जानें! चंद्र ग्रहण 2025 कब है तथा उसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

जानें! चंद्र ग्रहण 2025 कब है तथा उसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

जानें! चंद्र ग्रहण 2025 कब है तथा उसका विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? आइये जानते है यह चंद्रग्रहण कब दिखाई देनेवाला है। चंद्रग्रहण 2025 (Lunar Eclipse 2025) 7/8 सितंबर को भारत में खग्रास रूप में दिखाई देगा। भारत के सभी नगरों / ग्रामों में 7 सितंबर को 6:30 से 7:00 बजे तक चंद्रोदय हो जाएगा तथा यह चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात्रि 9:57 से प्रारंभ होकर रात्रि 25:26 पर समाप्त होगा भारत के सभी नगरों में इसका प्रारंभ मध्य तथा मोक्ष रूप में देखा जा सकेगा.

चंद्रग्रहण 7/8 सितम्बर 2025 (Lunar Eclipse 7/8 September  2025)  को भारत में दिखाई देनेवाला खग्रास चंद्रग्रहण का पूर्ण विवरण निम्न प्रकार से है:-:-

चंद्रग्रहण प्रारम्भ (स्पर्श)  –           21:57

खग्रास प्रारम्भ –                           23:01   

चंद्रग्रहण मध्य (परमग्रास)  –        23:42

खग्रास समाप्त   –                         24:23

चंद्रग्रहण(मोक्ष) समाप्त –              25:26

चंद्रमालिन्य का आरम्भ –              20:58

चन्द्रकान्ति निर्मल –                      26:25

पर्वकाल   –                                  3 घंटा 29 मिनट

दिल्ली का चंद्रोदय समय –            18:39

दिल्ली का पर्व काल –                    0:36

ग्रहण का सूतक काल

इस ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12 : 45 मिनट से ही प्रारम्भ हो जायेगा सामान्यतः चंद्रग्रहण का सूतक  स्पर्श से ८ घंटे पहले माना जाता है। ग्रहण मोक्ष चन्द्र बिम्ब के दर्शन एवं तर्पण के उपरांत ही सभी धार्मिक कार्य करना चाहिए।

7 सितंबर 2025 को पड़ने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण, जो भारत में दिखाई देगा, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है। इस दौरान सूतक काल और ग्रहण के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए कुछ विशेष उपाय और सावधानियाँ अपनाई जाती हैं, जो मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से लाभकारी माने जाते हैं।

सूतक काल और ग्रहण समय
ग्रहण समय: 7 सितंबर रात 9:58 बजे से 8 सितंबर सुबह 1:26 बजे तक।
सूतक काल: 7 सितंबर दोपहर 12:45 बजे से शुरू होकर ग्रहण समाप्ति तक चलता है।

जानें! चंद्र ग्रहण क के समय क्या करें क्या न करें ?

ग्रहण के दौरान किए जाने वाले विशेष उपाय

क्या करें:
मंत्र जाप:

  1. गुरु मंत्र का जप करें।
  2. महामृत्युंजय मंत्र,
  3. गायत्री मंत्र या
  4. “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करें •

इस समय मंत्रों की शक्ति हज़ार गुना बढ़ जाती है।

स्नान और शुद्धिकरण:

ग्रहण समाप्त होने पर स्नान करें और घर में गंगाजल का छिड़काव करें।

दान-पुण्य:

ग्रहण के बाद गरीबों को अन्न, वस्त्र या तिल आदि का दान करें। यह नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।

चंद्रग्रहण का विभिन्न राशियों पर पड़ने वाले शुभ-अशुभ फल 

मेष राशि

धन लाभ परन्तु आर्थिक उतार-चढ़ाव बना रहेगा 

वृष राशि

रोग, शरीर में व्याधि व्यावसायिक अड़चनें, पिता का स्वास्थ्य प्रभावित, स्वयं की सेहत का ध्यान 

मिथुन:

संतान संबंधित चिंता ,अपमानित होने का डर 

कर्क:

शत्रुभय, लाभ और खर्च , शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर महसूस कर सकते हैं 

सिंह:

स्वयं या जीवनसाथी का स्वास्थ्य ख़राब हो सकता है

कन्या:

शत्रुओं से संघर्ष, रोग गुप्त चिंता

तुला:

कार्य देर से पूरा होगा , मानसिक परेशानी, संतान और प्रेम में असंतुलन

वृश्चिक:

कार्य सिद्धि एवं लाभ, घरेलू तनाव

धनु:

धन लाभ एवं उन्नति

मकर:

धन का नुकसान संभव, व्यर्थ की यात्रा

कुंभ:

दुर्घटना, शत्रुता, मानसिक और शारीरिक कष्ट

मीन:

धन हानि, साझेदारी में समस्याएँ, मानसिक तनाव, अनावश्यक खर्च, प्रेम में क्लेश