हथेली में स्थित स्वास्थ्य और जीवन रेखा का अध्ययन | Health and Life Line Study
हथेली में स्थित स्वास्थ्य और जीवन रेखा का अध्ययन | Health and Life Line Study हथेली की रेखा हमारे विषय में सब कुछ बतलाती है केवल जरुरत है सूक्ष्मतापूर्वक ध्यान देना । आप का जीवन कैसा होगा ? आपको स्वास्थ्य सुख मिलेगा या नहीं ? इन सब की जानकारी हमारे हथेली में स्थित रेखा बता देती है। जिस व्यक्ति के हाथों में जीवन रेखा लंबी हो उसकी आयु अधिक होती है। लेकिन वहीं यदि व्यक्ति के हाथों में स्वास्थ्य रेखा दोष पूर्ण होती है तो वह व्यक्ति हमेशा बीमारी की चपेट में रहता है।
हस्त रेखा विज्ञान में स्वास्थ्य रेखा का काफी ज्यादा महत्व होता है। हस्तरेखाओं के माध्यम से हम सहज ही यह जान सकते हैं की भविष्य में हमारा स्वास्थ्य कैसा रहने वाला है। हमारे हथेली के विभिन्न भागों से स्वास्थ्य से संबंधी जानकारी मिलती है आज हम उसे जाने का प्रयास करेंगे।
Health and Life Line | हथेली पर कहां होती है स्वास्थ्य रेखा ?
किसी भी व्यक्ति की हथेली में जीवन रेखा तथा बुध पर्वत से प्रारम्भ होने वाली रेखा स्वास्थ्य रेखा मानी जाती है। हथेली में जो उंगली सबसे छोटी होती है उसके नीचे का स्थान बुध पर्वत कहलाता है। जिस व्यक्ति के हाथों में यह पर्वत कमजोर होता है उसके जीवन में कोई न कोई बीमारी होती रहती है। जीवन रेखा गुरु तथा अंगूठे के मध्य से प्रारम्भ होकर हथेली के मणिबंध तक जाती है।
हथेली में स्थित पर्वतों का स्वास्थ्य पर प्रभाव
हथेली में स्थित जीवन रेखा का संबंध स्वास्थ्य से होता है यदि जीवन रेखा दूषित हो, कमजोर हो या टूटी-फूटी हो इत्यादि तब यह अवश्य समझ लेना चाहिए की आपका स्वास्थ्य खराब होगा या रहता होगा। साथ ही यदि हथेली में स्थित विभिन्न पर्वतों से सम्बन्ध बनता है तो उस पर्वत से सम्बन्धित बिमारी का संकेत करता है।
Health and Life Line | स्वास्थ्य रेखा पर दोष और उसका परिणाम
- यदि किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य रेखा अनेक स्थानों पर टूटी और मिटी हुई दिखाई दे रही है तो व्यक्ति हमेशा बीमार रहेगा।
- यदि आपकी स्वास्थ्य रेखा जंजीर के समान है तो यह स्थिति आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।
- यदि स्वास्थ्य रेखा गहरी है तो इसका मतलब आपकी पाचन शक्ति, मन- मस्तिष्क एवं स्मृति तेज होती है।
- जिनके हथेली में स्वास्थ्य रेखा लहरदार होती है वैसा व्यक्ति ज्वर, पीलिया मलेरिया, यकृत, मानसिक पीड़ा, आंत के रोग, पथरी या अल्सर से पीड़ित होता है।
- जिस व्यक्ति की हथेली में स्वास्थ्य रेखा द्वीप के रुप में समाप्त होती है उन्हें छाती और फेफड़े से संबंधित रोग होने की आशंका रहती है।
- हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार अगर स्वास्थ्य रेखा को कोई तिरछी रेखा आकर काट रही हो तब व्यक्ति को अधिक सावधान रहना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को भयंकर दुर्घटना का सामना करना पड़ता है।
- स्वास्थ्य रेखा पर तारे का चिन्ह बना होना अशुभ फलदायी होता है। ऐसे व्यक्ति को यात्रा के समय और वाहन चलाते हुए अधिक सतर्क रहना चाहिए क्योंकि ऐसे व्यक्ति की मृत्यु यात्रा के दौरान होने की आशंका रहती है।
- यदि आपके हथेली में जीवन रेखा पर बिन्दीनुमा गड्डा है और वह कई स्थान पर है तो जितने स्थान पर बिंदु होगी उतनी बार बीमार होने का संकेत समझना चाहिए।
