जन्मदिन कैसे मनाना चाहिए | How should celebrate Birthday

जन्मदिन कैसे मनाना चाहिए | How should celebrate Birthdayजन्मदिन कैसे मनाना चाहिए | How should celebrate Birthday | जन्मदिन पर क्या करें क्या नहीं जैसे प्रश्नों का उत्तर इस लेख के माध्यम से जान सकते है। वस्तुतः आज हमलोग जिस संस्कृति के लिए पुरे दुनिया में जाने जाते है यथा वसुधैव कुटुंबकम् ,सर्वे भवन्तु सुखिनः, तमसो माँ ज्योतिर्गमय, , अभिवादनशीलस्य —  वृद्धोपसेविनः आयु आयुर्विद्यायशोबलम्, दीप से दीप जले इत्यादि ऋषि वचन की वैज्ञानिकता को भूल गए है यही नहीं आज की युवा पीढ़ी whatapps के माध्यम से तमसो माँ ज्योतिर्गमय अर्थात “जीवन के समस्त अन्धकार को मिटाकर  प्रकाश फैला दो माँ ” के स्थान पर युवा पीढ़ी यह व्याख्या करती है “ तू सो जा माँ मैं ज्योति ( girl friend ) के पास जा रहा हू” अब आप ही बताये हमारा भविष्य का समाज किस ओर जा रहा है। आज हम सब पाश्चात्य संस्कृति को अपनाकर अपने आप में गर्व महशुश करते है परन्तु यह नहीं सोचते की  होटल या माल में अपने दोस्तों के साथ जन्मदिन मनाने के लिए जरूरत से ज्यादा पैसे मांगने और न मिलने पर आत्महत्या जैसी घटना को, समाज के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है उसके जिम्मेदार कौन है ? वस्तुतः हम सब स्वयं ही है क्योकि कही न कही यह सब हमारे रहन सहन एवं तौर तरीके के प्रभाव के कारण ही ऐसा हो रहा  है।

जन्मदिन और पाश्चात्य प्रभाव | Western Effects on Birthday 

वर्तमान समय में पूरा विश्व समुदाय हमारे वैदिक विज्ञान की श्रेष्ठता स्वीकार करने लगा है वही हम सब उनके शैली को अपनाकर गर्व महसूस करते हैं – जन्मदिन पर केक काटना,  मोमबत्तियाँ जलाकर बुझाना, जन्म दिन के जश्न में शराब मांस का भक्षण करना इत्यादि कार्यक्रम को हमारी भारतीय संस्कृति के अनुरूप नहीं है। आज हम मोमबत्ती जलाते है पुनः उसे बुझाकर हैप्पी बर्थडे कहते है। भारतीय संस्कृति में प्रत्येक शुभ कार्य का प्रारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर करने का विधान है प्रज्वलित दीप को कभी भी बुझाया नहीं जाता है बल्कि अखण्ड जोत जलाया जाता है। प्रज्वलित दीप को बुझाना तो अशुभ माना गया है। बच्चे हमारे कुलदीप हैं, उनके यशकीर्ति तथा उज्ज्वल भविष्य की कामना दीपक जला कर करनी चाहिए, मोमबत्तियाँ  बुझाकर नहीं।

जन्मदिन

जन्मदिन पर क्या करना चाहिए ? What should do on Birthday

प्रातः काल उठकर नित्यक्रिया से निवृत्त होकर सर्वप्रथम मन ही मन अपने इष्टदेव तथा गुरु को प्रणाम करे पुनः माता-पिता ( मातृदेवो भव। पितृदेवो भव ) का चरण स्पर्श कर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। पुनः अष्ट चिरंजीवी ऋषि मुनियों यथा  मार्कण्डेय, वेदव्यासजी, हनुमानजी, अश्वत्थामा, परशुरामजी, कृपाचार्यजी का  स्मरण करना चाहिए कहा जाता है कि इनके नित्य स्मरण मात्र से व्यक्ति निरोगी तथा दीर्घजीवी हो जाता है।

अष्टचिरंजीवी मंत्र

ॐ मार्कण्डेय महाभाग सप्तकरूपान्तजीवन।

चिरंजीवी यथा त्वं भो भविष्यामि तथा मुने।।

अश्वत्थामा बलिव्र्यासो हनूमांश्च विभीषणः।

कृपः परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविनः।।

सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।

जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।

जन्मदिवस के शुभ अवसर पर शिव की आराधना करनी चाहिए साथ ही आयु वृद्धि करने वाला मन्त्र  महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए।

‘ॐ त्रयंबकं यजामहे, सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥’

इस मंत्र का जाप जातक के पूर्ण हुए वर्षों की संख्या के बराबर अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में  आने वाली कठिनाइयाँ शीघ्र ही समाप्त हो जाएगी। यही नहीं यदि किसी अशुभ ग्रह से आप पीड़ित है तो उसमे भी आपको लाभ मिलेगा।

