूर्खो शतान्यपि अर्थात सैकड़ो मुर्ख पुत्र से अच्छा एक ही गुणी पुत्र हो वस्तुतः यह बालक सर्वगुण सम्पन्न लब्धप्रतिष्ठित विद्वान होगा। उसके द्वारा किया गया कार्य इतिहास के स्वर्णाक्षरों में लिखा जा सकता है।
जन्माष्टमी मुहूर्त विचार 2019
वर्ष 2019 में 23 अगस्त को सप्तमी प्रातः 8 बजकर 9 मिनट तक ही है। इसके बाद अष्टमी तिथि प्रारम्भ हो जायगी जो दूसरे दिन अर्थात 24 तारीख को प्रातः 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। उसके बाद चन्द्रमा सम्पूर्ण दिन रोहिणी नक्षत्र में ही रहेगा ।