गुरु गोचर का षष्ठ भाव में फल | Jupiter transit effects in sixth house
गुरु गोचर का षष्ठ भाव में फल | Jupiter transit effects in sixth house बृहस्पति का विभिन्न भाव में गोचर का प्रभाव भिन्न-भन्न रूप में पड़ता है। ज्योतिषशास्त्र ( Astrology ) में गुरु सबसे शुभ ग्रह है। गुरु की दृष्टि को अमृत तुल्य कहा गया है। देवगुरू बृहस्पति ज्ञान, संतान धन एवं धर्म के भी कारक हैं। गोचरवश बृहस्पति एक राशि में लगभग 13 महीने तक भ्रमण करते हैं। गुरू गोचर का शुभाशुभ फल जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर मिलता है।
व्यक्ति की जन्म राशि अर्थात् जन्मकालीन चंद्रमा जिस राशि में स्थित होते हैं, गोचर में बृहस्पति उस राशि से दूसरे, पाँचवें, सातवें, नवें, तथा ग्यारहवें भाव में जब-जब संचार करते हैं, तब-तब बृहस्पति शुभफल प्रदान करते हैं तथा इनके अतिरिक्त बृहस्पति का अन्य भावों से गोचर शुभफल देने वाला नहीं माना जाता है। यहाँ पर लग्न के आधार पर गुरु/वृहस्पति के गोचर का फल कथन किया गया है।
आइये जानते है कि बृहस्पति/ गुरु का जन्मकुंडली में जन्म लग्न ( Ascendant ) से गोचर का फल जीवन के विभिन्न क्षेत्रों ज्ञान, संतान, धन, भाई-बंधू, माता-पिता, परिवार, शिक्षा, व्यवसाय, वैवाहिक जीवन इत्यादि पर कितना प्रभाव पड़ेगा।
जाने ! गुरु गोचर में किस भाव में है
लग्न वा राशि | 22 अप्रैल 2023 से 31 अप्रैल 2024 तक मेष राशि में | 01 मई 2024 से 13 मई 2025 तक वृष राशि में | 14 मई 2025 से 2 जून 2026 तक मिथुन राशि में | 03 जून 2026 से 25 जून 2027 तक कर्क राशि |
मेष | प्रथम भाव | द्वितीय भाव | तृतीय भाव | चतुर्थ भाव |
वृष | द्वादश भाव | प्रथम भाव | द्वितीय भाव | तृतीय भाव |
मिथुन | एकादश भाव | द्वादश भाव | प्रथम भाव | द्वितीय भाव |
कर्क | दशम भाव | एकादश भाव | द्वादश भाव | प्रथम भाव |
सिंह | नवम भाव | दशम भाव | एकादश भाव | द्वादश भाव |
कन्या | अष्टम भाव | नवम भाव | दशम भाव | एकादश भाव |
तुला | सप्तम भाव | अष्टम भाव | नवम भाव | दशम भाव |
वृश्चिक | छठा भाव | सप्तम भाव | अष्टम भाव | नवम भाव |
धनु | पंचम भा | छठा भाव | सप्तम भाव | अष्टम भाव |
मकर | चतुर्थ भाव | पंचम भाव | छठा भाव | सप्तम भाव |
कुम्भ | तृतीय भाव | चतुर्थ भाव | पंचम भाव | छठा भाव |
मीन | द्वितीय भाव | तृतीय भाव | चतुर्थ भाव | पंचम भाव |
षष्ठ भाव में गुरु गोचर का फल | Transit of Jupiter in sixth house
गोचर में गुरु जब छठे भाव से भ्रमण करता है तब यह गोचर नौकरी के लिए शुभ फल प्रदान करता है। यदि आप छात्र है तो प्रतियोगिता से लाभ मिलेगा। आपको यदा-कदा स्वास्थ्य सम्बन्धी कुछ परेशानी हो सकती है। मानसिक तौर पर भी इस गोचर का मिला जुला प्रभाव रहेगा। आप अपनी परिश्रम तथा जज्बा से व्यापार एवं नौकरी के क्षेत्र में बेहतर स्थिति बना पाएंगे।
यदि आप विदेश जाने के इच्छुक है तो आपको तन मन धन से इसके लिए प्रयत्न शुरू कर देना चाहिए। विदेश यात्रा का लाभ मिल सकता है। शत्रु पक्ष आपके ऊपर हावी नहीं होंगे। आर्थिक लाभ की स्थिति बानी रहेगी। आय में वृद्धि होगी परन्तु खर्च में कमी नहीं होगी। अतः आय और व्यय का सामंजस्य बना कर रखने में ही बुद्धिमानी होगी। आपकी पत्नी की हाथ से शुभ कार्य में व्यय होगा।