उपच्छाया चन्द्रग्रहण 23 मार्च 2016 को है
उपच्छाया चन्द्रग्रहण 23 मार्च 2016 को है । चन्द्र उपच्छाया ग्रहण वास्तव में चंद्र-ग्रहण नहीं होता। प्रत्येक चंद्रग्रहण के घटित होने से पहले चन्द्रमा पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करता है और चन्द्र के इस प्रवेश काल को चन्द्रमालिनी या पेनुम्ब्रा कहा जाता है। उसके बाद चन्द्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है तभी उसे वास्तविक ग्रहण कहा जाता है। वस्तुतः भूभा (Bhubha) में चन्द्रमा के संक्रमणकाल को ही चंद्रग्रहण कहा जाता है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि कई बार पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा उपच्छाया में प्रवेश करके उपच्छाया शंकु से ही बाहर निकल जाता है। इस समय चन्द्रमा का बिम्ब केवल धुंधला पड़ता है पूर्णतः काला नहीं होता तथा इस धुंधलेपन को साधारण नंगी आँख से देख पाना भी संभव नही होता। यही कारण है कि धर्मशास्त्रकारो ने इस प्रकार के उप-ग्रहणों में चन्द्रबिम्ब पर हल्का छाया आने के कारण उन्हे ग्रहण की कोटि में नहीं रखा जाता है। यह भी सत्य है कि चंद्रग्रहण होने से पहले तथा बाद में चन्द्रमा पृथ्वी क़ि इस उपच्छाया से गुजरता है जिसे ग्रहण काल नहीं कहा जाता है।
उपच्छाया चंद्रग्रहण 2016 पूर्णतः न होकर आंशिक होने के कारण धार्मिक संस्कार के लिये मान्य नहीं होगा। इसी कारण चंद्रग्रहण देखने वाले खगोल-शास्त्रियों के लिये भी बहुत खास नहीं होगा।
2016-2017 में होने वाला उपच्छाया चन्द्रग्रहण
उपच्छाया चन्द्रग्रहण 23 मार्च 2016 कहाँ कहाँ दिखेगा
यह उपच्छाया चन्द्र ग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, उत्तर अमेरिका एवं दक्षिण अमेरिका के अधिकतम क्षेत्रों में तथा एशिया में दिखाई देगा।
यद्दपि यह ग्रहण भारत, पाकिस्तान और नेपाल में भी दिखाई देगा किन्तु चन्द्र ग्रहण के समय किये जाने वाले सभी धार्मिक संस्कारों का पालन नहीं होगा।
उपच्छाया चन्द्रग्रहण का समय
उपच्छाया चन्द्रग्रहण 23 मार्च 2016 आंशिक रूप से समाप्ति काल के समय भारत में देखा जा सकेगा। इसके स्पर्शादि काल भारतीय मानक समय के अनुसार निम्नप्रकार से है। —-
उपच्छाया चन्द्रग्रहण अवधि