- यदि जीवन रेखा दो भागों में टूटी हुई है और वह रेखा शुक्र पर्वत की ओर जा रही है तो यह जीवन के लिख संकटकारी माना गया है।
- यदि स्वास्थ्य रेखा में मस्तिष्क रेखा के समीप कोई द्वीप हो, तो नाक और गले के रोग होते हैं।
- यदि आपकी हथेली पर बनी हृदय रेखा टूट रही हो या नाखूनों पर खड़ी रेखाएं बन गई हों तो ऐसे व्यक्ति को हृदय संबंधी बिमारी होती है। ऐसे लोगो के रक्त शोधन में अथवा रक्त संचार में व्यवधान पैदा होता है।
- यदि स्वास्थ्य रेखा हृदय रेखा से शुरू होकर जीवन रेखा को काट दे तो व्यक्ति को हृदय संबंधी घातक बीमारी हो सकती है।
- यदि मस्तिष्क रेखा पर द्वीप समूह या पूरी मस्तिष्क रेखा पर बारीक-बारीक लाइनें हो तो ऐसे जातक को कैंसर की पूरी आशंका रहती है।
- यदि मंगल ग्रह के पर्वत पर अधिक रेखाएं हैं तो पेट संबंधित अथवा रक्त संबंधित रोग होने की आशंका रहती है।
- यदि मंगल पर्वत पर अधिक रेखाएं बनी है तो पेट संबंधित अथवा रक्त संबंधित बिमारी होने की सम्भावना बनी रहती है।
- यदि मंगल पर्वत से निकली रेखा मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा को पार करके शनि पर्वत तक पहुंच जाती है तो कोई न कोई रोग उत्पन्न होने की संभावना बढ़ जाती है।
- यदि आपि मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत पर चली जाती है और अन्य रेखाओं की तुलना में अधिक पतली हो तो उच्च रक्तचाप अथवा पेट से संबंधित समस्या होने की संभावना रहती है।
- शनि पर्वत पर जंजीर नुमा रेखाएं हों और मंगल पर्वत पर भी अधिक रेखाएं हो तो व्यक्ति को गठिया रोग होने सम्भावना रहती है।
- मंगल तथा शनि दोनों पर्वत पर क्रॉस बना है तो बवासीर बिमारी हो सकती है।
- यदि मंगल पर्वत से निकली हुई रेखाएं जीवन रेखा को काटती हुई शनि पर्वत तक जाए तो व्यक्ति को चोट अथवा एक्सीडेंट का भय रहता है।
- यदि किसी महिला हथेली में जीवन रेखा टूटी-फूटी हो तो उसको मासिक धर्म तथा गर्भाशय संबंधित रोग होने की संभावना ज्यादा होती है।
- यदि शनि पर्वत पर जाल बना हुआ हो तो व्यक्ति में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ाती है
- यदि चंद्र पर्वत के नीचे वाले भाग पर क्रॉस ( X ) या आड़ी रेखाएँ ( / ) हों तब नाभि अंग से सम्बन्धित समस्याओं का सामना करना पर सकता है।
- यदि चंद्र पर्वत के बीच भाग पर दोष हो यथा रेखाएं टूटी हो या हल्की हो तब पेट से सम्बन्धित रोग हो सकता हैं।
- यही दोष चंद्र पर्वत के ऊपरी भाग पर हो तो गले व छाती से सम्बन्धित रोग हो सकते हैं। यदि चंद्र पर्वत पर स्टार बना हो तब व्यक्ति को मानसिक रोग से ग्रसित होने की प्रबल संभावना रहती है।
- यदि हथेली में सूर्य पर्वत पर या उसके नीचे द्वीप बना हो तब नेत्र संबंधी रोग हो सकते हैं साथ ही व्यक्ति को पिता का गम भी सहना पर सकता है।
- हथेली में जीवन रेखा दूषित हो और मंगल पर्वत विकसित हो तब व्यक्ति को पक्षाघात अथवा स्नायु मंडल से संबंधित रोग होने की संभावना रहती है।
- हथेली में स्थित गुरु पर्वत विकसित हो परन्तु जीवन रेखा दूषित अवस्था में हो तब व्यक्ति को पेट से सम्बन्धित संबंधी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- शनि पर्वत पर यदि कहीं दोष बन रहा हो तब व्यक्ति को हड्डी तथा दाँत से सम्बन्धित रोग होती है। साथ ही जातक को वात संबंधी रोग हो सकते हैं। अंगूठे तथा अंगुलियों का स्वास्थ्य पर प्रभाव
- यदि हाथ की रंगत फीकी हो और हाथ ठंडा भी रहता हो तब व्यक्ति को एनीमिया हो सकता है।