अपने जन्मदिन के शुभावसर पर भगवान के चरणों में दीपक अवश्य जलाना चाहिएं तथा ईश्वर की आराधन पूजा और उनके चरणों में फल फूल, मिठाई, वस्त्र, दक्षिणा अर्पण कर सुख शांति और कष्टों से मुक्ति के लिए आशीर्वाद लेना चाहिए।

जन्मदिन के दिन तिल के तेल का मालिश करके जल में तिल एवं गंगाजल डालकर  — ॐ गंगे च यमुने सरस्वती नर्मदे सिंधु कावेरी अस्मिन् जले सन्निधिं कुरु।  इस मन्त्र को बोलकर स्नान करना चाहिए। स्नान केवल ठन्डे पानी से करना चाहिए।

जातक के जितने वर्ष पूर्ण हुए हैं उतने दीप रात्रि में जलाकर घर में सब जगह रखनी चाहिए इससे जातक में बल बुद्धि तथा तेज तत्त्व की वृद्धि होती है।

इस दिन अपने घर में कोई धार्मिक अनुष्ठान जैसे – सुंदर काण्ड, भगवती जागरण, सत्यनारायण कथा आदि करना अथवा करवाना चाहिए और दाहिने कलाई पर रक्षा मंत्र बोलकर कलावा बंधवाना चाहिए , माथे पर सौभाग्य तिलक और अक्षत लगाये, तथा भगवान को लगाया हुआ प्रसाद जितने लोगों में बाँट सकते है बाटना चाहिए।

अपना जन्म दिन दिनांक के आधार पर न मनाकर भारतीय वैदिक तिथि के अनुसार मनाना श्रेष्ठ माना गया है यदि हम भगवान् का जन्मदिन जैसे – रामनवमी, जन्माष्टमी आदि तिथि के अनुसार मना सकते है तो अपना जन्मदिन तिथि के अनुसार क्यों नहीं ?

शाकाहारी केक का प्रयोग करना ही श्रेष्ठकर होता है।

अपने जन्मदिन के अवसर पर कोई ऐसा काम करने की कोशिश करे जिससे आपको आजीवन प्रेरणा मिलते रहे आप आंवला, पीपल,बरगद इत्यादि  का पेड़ लगा सकते है पेड़ की वृद्धि आपको प्रेरित करते रहेगा।

जन्म कुंडली में जो कोई भी अरिष्ट ग्रह हो अथवा उनकी दशा चल रही हो तो उस दिन विशेष पूजा दान एवं होम द्वारा शांति करवानी चाहिए। यदि आप या आपका बच्चा शारीरिक कष्ट से गुजर रहा है तो अरिष्ट ग्रह का तुला दान कराने से शीघ्र ही रोग से मुक्ति मिलती है।

यदि आपकी साढ़े साती चल रही है या शनि की ढैया चल रही हो तो अपने जन्मदिन के दिन अवश्य ही छायापात्र का दान करना चाहिए तथा संभव हो तो अंध विद्यालय, गोशाला, अस्प्ताल  कुष्ठाश्रम इत्यादि में जाकर अन्न वस्त्र आदि का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी आर्थिक लाभ, आयु, विद्या, यश एवं बल की वृद्धि होगी।

जन्मदिन पर क्या नहीं करना चाहिए |  Should not do on Birthday 

जन्मदिन के शुभावसर पर तामसिक भोजन, मदिरा सेवन तथा अनैतिक क्रिया-कलाप करने से परहेज करना चाहिए।

जन्मदिन

जन्मदिन पर नाखून एवं बाल काटना नहीं काटना चाहिए।

वाहन चलाना या वाहन से यात्रा नहीं करना चाहिए।

घर में कलह अथवा किसी से लड़ाई-झगड़े बचने की हर संभव कोशिश करनी चहिए।

मॉस मदिरा के सेवन नहीं करे।

मोमबत्ती जलाकर जन्मदिन मनाने से बचें क्योकि केक के ऊपर मोमबत्ती जलाकर बुझाना अशुभ है परन्तु आजकल इसका ही प्रचलन हो गया है फिर भी आप परिहार स्वरूप  मोमबत्ती जलाए परन्तु मुंह से बुझाए नहीं बल्कि सभी प्रज्ज्वलित मोमबत्तियों को अपने घर के प्रत्येक स्थान पर रख दे इससे आपके और आपके घर के अंदर नकारात्मक ऊर्जा से भी मुक्ति मिल जायेगा।

6 Comments

  1. बहुत अच्छा लगा यह जानकर कि आज भी हमारी भारतीय संस्कृति आज इस आधुनिक युग में भी जिंदा है।
    धन्यवाद आपके इस अमूल्य योगदान के लिए…..

  2. Ascha lga ye jankr ki aaj bhi Hindu culture Ko Jinda rakha ja rha h …..nice sir thanks for everything

  3. हमें अपनी संस्कृति पे गर्व है पर हमें गर्व पूर्वक पालन करते हुए अपनी संस्कृति का सम्मान करना चाहिए तभी हमारी संस्कृति चीर जीवित हो सकेगी नहीं तो यह केवल लिखित ही रहेगी।

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