- अंगूठा घुमाने पर पूरी तरह से पीछे की ओर मुड़ता हो या अंगुलियाँ लचीली हों तब व्यक्ति को स्नायुमंडल से सम्ब्नधित रोग होने का खतरा बना रहता है।
अंगुलियों के पोरों पर स्थित चिन्ह के आधार पर स्वास्थ्य
- अंगुलियों के पोरों पर जो चिन्ह बने होते हैं उसका संबंध भी स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। यदि अंगुलियों के प्रथम पोरों पर चक्र की आकृति अधिक बनी हो तब व्यक्ति को हृदय आघात की सम्भावना रहती है।
- यदि अंगुलियों के पोरों पर मेहराब की संख्या अधिक है तो वैसे व्यक्ति को नर्वस सिस्टम से सम्बन्धित रोग होने के चांस होती है। यदि पोरों पर लूप बने हो या दोहरे लूप बने हो तब भी नर्वस सिस्टम को लेकर कोई न कोई परेशानी आ सकती है।
Health and Life Line | हथेली का रंग और स्वास्थ्य
किसी भी व्यक्ति के हथेली में उपस्थित रंगों में परिवर्तन वस्तुतः आने वाली परस्थितियों के बारे में सूचना प्रदान करता है। इस कारण इसे अनदेखी नहीं करनी चाहिए, इसके बारीकियों को समझकर यथा शीघ्र समस्या से बचने का उपाय करना चाहिए।
पीली हथेलियां वाले व्यक्ति
किसी व्यक्ति की हथेली का रंग पीला होना शरीर में पित्तदोष का संकेत देता है ऐसे व्यक्ति में स्वास्थ्य से सम्बन्धित परेशानी बनी रहती है। ऐसे व्यक्ति प्रायः बीमार रहता हैं। शरीर में रक्त की कमी होने वाली है ऐसा समझना चाहिए । आपके स्वभाव में चिड़चिड़ापन बढ़ेगा। ऐसा व्यक्ति तुरंत थक जाता है तथा उसे अपने आप में मह्सुश होता है की मेरे में उर्जा की कमी हैं। ऐसे व्यक्ति को नकारात्मक सोच के कारण मानसिक परेशानी झेलना पड़ता है। इनकी पाचन क्षमता भी कमज़ोर होती है अतः इन्हे विशेष रूप से खान-पान का ध्यान रखना चाहिए।
नीली हथेलियों वाले व्यक्ति
जिस व्यक्ति के हथेली का रंग नीला दिखता है वैसे जातक के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी होती है। इस कारण उनके अंदर कोई न कोई बीमारी बनी रहती है। ऐसे जातकों को हृदय एवं छाती से संबंधी बीमारी होने की सम्भावना रहती है। ऐसे लोग किसी नशीली चीज के आदी होते हैं। जातक के अंदर आलस्य की भावना बढ़ने लगती है। शरीर में रक्त संचार ठीक से नहीं हो पाती है।
काली हथेलियों वाले व्यक्ति
जिन व्यक्ति की हथेली का रंग काला होता है वैसा व्यक्ति शीघ्र ही रोग से ग्रसित हो जाते हैं। इनके स्वास्थ्य पर बदलते मौसम का बहुत जल्दी प्रभाव पड़ता है। ऐसा व्यक्ति बहुत जल्द वृद्ध दिखाई देने लगते हैं। ऐसा व्यक्ति ड्रगिस्ट हो सकता है। इनका नर्वस सिस्टम भी कमजोर होता है।
हथेली का रंग गुलाबी
हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार जब हथेली का रंग गुलाबी और चित्तीदार होता है इसका मतलब है कि आपका स्वास्थ्य सामान्य है। यह भी बताता है कि आप आशावादी और खुशमिज़ाज हैं।
लाल हथेलियों वालें व्यक्ति
जिस व्यक्ति की हथेली का रंग लाल होता है वैसा व्यक्ति बहुत ही गुस्से वाला होता है उसे क्रोध जल्दी आता है। उसे ब्लड प्रेशर की बिमारी हो जाती है। इन्हे लीवर की समस्या भी आ सकती है। यदि जातक की हथेली रक्त रंग का हो या गर्म हो तब व्यक्ति को मधुमेह से सम्बन्धित बिमारी हो सकती है।
नाखूनों का पीलापन
यदि आपके नाखूनों में पीलापन है और उन्हें दबाने के तुरंत बाद ही सफेद हो जाता हैं तो यह समझना चाहिए कि आपको एनीमिया हो गया है या होने वाला है। आइरन की कमी की वजह से आपके खून में रेड ब्लड सेल्स नहीं बनते, जिसकी वजह से नाखून पीले पड़ गए हैं।